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भरतपुर: समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद जारी...फिर भी किसान उतरे हुए चेहरों से लौट रहे घर...जानिए, क्या है वजह - भरतपुर

भरतपुर के समर्थन मूल्य खरीद केंद्र पर सरसों की फसल की खरीद हो रही है लेकिन केंद्र पर किसानों की सरसों की फसल एक निर्धारित सीमा तक ही खरीदी जा रही है जहां किसानों को अपनी बकाया फसल को घर के लिए वापस ले जाना पड़ रहा है. साथ ही खरीद के बाद भी भुगतान के लिए किसानों को भटकना पड़ रहा है. इससे किसान काफी परेशान नजर आए.

भुगतान में विलंब से किसान परेशान
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Published : Apr 12, 2019, 6:13 PM IST

भरतपुर. समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद जारी है, लेकिन साथ ही जिले में बनाए गए खरीद केंद्र पर कईं शिकायतें भी सामने आ रही है. जैसे कि खरीद पूरी नहीं होने व भुगतान में काफी विलम्ब होने से शुक्रवार को भी किसान परेशान नजर आए. किसानों का आरोप है कि फसल एक निर्धारित सीमा तक ही खरीदी जा रही है, जिससे किसानों को अपनी बाकि फसल को घर वापस ले जाना पड़ रहा है.

दरअसल, सरकार कि ओर से निर्धारित मूल्य पर किसानों की ओर से सरसों की फसल की खरीद समर्थन मूल्य खरीद केंद्रों पर की जा रही है और सरकार कि ओर से 25 क्विंटल तक प्रति किसान की खरीद निर्धारित की गई है.
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से देश के सभी राज्यों में इन खरीद केंद्रों की स्थापना की गई है. जिससे किसानों की फसल की खरीद समर्थन मूल्य पर हो सके और किसानों को लाभ मिल सके.

ऐसे होती है खरीद
राजस्थान सरकार द्वारा भी फिलहाल सरसों की फसल की खरीद के लिए खरीद समर्थन मूल्य केंद्र स्थापित किये गए है जहां किसान अपनी सरसों की फसल की गिरदावरी प्रमाण पत्र बनवाएंगे और फिर उसका राजफेड की वेबसाइट पर पंजीकृत कराएंगे, जिसके बाद किसानों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर राजफेड कि ओर से सरसों की खरीद के लिए सूचना मिलेगी और फिर तय किए गए दिन किसान खरीद केंद्र पर सरसों बेचने के लिए अपने फसल को लेकर जाते है.

किसानों का आरोप- 25 कि बजाय 18 क्विंटल की ही हो रही खरीद
जिले में सरसों बेचने आ रहे किसानों का आरोप है की उनको राजफेड से सूचना मिली थी की अपनी सरसों की 25 क्विंटल फसल को बेचने के लिए केंद्र पर पहुंचे और जब किसान केंद्र पर अपनी सरसों को बेचने के लिए पहुंचे तो वहां 25 क्विंटल की बजाय सिर्फ 18 क्विंटल की ही खरीद होने की बात कही गई. बाकी उपज को लेकर किसान वापस अपने घर ले जाने को मजबूर है.

भुगतान में विलंब से किसान परेशान

15-20 दिन में होता है भुगतान
किसानों ने आरोप लगाया है कि भुगतान में भी समस्या आ रही है. समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है. इससे किसानों में निराशा व्याप्त है. किसानों की फसल खरीदने के बाद भुगतान राज्य सहकारी क्रय विक्रय संघ लिमिटेड कि ओर से किया जाता है जिसमें काफी समय भी लग जाता है. यहां तक की भुगतान में करीब 15 से 20 दिन तक का समय भी लग जाता है लेकिन किसान भुगतान के लिए इतने लम्बे समय का इन्तजार करने की स्थिति में नहीं रहता है क्योंकि अपनी जरूरतों के लिए किसान जिस फसल का एक वर्ष तक इन्तजार करता है उसे अपने परिवार की जरुरत के लिए धन कि शिघ्र आवश्यकता होती है. साथ ही फसल के लिए ली गई उधारी भी शिघ्र चुकानी होती है.

25 क्विंटल तक की खरीद का ही आदेश

जानकारी के मुताबिक राजस्थान सरकार ने आदेश जारी किया है की प्रदेश में समर्थन मूल्य पर सरसों की फसल की खरीद सिर्फ 8.30 लाख क्विंटल तक ही की जाए. सरसों की पैदावार 18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मानी गई है और प्रति किसान की सरसों की फसल अधिकतम सिर्फ 25 क्विंटल तक की खरीद की जाएगी लेकिन किसानों का आरोप है की बहुत से किसानों की भूमि में 50 से 100 क्विंटल तक सरसों पैदा हुई है. ऐसे में उस फसल को किसान कहां बेचने जाएंगे.

किसानों की फसल खरीदने के बाद भुगतान राज्य सहकारी क्रय विक्रय संघ लिमिटेड द्वारा किया जाता है जिसमे काफी समय भी लग जाता है यहाँ तक की भुगतान में करीब 15 से 20 दिन तक का समय भी लग जाता है लेकिन किसान भुगतान के लिए इतने लम्बे समय का इन्तजार करने की स्थिति में नहीं रहता है क्योंकि अपनी जरूरतों के लिए किसान जिस फसल का एक वर्ष तक इन्तजार करता है उसे अपने परिवार की जरुरत व् पुत्र पुत्रियों की शादी भी करनी होती है और फसल को तैयार करने में आयी लागतों को चुकाना भी पड़ता है

भरतपुर. समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद जारी है, लेकिन साथ ही जिले में बनाए गए खरीद केंद्र पर कईं शिकायतें भी सामने आ रही है. जैसे कि खरीद पूरी नहीं होने व भुगतान में काफी विलम्ब होने से शुक्रवार को भी किसान परेशान नजर आए. किसानों का आरोप है कि फसल एक निर्धारित सीमा तक ही खरीदी जा रही है, जिससे किसानों को अपनी बाकि फसल को घर वापस ले जाना पड़ रहा है.

दरअसल, सरकार कि ओर से निर्धारित मूल्य पर किसानों की ओर से सरसों की फसल की खरीद समर्थन मूल्य खरीद केंद्रों पर की जा रही है और सरकार कि ओर से 25 क्विंटल तक प्रति किसान की खरीद निर्धारित की गई है.
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से देश के सभी राज्यों में इन खरीद केंद्रों की स्थापना की गई है. जिससे किसानों की फसल की खरीद समर्थन मूल्य पर हो सके और किसानों को लाभ मिल सके.

ऐसे होती है खरीद
राजस्थान सरकार द्वारा भी फिलहाल सरसों की फसल की खरीद के लिए खरीद समर्थन मूल्य केंद्र स्थापित किये गए है जहां किसान अपनी सरसों की फसल की गिरदावरी प्रमाण पत्र बनवाएंगे और फिर उसका राजफेड की वेबसाइट पर पंजीकृत कराएंगे, जिसके बाद किसानों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर राजफेड कि ओर से सरसों की खरीद के लिए सूचना मिलेगी और फिर तय किए गए दिन किसान खरीद केंद्र पर सरसों बेचने के लिए अपने फसल को लेकर जाते है.

किसानों का आरोप- 25 कि बजाय 18 क्विंटल की ही हो रही खरीद
जिले में सरसों बेचने आ रहे किसानों का आरोप है की उनको राजफेड से सूचना मिली थी की अपनी सरसों की 25 क्विंटल फसल को बेचने के लिए केंद्र पर पहुंचे और जब किसान केंद्र पर अपनी सरसों को बेचने के लिए पहुंचे तो वहां 25 क्विंटल की बजाय सिर्फ 18 क्विंटल की ही खरीद होने की बात कही गई. बाकी उपज को लेकर किसान वापस अपने घर ले जाने को मजबूर है.

भुगतान में विलंब से किसान परेशान

15-20 दिन में होता है भुगतान
किसानों ने आरोप लगाया है कि भुगतान में भी समस्या आ रही है. समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है. इससे किसानों में निराशा व्याप्त है. किसानों की फसल खरीदने के बाद भुगतान राज्य सहकारी क्रय विक्रय संघ लिमिटेड कि ओर से किया जाता है जिसमें काफी समय भी लग जाता है. यहां तक की भुगतान में करीब 15 से 20 दिन तक का समय भी लग जाता है लेकिन किसान भुगतान के लिए इतने लम्बे समय का इन्तजार करने की स्थिति में नहीं रहता है क्योंकि अपनी जरूरतों के लिए किसान जिस फसल का एक वर्ष तक इन्तजार करता है उसे अपने परिवार की जरुरत के लिए धन कि शिघ्र आवश्यकता होती है. साथ ही फसल के लिए ली गई उधारी भी शिघ्र चुकानी होती है.

25 क्विंटल तक की खरीद का ही आदेश

जानकारी के मुताबिक राजस्थान सरकार ने आदेश जारी किया है की प्रदेश में समर्थन मूल्य पर सरसों की फसल की खरीद सिर्फ 8.30 लाख क्विंटल तक ही की जाए. सरसों की पैदावार 18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मानी गई है और प्रति किसान की सरसों की फसल अधिकतम सिर्फ 25 क्विंटल तक की खरीद की जाएगी लेकिन किसानों का आरोप है की बहुत से किसानों की भूमि में 50 से 100 क्विंटल तक सरसों पैदा हुई है. ऐसे में उस फसल को किसान कहां बेचने जाएंगे.

किसानों की फसल खरीदने के बाद भुगतान राज्य सहकारी क्रय विक्रय संघ लिमिटेड द्वारा किया जाता है जिसमे काफी समय भी लग जाता है यहाँ तक की भुगतान में करीब 15 से 20 दिन तक का समय भी लग जाता है लेकिन किसान भुगतान के लिए इतने लम्बे समय का इन्तजार करने की स्थिति में नहीं रहता है क्योंकि अपनी जरूरतों के लिए किसान जिस फसल का एक वर्ष तक इन्तजार करता है उसे अपने परिवार की जरुरत व् पुत्र पुत्रियों की शादी भी करनी होती है और फसल को तैयार करने में आयी लागतों को चुकाना भी पड़ता है

Intro:भरतपुर_12-0-2019


हैडलाइन -समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद लेकिन पूरी खरीद नहीं होने व् भुगतान में काफी बिलम्ब होने से किसान परेशान  


वर्जन  - सुरेंद्र सिंह,किसान 

वर्जन  - घमंडी सिंह,किसान 

वर्जन  - राजेंद्र शर्मा,किसान 

वर्जन - गुल्ली सिंह,किसान 

ट्रांसक्रिप्ट----समर्थन मूल्य खरीद केंद्र पर सरसों की फसल की खरीद हो रही है लेकिन केंद्र पर किसानों की सरसों की फसल एक निर्धारित सीमा तक ही खरीदी जा रही है जहाँ किसानों को अपनी बकाया फसल को घर के लिए बापस ले जाना पड़ रहा है साथ ही खरीद के बाद भी भुगतान के लिए किसानों को भटकना पड़ रहा है जबकि किसान अपनी फसल इसलिए बेचता है जिससे किसान अपने निजी कार्यों को कर सकें | 

 

वर्जन - नाहर सिंह,सदस्य फल सब्जी विक्रय समिति 

ट्रांसक्रिप्ट---सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर किसानों की सरसों की फसल की खरीद समर्थन मूल्य खरीद केंद्रों पर की जा रही है और सरकार द्वारा 25 क्विंटल तक प्रति किसान की खरीद निर्धारित की गयी है | रोजाना किसानों की सरसों की फसल की खरीद केंद्रों पर हो रही है | 


विज़ुअल्स डिटेल्स_समर्थन मूल्य केंद्र पर सरसों की फसल की खरीद,किसान और बाइट सम्मलित है | 


भरतपुर  - राजस्थान के भरतपुर में केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत किसानों के लिए समर्थन मूल्य खरीद केंद्रों की स्थापना की गयी और उसके बाद देश के सभी राज्यों में इन केंद्रों की स्थापना की गयी है जहाँ हर जिले में राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य खरीद केंद्रों की स्थापना की गयी है जिससे किसानों की फसल की खरीद समर्थन मूल्य पर हो सके और किसानों को लाभ मिल सके | 

राजस्थान सरकार द्वारा भी किसानों की फिलहाल सरसों की फसल की खरीद के लिए सरसों की खरीद समर्थन मूल्य केंद्र स्थापित किये गए है जहाँ किसान अपनी सरसों की फसल की गिरदावरी प्रमाण पत्र बनवाएंगे और फिर उसका राजफेड की वेबसाइट पर पंजीकृत कराएँगे जिसके बाद किसानों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर राजफेड द्वारा सरसों की खरीद के लिए सूचना मिलेगी और फिर तय किये गए दिन किसान खरीद केंद्र पर सरसों बेचने के लिए अपने फसल को लेकर जाते है | 

राजस्थान के भरतपुर में भी राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य खरीद केंद्र खोला गया है जहाँ किसानों की सरसों की फसल की खरीद हो रही है लेकिन यहाँ सरसों बेचने आ रहे किसानों का आरोप है की उनको राजफेड से सूचना मिली थी की अपनी सरसों की 25 क्विंटल फसल को बेचने के लिए केंद्र पर पहुंचे और जब किसान केंद्र पर अपनी सरसों को बेचने के लिए पहुंचे तो वहां 25 क्विंटल की बजाय सिर्फ 18 क्विंटल की ही खरीद हो रही है बाकी उपज को लेकर किसान बापस अपने घर ले जा रहे है | 

किसानों का आरोप है की उनकी सरसों की फसल पैदा होने की जो गिरदावरी प्रमाण पत्र बना था उससे कम खरीद हो रही है और उसके भुगतान के लिए भी किसानों को भटकना पड़ रहा है जबकि किसान फसल को इसलिए बेचता है जिससे वह अपने कार्यों व् शादी विभाग के लिए काम ले सके लेकिन भुगतना नहीं होने से किसानों को परेशान होना पड़ रहा है |  

जानकारी के मुताबिक राजस्थान सरकार ने आदेश जारी किया है की प्रदेश में समर्थन मूल्य पर सरसों की फसल की खरीद सिर्फ 8.30 लाख क्विंटल तक ही की जाए | सरसों की पैदावार 18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मानी गयी है और प्रति किसान की सरसों की फसल अधिकतम सिर्फ 25 क्विंटल तक की खरीद की जाएगी लेकिन किसानों का आरोप है की बहुत सारे किसानों की भूमि में 50 से 100 क्विंटल तक सरसों पैदा हुई है उसको किसान कहा बेचने जाएंगे | 

किसानों की फसल खरीदने के बाद भुगतान राज्य सहकारी क्रय विक्रय संघ लिमिटेड द्वारा किया जाता है जिसमे काफी समय भी लग जाता है यहाँ तक की भुगतान में करीब 15 से 20 दिन तक का समय भी लग जाता है लेकिन किसान भुगतान के लिए इतने लम्बे समय का इन्तजार करने की स्थिति में नहीं रहता है क्योंकि अपनी जरूरतों के लिए किसान जिस फसल का एक वर्ष तक इन्तजार करता है उसे अपने परिवार की जरुरत व् पुत्र पुत्रियों की शादी भी करनी होती है और फसल को तैयार करने में आयी लागतों को चुकाना भी पड़ता है | 






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