भरतपुर. समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद जारी है, लेकिन साथ ही जिले में बनाए गए खरीद केंद्र पर कईं शिकायतें भी सामने आ रही है. जैसे कि खरीद पूरी नहीं होने व भुगतान में काफी विलम्ब होने से शुक्रवार को भी किसान परेशान नजर आए. किसानों का आरोप है कि फसल एक निर्धारित सीमा तक ही खरीदी जा रही है, जिससे किसानों को अपनी बाकि फसल को घर वापस ले जाना पड़ रहा है.
दरअसल, सरकार कि ओर से निर्धारित मूल्य पर किसानों की ओर से सरसों की फसल की खरीद समर्थन मूल्य खरीद केंद्रों पर की जा रही है और सरकार कि ओर से 25 क्विंटल तक प्रति किसान की खरीद निर्धारित की गई है.
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से देश के सभी राज्यों में इन खरीद केंद्रों की स्थापना की गई है. जिससे किसानों की फसल की खरीद समर्थन मूल्य पर हो सके और किसानों को लाभ मिल सके.
ऐसे होती है खरीद
राजस्थान सरकार द्वारा भी फिलहाल सरसों की फसल की खरीद के लिए खरीद समर्थन मूल्य केंद्र स्थापित किये गए है जहां किसान अपनी सरसों की फसल की गिरदावरी प्रमाण पत्र बनवाएंगे और फिर उसका राजफेड की वेबसाइट पर पंजीकृत कराएंगे, जिसके बाद किसानों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर राजफेड कि ओर से सरसों की खरीद के लिए सूचना मिलेगी और फिर तय किए गए दिन किसान खरीद केंद्र पर सरसों बेचने के लिए अपने फसल को लेकर जाते है.
किसानों का आरोप- 25 कि बजाय 18 क्विंटल की ही हो रही खरीद
जिले में सरसों बेचने आ रहे किसानों का आरोप है की उनको राजफेड से सूचना मिली थी की अपनी सरसों की 25 क्विंटल फसल को बेचने के लिए केंद्र पर पहुंचे और जब किसान केंद्र पर अपनी सरसों को बेचने के लिए पहुंचे तो वहां 25 क्विंटल की बजाय सिर्फ 18 क्विंटल की ही खरीद होने की बात कही गई. बाकी उपज को लेकर किसान वापस अपने घर ले जाने को मजबूर है.
15-20 दिन में होता है भुगतान
किसानों ने आरोप लगाया है कि भुगतान में भी समस्या आ रही है. समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है. इससे किसानों में निराशा व्याप्त है. किसानों की फसल खरीदने के बाद भुगतान राज्य सहकारी क्रय विक्रय संघ लिमिटेड कि ओर से किया जाता है जिसमें काफी समय भी लग जाता है. यहां तक की भुगतान में करीब 15 से 20 दिन तक का समय भी लग जाता है लेकिन किसान भुगतान के लिए इतने लम्बे समय का इन्तजार करने की स्थिति में नहीं रहता है क्योंकि अपनी जरूरतों के लिए किसान जिस फसल का एक वर्ष तक इन्तजार करता है उसे अपने परिवार की जरुरत के लिए धन कि शिघ्र आवश्यकता होती है. साथ ही फसल के लिए ली गई उधारी भी शिघ्र चुकानी होती है.
25 क्विंटल तक की खरीद का ही आदेश
जानकारी के मुताबिक राजस्थान सरकार ने आदेश जारी किया है की प्रदेश में समर्थन मूल्य पर सरसों की फसल की खरीद सिर्फ 8.30 लाख क्विंटल तक ही की जाए. सरसों की पैदावार 18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मानी गई है और प्रति किसान की सरसों की फसल अधिकतम सिर्फ 25 क्विंटल तक की खरीद की जाएगी लेकिन किसानों का आरोप है की बहुत से किसानों की भूमि में 50 से 100 क्विंटल तक सरसों पैदा हुई है. ऐसे में उस फसल को किसान कहां बेचने जाएंगे.
किसानों की फसल खरीदने के बाद भुगतान राज्य सहकारी क्रय विक्रय संघ लिमिटेड द्वारा किया जाता है जिसमे काफी समय भी लग जाता है यहाँ तक की भुगतान में करीब 15 से 20 दिन तक का समय भी लग जाता है लेकिन किसान भुगतान के लिए इतने लम्बे समय का इन्तजार करने की स्थिति में नहीं रहता है क्योंकि अपनी जरूरतों के लिए किसान जिस फसल का एक वर्ष तक इन्तजार करता है उसे अपने परिवार की जरुरत व् पुत्र पुत्रियों की शादी भी करनी होती है और फसल को तैयार करने में आयी लागतों को चुकाना भी पड़ता है