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भगवान भरोसे! इस अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं आते, इलाज करे तो कौन...

भरतपुर के बयाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की लापरवाही का नजारा साफ देखा जा सकता है. बुधवार को जब इटीवी भारत की टीम इस स्वास्थ्य केंद्र का हाल जानने पहुंची, तो पता चला कि वहां शाम के वक्त ओपीडी में चिकित्सक नहीं पहुंचे हैं. जिसके कारण मरीज बिना इलाज के ही वापस लौट रहे हैं.

बयाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, bayana Community Health Center
डॉक्टर अस्पताल से नदारद
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Published : Feb 6, 2020, 12:27 PM IST

बयाना (भरतपुर). बयाना का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भगवान भरोसे चल रहा है. यहां ना तो आउट डोर समय में चिकित्सक मिलते हैं और ना ही मरीजों की जरूरी जांच हो पाती है. हालात यह है कि शाम के वक्त भी ओपीडी में चिकित्सक नहीं पहुंचते. ऐसे में दूर-दराज से आए हुए मरीज बिना उपचार के ही वापस लौट जाते हैं.

इस संबंध में मरीजों की ओर से कई बार जिम्मेदारों से शिकायत भी की गई है, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. स्वास्थ्य केंद्र में एक दिन में दो बार सुबह और शाम के वक्त ओपीडी लगती है. शाम को 4 बजे से 6 बजे तक ओपीडी का समय रहता है, लेकिन शाम की ओपीडी में देर तक चिकित्सक नहीं पहुंचते.

बयाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा भगवान भरोसे

अस्पताल के हालातों का जायजा लेने के लिए बुधवार शाम को जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची, तो यहां कई महिलाएं अपने छोटे-छोटे मासूम बच्चों को गोद में लेकर चिकित्सकों का इंतजार करती हुई नजर आईं. महिलाओं ने बताया कि वह काफी देर से शिशु रोग विशेषज्ञ का इंतजार कर रही हैं, लेकिन ओपीडी में चिकित्सक नहीं है. जिसकी वजह से अब उन्हें बिना उपचार के ही वापस लौटना पड़ रहा है. जबकि वो दूर-दराज के गांव से यहां पहुंचती है.

पढ़ें: किसानों के लिए बर्बादी बनकर आते हैं टिड्डी दल, करते हैं फसलों का विनाश

गौरतलब है कि बयाना समेत जिले के सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का सुबह और शाम के वक्त ओपीडी खुलता है. लेकिन चिकित्सक सुबह की ओपीडी में हाजिरी लगाकर शाम को नहीं लौटते. ऐसे में मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कुछ दिन पूर्व भरतपुर एसडीएम ने भी कई चिकित्सा संस्थानों का दौरा किया था, जिसमें कई चिकित्सक और चिकित्सा कर्मी नदारद मिले थे.

बयाना (भरतपुर). बयाना का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भगवान भरोसे चल रहा है. यहां ना तो आउट डोर समय में चिकित्सक मिलते हैं और ना ही मरीजों की जरूरी जांच हो पाती है. हालात यह है कि शाम के वक्त भी ओपीडी में चिकित्सक नहीं पहुंचते. ऐसे में दूर-दराज से आए हुए मरीज बिना उपचार के ही वापस लौट जाते हैं.

इस संबंध में मरीजों की ओर से कई बार जिम्मेदारों से शिकायत भी की गई है, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. स्वास्थ्य केंद्र में एक दिन में दो बार सुबह और शाम के वक्त ओपीडी लगती है. शाम को 4 बजे से 6 बजे तक ओपीडी का समय रहता है, लेकिन शाम की ओपीडी में देर तक चिकित्सक नहीं पहुंचते.

बयाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा भगवान भरोसे

अस्पताल के हालातों का जायजा लेने के लिए बुधवार शाम को जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची, तो यहां कई महिलाएं अपने छोटे-छोटे मासूम बच्चों को गोद में लेकर चिकित्सकों का इंतजार करती हुई नजर आईं. महिलाओं ने बताया कि वह काफी देर से शिशु रोग विशेषज्ञ का इंतजार कर रही हैं, लेकिन ओपीडी में चिकित्सक नहीं है. जिसकी वजह से अब उन्हें बिना उपचार के ही वापस लौटना पड़ रहा है. जबकि वो दूर-दराज के गांव से यहां पहुंचती है.

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गौरतलब है कि बयाना समेत जिले के सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का सुबह और शाम के वक्त ओपीडी खुलता है. लेकिन चिकित्सक सुबह की ओपीडी में हाजिरी लगाकर शाम को नहीं लौटते. ऐसे में मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कुछ दिन पूर्व भरतपुर एसडीएम ने भी कई चिकित्सा संस्थानों का दौरा किया था, जिसमें कई चिकित्सक और चिकित्सा कर्मी नदारद मिले थे.

Intro:बयाना (भरतपुर).
बयाना का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भगवान भरोसे चल रहा है। यहां ना तो आउटडोर समय में चिकित्सक मिलते हैं और ना ही मरीजों की जरूरी जांचें हो पाती हैं। हालात यह है कि शाम के वक्त की ओपीडी में चिकित्सक नहीं पहुंचते। ऐसे में दूरदराज से आए हुए मरीज बिना उपचार के ही वापस लौट जाते हैं। इस संबंध में मरीजों द्वारा कई बार जिम्मेदारों से शिकायत भी की गई लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं होती।Body:सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के दिन में दो बार सुबह और शाम के वक्त ओपीडी लगती है। शाम को 4 बजे से 6 बजे तक ओपीडी का समय रहता है लेकिन शाम की ओपीडी में देर तक चिकित्सक नहीं पहुंचते।

अस्पताल की हालातों को जायजा लेने के लिए बुधवार शाम को जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची, तो यहां कई महिलाएं अपने छोटे-छोटे मासूम बच्चों को गोद में लेकर चिकित्सकों का इंतजार करती हुई नजर आई। महिलाओं ने बताया कि वह देर से शिशु रोग विशेषज्ञ का इंतजार कर रही हैं लेकिन ओपीडी में चिकित्सक नहीं है। महिलाओं ने बताया कि वह देर से चिकित्सकों का इंतजार कर रही है। चिकित्सक नहीं मिलने की वजह से अब उन्हें बिना उपचार के ही वापस लौटना पड़ेगा। जबकि वो दूरदराज के गांव से यहां पहुंचती है।Conclusion:गौरतलब है कि बयाना समेत जिले के सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का सुबह के साथ ही शाम के वक्त भी ओपीडी खुलता है। लेकिन चिकित्सक सुबह की ओपीडी में हाजिरी लगाकर शाम को नहीं लौटते। ऐसे में मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कुछ दिन पूर्व भरतपुर एसडीएम ने भी कई चिकित्सा संस्थानों का दौरा किया था जिसमें कई चिकित्सक और चिकित्सा कर्मी नदारद मिले थे।

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