भरतपुर. जिले में डेंगू और मौसमी बीमारियां कहर बरपा रही हैं. सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड फुल हैं. डेंगू बड़ों के साथ ही बच्चों को भी चपेट में ले रहा है. हालात ये हैं कि जिले में बीते 3 वर्षों में इस वर्ष अब तक डेंगू के सर्वाधिक मरीज सामने आए हैं. डेंगू बच्चों के लीवर और फेफड़ों पर अटैक कर रहा है. शिशु रोग विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों में खांसी, जुकाम और बुखार के लक्षण नजर आते ही तुरंत चिकित्सकीय सलाह पर उपचार शुरू कर दें.
तीन साल में सबसे अधिक डेंगू मरीज
इस वर्ष जिले में अच्छी बरसात होने की वजह से जगह-जगह जमा हुए पानी के कारण डेंगू बीमारी तेजी से फैल रही है. चिकित्सा विभाग के आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2019 में जहां जिले भर में डेंगू के 474 मरीज सामने आए थे, वहीं 2020 में 123 मरीज और वर्ष 2021 में जनवरी से 29 अक्टूबर तक 710 लोग चपेट में आ चुके हैं. हालांकि चिकित्सा विभाग के आंकड़ों की माने तो जिले में अब तक डेंगू से एक भी मौत दर्ज नहीं की गई है लेकिन अनऑफिशियल रूप से जिले में आधा दर्जन से अधिक लोगों की डेंगू से मौत हो चुकी है.
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फेफड़े और लीवर पर अटैक
जनाना अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एल के मिश्रा ने बताया कि बच्चों में भी डेंगू के बड़ी संख्या में केस सामने आ रहे हैं. इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे बच्चों में डेंगू के कारण लीवर और फेफड़ों में इंफेक्शन ज्यादा हो रहा है. कुछ बच्चों में पेट मे पानी भरने की समस्या भी हो रही है. डॉ. एलके मिश्रा ने कहा कि यदि बच्चों में खांसी, जुखाम, बुखार के सामान्य लक्षण भी नजर आए तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें.