भरतपुर. जिले के चिकसाना थाना क्षेत्र निवासी परिजन नाबालिग बेटी का बाल विवाह करना चाह रहे थे. बाल विवाह की सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं थी. बारात पहुंचने वाली थी, लेकिन इससे पहले प्रशासन को इसकी भनक लग गई. प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर पूरे मामले की जांच की तो लड़की नाबालिग पाई गई. प्रशासन ने न केवल परिजनों को बल्कि टेंट शामियाने वाले, बैंड बाजे वाले को भी पाबंद कर दिया. परिजनों ने प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने के लिए कागजों में भी हेरफेर कर दी.
बेटी को बता रहे थे बालिग : एसडीएम देवेंद्र परमार ने बताया कि चिकसाना थाना क्षेत्र में बाल विवाह की सूचना मिली थी. सूचना मिलते ही पुलिस जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे. मौके पर शादी की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थी. परिजनों से बात की तो उन्होंने बच्ची के बालिग होने की बात कही और विवाह को सही ठहराने का प्रयास किया.
ऐसे खुला भेद : देवेंद्र परमार ने बताया कि परिजनों ने बच्ची का आधार कार्ड दिखाया, जिसमें उसकी उम्र 19 साल थी. आधार कार्ड और परिजनों की बातों पर शक हुआ तो गांव के सरकारी स्कूल के प्राचार्य को मौके पर बुलाया और बच्ची के स्कूल रिकॉर्ड मंगवाए गए. बच्ची के स्कूल रिकॉर्ड देखे तो बच्ची की उम्र 15 वर्ष पाई गई. कागजों में बच्ची की उम्र 15 वर्ष साबित होने के बाद पुलिस और प्रशासन ने नाबालिग के परिजन, हलवाई, पंडित, टेंट वाले सभी को पाबंद करके बाल विवाह रुकवाया. साथ ही मौके से विवाह की सभी तैयारियों को रुकवा दिया गया.