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साधु आत्मदाह मामला: साधु-संतों ने तीन मंत्रियों समेत 5 के खिलाफ थाने में दिया परिवाद - साधु आत्मदाह मामला

भरतपुर में संत विजय दास के आत्मदाह के बाद मौत को लेकर साधु-संतों ने सरकार के तीन मंत्रियों सहित 5 के खिलाफ नामजद परिवाद खोह थाने में दिया (Complaint in saint Vijay Das self immolation case) है. साधु-संतों ने राज्यमंत्री जाहिदा खान, खान मंत्री प्रमोद भाया जैन और मंत्री रामलाल जाट समेत 5 के खिलाफ परिवाद दिया है.

Complaint in saint Vijay Das self immolation case
साधु आत्मदाह मामला: साधु-संतों ने तीन मंत्रियों समेत 5 के खिलाफ थाने में दिया परिवाद
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Published : Jul 26, 2022, 9:09 PM IST

Updated : Jul 26, 2022, 11:08 PM IST

भरतपुर. जिले के आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत को बचाने एवं खनन के खिलाफ आंदोलन के दौरान संत विजय दास के आत्मदाह करने के मामले में मंगलवार को साधु-संतों ने खोह थाने में परिवाद दिया (Complaint in saint Vijay Das self immolation case) है. संतों ने राज्यमंत्री जाहिदा खान, खान मंत्री प्रमोद भाया जैन और मंत्री रामलाल जाट समेत 5 के खिलाफ नामजद परिवाद देते हुए कार्रवाई की मांग की है. हालांकि पुलिस ने मामला दर्ज करने से पहले इसे उच्चाधिकारियों के पास मार्गदर्शन के लिए भेजा है.

मान मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री, बाबा गोपेश ने परिवाद देते हुए संत विजय दास के आत्मदाह के पीछे राज्य मंत्री जाहिदा खान समेत दो अन्य मंत्रियों एवं पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है. साधु-संतों ने परिवाद में लिखा है कि पर्वतों को बचाने के लिए बीते 12 वर्ष से आंदोलन चल रहा है, लेकिन सरकार ने कभी सुनवाई नहीं की. आरोप है कि 10 माह पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोनों पर्वत क्षेत्रों को वन क्षेत्र में शामिल करने पर सहमति भी जता दी थी.

पढ़ें: Mining in Bharatpur : राज्यमंत्री जाहिदा को हटाने की मांग, अब बाबा गोपेश्वर ने दी जयपुर में आंदोलन और आत्मदाह की चेतावनी...

इसको लेकर तत्कालीन जिला कलेक्टर ने प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेज दिया था. आरोप है कि स्थानीय विधायक जाहिदा खान, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों एवं खनन व्यवसायियों की मिलीभगत के चलते क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित नहीं किया जा सका. साधु-संतों ने वन क्षेत्र घोषित होने में देरी की वजह राज्य मंत्री जाहिदा खान, खान व्यवसायियों और अधिकारियों की मिलीभगत होने का आरोप लगाया है. साथ ही कहा कि यदि समय से इस क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाता, तो संत विजय दास को आत्मदाह करने के लिए विवश नहीं होना पड़ता.

भरतपुर. जिले के आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत को बचाने एवं खनन के खिलाफ आंदोलन के दौरान संत विजय दास के आत्मदाह करने के मामले में मंगलवार को साधु-संतों ने खोह थाने में परिवाद दिया (Complaint in saint Vijay Das self immolation case) है. संतों ने राज्यमंत्री जाहिदा खान, खान मंत्री प्रमोद भाया जैन और मंत्री रामलाल जाट समेत 5 के खिलाफ नामजद परिवाद देते हुए कार्रवाई की मांग की है. हालांकि पुलिस ने मामला दर्ज करने से पहले इसे उच्चाधिकारियों के पास मार्गदर्शन के लिए भेजा है.

मान मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री, बाबा गोपेश ने परिवाद देते हुए संत विजय दास के आत्मदाह के पीछे राज्य मंत्री जाहिदा खान समेत दो अन्य मंत्रियों एवं पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है. साधु-संतों ने परिवाद में लिखा है कि पर्वतों को बचाने के लिए बीते 12 वर्ष से आंदोलन चल रहा है, लेकिन सरकार ने कभी सुनवाई नहीं की. आरोप है कि 10 माह पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोनों पर्वत क्षेत्रों को वन क्षेत्र में शामिल करने पर सहमति भी जता दी थी.

पढ़ें: Mining in Bharatpur : राज्यमंत्री जाहिदा को हटाने की मांग, अब बाबा गोपेश्वर ने दी जयपुर में आंदोलन और आत्मदाह की चेतावनी...

इसको लेकर तत्कालीन जिला कलेक्टर ने प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेज दिया था. आरोप है कि स्थानीय विधायक जाहिदा खान, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों एवं खनन व्यवसायियों की मिलीभगत के चलते क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित नहीं किया जा सका. साधु-संतों ने वन क्षेत्र घोषित होने में देरी की वजह राज्य मंत्री जाहिदा खान, खान व्यवसायियों और अधिकारियों की मिलीभगत होने का आरोप लगाया है. साथ ही कहा कि यदि समय से इस क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाता, तो संत विजय दास को आत्मदाह करने के लिए विवश नहीं होना पड़ता.

Last Updated : Jul 26, 2022, 11:08 PM IST
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