भरतपुर. जिले में रह-रहकर हो रही बरसात और ओलावृष्टि ने किसान की चिंता बढ़ा दी है. शुक्रवार रात और शनिवार शाम को रुक-रुक कर बरसात हुई. शनिवार शाम को जिले के कुम्हेर क्षेत्र के कई गांवों में चने के आकार के ओले गिरे. इससे खेत में खड़ी गेंहू की फसल और कटी पड़ी सरसों की फसल में काफी नुकसान होने की आशंका है. वहीं चार दिन पहले हुई बरसात के बाद राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने जिला कलेक्टर को जिले में फसल खराबे की गिरदावरी कराने के निर्देश दिए थे.
मौसम का बदला मिजाजः शुक्रवार रात को बरसात के बाद शनिवार को फिर से अचानक मौसम बदल गया. शनिवार शाम को अचानक से बादल घिर आए और बरसात होने लगी. शाम को तेज गर्जना के साथ शुरू हुई बरसात के दौरान जिले के कुम्हेर क्षेत्र के गांव बाबेन और आसपास के अन्य गांवों में करीब 20 मिनट तक चने के आकार के ओले भी गिरे. ओलावृष्टि और बरसात की वजह से किसानों को फसल खराबे की चिंता लगातार सता रही है.
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जुआ साबित हो रही खेतीः ऊंचा गांव निवासी किसान केसरी गुर्जर ने बताया कि इस बार तो रबी की फसल किसान के लिए जुआ साबित हो रही है. इसके पहले तो दिसंबर माह में पाले से फसल को नुकसान हुआ था. फिर अचानक से फरवरी में तापमान बढ़ने से सरसों के दाने का बढ़ाव रुक गया. अब खेतों में गेंहू की फसल पकी हुई है और सरसों की फसल कटी पड़ी है. इसीलिए बरसात और ओले से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है. बरसात और ओले के वजह से सरसों की पकी हुई फसल खेत में ही झड़ने लगी है. वहीं गेंहू की पकी हुई फसल गिरने लगी है. इससे बरसात और ओलावृष्टि से दोनों फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. किसान को सरकार से मुआवजे की आस है, लेकिन किसान को खरीफ की फसल खराबे का मुआवजा अभी तक नहीं मिला है.