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'रेड लेडी' ने भरी किसान की झोली, मंडी में मिले तीन गुना से अधिक भाव, पपीते से हुई लाखों की कमाई - प्रगतिशील तरीके से खेती

National Farmers day 2023, राजस्थान के भरतपुर में एक युवा परंपरागत खेती करने वाले किसानों के लिए नजीर बन गया है. उसने प्रगतिशील तरीके से रेड लेडी किस्म के पपीते की खेती कर महज चार माह में लाखों की कमाई की है. वहीं, अब वो अगले सीजन की तैयारी में जुट गया है.

National Farmers day 2023
National Farmers day 2023
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 23, 2023, 4:27 PM IST

पपीते की खेती से की लाखों की कमाई

भरतपुर. भारत को कृषि प्रधान देश ऐसे ही नहीं कहा जाता. भरतपुर का एक युवा किसान इन दिनों क्षेत्र के किसानों के लिए नजीर बना हुआ है. नौकरी करने की बजाय प्रगतिशील तरीके से खेती करने को चुनने वाले भरतपुर जिले के युवा किसान तेजवीर ने परंपरागत खेती करने वाले किसानों के सामने एक अनूठा उदाहरण पेश किया है. तेजवीर ने महज 5 बीघा खेत में रेड लेडी किस्म के पपीते की खेती से चार महीने में ही लाखों की कमाई की है. इतना ही नहीं इस बार पपीता को मिले तीन गुना भाव ने किसान की झोली भर दी है. अब युवा किसान आगामी सीजन की तैयारी में जुटा हुआ है. राष्ट्रीय किसान दिवस पर जानते हैं भरतपुर के युवा किसान की सफलता की कहानी.

जिले के विजयपुरा गांव निवासी तेजवीर सिंह यूं तो उच्च शिक्षा प्राप्त हैं, लेकिन इन्होंने नौकरी की बजाय खेती को चुना. किसान तेजवीर ने बताया कि उन्होंने अपनी पैतृक जमीन में प्रगतिशील तरीके से खेती करने की ठानी. इसके लिए पहले तो उन्होंने उद्यान विभाग से तमाम उद्यान की फसलों के बारे में जानकारी ली. उसके बाद पांच बीघा खेत में रेड लेडी ताइवानी किस्म की पपीते की खेती की शुरुआत की. युवा किसान तेजवीर ने बताया कि नवंबर 2022 में उन्होंने 5 बीघा खेत में पपीता के 1600 पौधे लगाए थे, जिसमें कुल ढाई लाख की लागत आई थी.

National Farmers day 2023
'रेड लेडी' ने भरी किसान की झोली

इसे भी पढ़ें - Special : भरतपुर के किसान के बाजरे की कई राज्यों में मांग, 5 बीघा में की थी खेती..अब तक कमाए लाखों रुपए

तीन गुना भाव से भरी झोली : किसान तेजवीर ने बताया कि सितंबर 2023 से पपीता की पैदावार शुरू हो गई. इस बार मंडी में पपीता को पिछले वर्षों की तुलना में तीन गुना अधिक भाव मिले यानी गत वर्षों में पपीता को 15 से 18 रुपए किलो के भाव मिलते थे, जबकि इस बार 45 रुपए प्रति किलो तक के भाव मिले. खेत में पपीता की पैदावार भी बंपर हुई. सितंबर से अब तक 5 बीघा खेत में करीब 100 क्विंटल पपीता की पैदावार हो चुकी है. वहीं, चार माह में करीब 5 लाख की आय हुई है.

2 साल तक पपीता की पैदावार : किसान तेजवीर ने बताया कि 5 बीघा खेत में लगाए पपीता के पौधे 2 साल तक पैदावार देंगे. ऐसे में अनुमान है कि पूरे 2 साल के सीजन में पपीता से अच्छी आमदनी हो जाएगी. यदि एक परंपरागत खेती से तुलना की जाए, तो पपीता से करीब तीन से चार गुना अधिक आमदनी की उम्मीद है.

National Farmers day 2023
पपीते ने बदली युवा किसान की किस्मत

9 बीघा में तरबूज : किसान तेजवीर ने बताया कि गर्मियों में तरबूज का सीजन रहता है. ऐसे में अभी से 9 बीघा जमीन में तरबूज की बुवाई कर दी गई है. मार्च महीने से तरबूज की पैदावार शुरू हो जाएगी. तरबूज की बुवाई इस हिसाब से की है कि हमें सीजन से पहले पैदावार मिलना शुरू हो जाए. इससे मंडी में तरबूज के अच्छे भाव मिलेंगे. अनुमान है कि तरबूज की फसल भी हमें करीब एक से डेढ़ लाख रुपए प्रति बीघा के हिसाब से आमदनी देगी.

पपीते की खेती से की लाखों की कमाई

भरतपुर. भारत को कृषि प्रधान देश ऐसे ही नहीं कहा जाता. भरतपुर का एक युवा किसान इन दिनों क्षेत्र के किसानों के लिए नजीर बना हुआ है. नौकरी करने की बजाय प्रगतिशील तरीके से खेती करने को चुनने वाले भरतपुर जिले के युवा किसान तेजवीर ने परंपरागत खेती करने वाले किसानों के सामने एक अनूठा उदाहरण पेश किया है. तेजवीर ने महज 5 बीघा खेत में रेड लेडी किस्म के पपीते की खेती से चार महीने में ही लाखों की कमाई की है. इतना ही नहीं इस बार पपीता को मिले तीन गुना भाव ने किसान की झोली भर दी है. अब युवा किसान आगामी सीजन की तैयारी में जुटा हुआ है. राष्ट्रीय किसान दिवस पर जानते हैं भरतपुर के युवा किसान की सफलता की कहानी.

जिले के विजयपुरा गांव निवासी तेजवीर सिंह यूं तो उच्च शिक्षा प्राप्त हैं, लेकिन इन्होंने नौकरी की बजाय खेती को चुना. किसान तेजवीर ने बताया कि उन्होंने अपनी पैतृक जमीन में प्रगतिशील तरीके से खेती करने की ठानी. इसके लिए पहले तो उन्होंने उद्यान विभाग से तमाम उद्यान की फसलों के बारे में जानकारी ली. उसके बाद पांच बीघा खेत में रेड लेडी ताइवानी किस्म की पपीते की खेती की शुरुआत की. युवा किसान तेजवीर ने बताया कि नवंबर 2022 में उन्होंने 5 बीघा खेत में पपीता के 1600 पौधे लगाए थे, जिसमें कुल ढाई लाख की लागत आई थी.

National Farmers day 2023
'रेड लेडी' ने भरी किसान की झोली

इसे भी पढ़ें - Special : भरतपुर के किसान के बाजरे की कई राज्यों में मांग, 5 बीघा में की थी खेती..अब तक कमाए लाखों रुपए

तीन गुना भाव से भरी झोली : किसान तेजवीर ने बताया कि सितंबर 2023 से पपीता की पैदावार शुरू हो गई. इस बार मंडी में पपीता को पिछले वर्षों की तुलना में तीन गुना अधिक भाव मिले यानी गत वर्षों में पपीता को 15 से 18 रुपए किलो के भाव मिलते थे, जबकि इस बार 45 रुपए प्रति किलो तक के भाव मिले. खेत में पपीता की पैदावार भी बंपर हुई. सितंबर से अब तक 5 बीघा खेत में करीब 100 क्विंटल पपीता की पैदावार हो चुकी है. वहीं, चार माह में करीब 5 लाख की आय हुई है.

2 साल तक पपीता की पैदावार : किसान तेजवीर ने बताया कि 5 बीघा खेत में लगाए पपीता के पौधे 2 साल तक पैदावार देंगे. ऐसे में अनुमान है कि पूरे 2 साल के सीजन में पपीता से अच्छी आमदनी हो जाएगी. यदि एक परंपरागत खेती से तुलना की जाए, तो पपीता से करीब तीन से चार गुना अधिक आमदनी की उम्मीद है.

National Farmers day 2023
पपीते ने बदली युवा किसान की किस्मत

9 बीघा में तरबूज : किसान तेजवीर ने बताया कि गर्मियों में तरबूज का सीजन रहता है. ऐसे में अभी से 9 बीघा जमीन में तरबूज की बुवाई कर दी गई है. मार्च महीने से तरबूज की पैदावार शुरू हो जाएगी. तरबूज की बुवाई इस हिसाब से की है कि हमें सीजन से पहले पैदावार मिलना शुरू हो जाए. इससे मंडी में तरबूज के अच्छे भाव मिलेंगे. अनुमान है कि तरबूज की फसल भी हमें करीब एक से डेढ़ लाख रुपए प्रति बीघा के हिसाब से आमदनी देगी.

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