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Special : भरतपुर के किसान के बाजरे की कई राज्यों में मांग, 5 बीघा में की थी खेती..अब तक कमाए लाखों रुपए

आज हम बात भरतपुर के एक प्रगतिशील किसान की करेंगे, जो आज अच्छी कमाई के साथ ही अन्य राज्यों के कृषकों के लिए एक नजीर बनकर (Bharatpur progressive farmer Dinesh Kumar) उभरा है.

Bharatpur progressive farmer Dinesh Kumar
Bharatpur progressive farmer Dinesh Kumar
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Published : Jun 9, 2023, 6:36 AM IST

प्रगतिशील किसान दिनेश कुमार

भरतपुर. परंपरागत खेती से जुड़े किसान अब धीरे-धीरे प्रगतिशील खेती को अपना रहे हैं. जिले के एक किसान ने लीक से हटकर खेती की और आज देश के कई राज्यों के किसान उसके पदचिह्नों पर चलने को तैयार हैं. जिले के किसान दिनेश कुमार ने गत वर्ष बाजरे की एक ऐसी अनूठी फसल को रोपा था, जिसकी वजह से आज कई राज्यों में उनके बाजरे के बीज की जबरदस्त डिमांड है.

तुर्की से बीज मंगाकर किसान ने 5 बीघे में फसल की रोपाई थी. वहीं, खेत में खड़ी फसल पर साढ़े चार से पांच फीट लंबी बाल लगी. किसान के इस बाजरे की फसल को देखकर अब न केवल राजस्थान, बल्कि अन्य राज्यों के किसान भी इस बीज की मंग कर रहे हैं. ऐसे में अब तक कृषक दिनेश कुमार बाजरे के बीज से बंपर कमाई कर चुके हैं. आइए जानते हैं बाजरे की इस अनूठी किस्म की कहानी के बारे में...

दोस्त से मंगवाया था बीज - जिले के पिपला ग्राम निवासी किसान दिनेश कुमार ने बताया कि तुर्की में उनका एक दोस्त रहता है. उसने एक बार जिक्र किया था कि तुर्की में बाजरे की बहुत ऊंची ऊंची फसल होती है. इस पर बाल भी बहुत बड़े आकार की लगती है. ऐसे में दिनेश ने 2500 रुपए प्रति किलो के हिसाब से अपने दोस्त से 20 किलो बीज मंगाया. 50 हजार के बीज की करीब 11-12 बीघा खेत में बुवाई कर दी. फसल अच्छी उपजी, लेकिन अतिवृष्टि की वजह से सिर्फ 5 बीघा खेत की ही फसल बची.

इसे भी पढे़ं - जोधपुर में लहलहा रही बेर की फसल, अब तक 42 किस्म के बेर उत्पादित कर चुका काजरी

5 फीट की बाल देखकर सब चौंके - किसान दिनेश ने बताया कि 5 बीघा में जब बाजरे की फसल बड़ी हुई तो बाजरे के पौधे की ऊंचाई 12 से 15 फीट तक और बाल की लंबाई साढ़े 4 से 5 फीट तक हो गई. जबकि सामान्यतः बाजरे की बाल की लंबाई एक से डेढ़ फीट तक ही हो पति है. बाजरे की फसल के चारों तरफ चर्चे हो गए. लोग दूर-दूर से बाजरे की फसल को देखने आते. लोग फसल और बाजरे की बाल के साथ फोटो खिंचवाते हैं.

Bharatpur progressive farmer Dinesh Kumar
किसान के बाजरे की कई राज्यों में मांग

जैविक खाद, दो गुना ज्यादा पैदावार - किसान दिनेश ने बताया कि सामान्यतौर पर हमारे यहां प्रति बीघा बाजरे की 8 से दस मन की पैदावार होती है, जबकि तुर्की बीज से प्रति बीघा 15 से 20 मन की पैदावार हुई. ऐसे में खेत में करीब दो गुना अधिक पैदावार हुई. किसान दिनेश ने बताया कि उन्होंने खेत में किसी तरह के रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं किया था. 11 बीघा में किसान ने 40 ट्रॉली गोबर के खाद का इस्तेमाल किया था, जिससे से बंपर पैदावार हुई.

Bharatpur progressive farmer Dinesh Kumar
प्रगतिशील किसान दिनेश कुमार

कई राज्यों में पहुंचा बीज - किसान दिनेश ने बताया कि फसल की पैदावार लेने के बाद हमने मंडी में नहीं बेचा, क्योंकि मंडी में बाजरे का सामान्य भाव ही मिल पाता. धीरे-धीरे हमारे पास किसानों की तरफ से बीज की डिमांड आने लगी. अब तक किसान दिनेश के बाजरे का बीज गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान के अधिकतर जिले के किसान खरीद चुके हैं. अब तक किसान करीब 8 लाख रुपए का बीज बेच चुका है. अभी भी किसानों की बीज की डिमांड आ रही हैं.

Bharatpur progressive farmer Dinesh Kumar
अपनी बेटी के साथ प्रगतिशील किसान दिनेश कुमार

गुजरात में सर्दी में लगे बाल - किसान दिनेश ने अपने घर पर वर्तमान में भी बाजरा बो रखा है. बाजरे के पौधे पर बाल भी लगने लगी है. पूछने पर किसान ने बताया कि इस बीज की उर्वर क्षमता बहुत अच्छी है. इस बात का उदाहरण घर में लगा पौधा है, जो सर्दी के मौसम में बोए गए बीज से तैयार हुआ है. वहीं, गुजरात के कई किसान तो फरवरी, मार्च में बाजरे की पैदावार ले चुके हैं. यानी यह बीज बरसात के अलावा भी अन्य मौसम में बोया जा सकता है.

प्रगतिशील किसान दिनेश कुमार

भरतपुर. परंपरागत खेती से जुड़े किसान अब धीरे-धीरे प्रगतिशील खेती को अपना रहे हैं. जिले के एक किसान ने लीक से हटकर खेती की और आज देश के कई राज्यों के किसान उसके पदचिह्नों पर चलने को तैयार हैं. जिले के किसान दिनेश कुमार ने गत वर्ष बाजरे की एक ऐसी अनूठी फसल को रोपा था, जिसकी वजह से आज कई राज्यों में उनके बाजरे के बीज की जबरदस्त डिमांड है.

तुर्की से बीज मंगाकर किसान ने 5 बीघे में फसल की रोपाई थी. वहीं, खेत में खड़ी फसल पर साढ़े चार से पांच फीट लंबी बाल लगी. किसान के इस बाजरे की फसल को देखकर अब न केवल राजस्थान, बल्कि अन्य राज्यों के किसान भी इस बीज की मंग कर रहे हैं. ऐसे में अब तक कृषक दिनेश कुमार बाजरे के बीज से बंपर कमाई कर चुके हैं. आइए जानते हैं बाजरे की इस अनूठी किस्म की कहानी के बारे में...

दोस्त से मंगवाया था बीज - जिले के पिपला ग्राम निवासी किसान दिनेश कुमार ने बताया कि तुर्की में उनका एक दोस्त रहता है. उसने एक बार जिक्र किया था कि तुर्की में बाजरे की बहुत ऊंची ऊंची फसल होती है. इस पर बाल भी बहुत बड़े आकार की लगती है. ऐसे में दिनेश ने 2500 रुपए प्रति किलो के हिसाब से अपने दोस्त से 20 किलो बीज मंगाया. 50 हजार के बीज की करीब 11-12 बीघा खेत में बुवाई कर दी. फसल अच्छी उपजी, लेकिन अतिवृष्टि की वजह से सिर्फ 5 बीघा खेत की ही फसल बची.

इसे भी पढे़ं - जोधपुर में लहलहा रही बेर की फसल, अब तक 42 किस्म के बेर उत्पादित कर चुका काजरी

5 फीट की बाल देखकर सब चौंके - किसान दिनेश ने बताया कि 5 बीघा में जब बाजरे की फसल बड़ी हुई तो बाजरे के पौधे की ऊंचाई 12 से 15 फीट तक और बाल की लंबाई साढ़े 4 से 5 फीट तक हो गई. जबकि सामान्यतः बाजरे की बाल की लंबाई एक से डेढ़ फीट तक ही हो पति है. बाजरे की फसल के चारों तरफ चर्चे हो गए. लोग दूर-दूर से बाजरे की फसल को देखने आते. लोग फसल और बाजरे की बाल के साथ फोटो खिंचवाते हैं.

Bharatpur progressive farmer Dinesh Kumar
किसान के बाजरे की कई राज्यों में मांग

जैविक खाद, दो गुना ज्यादा पैदावार - किसान दिनेश ने बताया कि सामान्यतौर पर हमारे यहां प्रति बीघा बाजरे की 8 से दस मन की पैदावार होती है, जबकि तुर्की बीज से प्रति बीघा 15 से 20 मन की पैदावार हुई. ऐसे में खेत में करीब दो गुना अधिक पैदावार हुई. किसान दिनेश ने बताया कि उन्होंने खेत में किसी तरह के रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं किया था. 11 बीघा में किसान ने 40 ट्रॉली गोबर के खाद का इस्तेमाल किया था, जिससे से बंपर पैदावार हुई.

Bharatpur progressive farmer Dinesh Kumar
प्रगतिशील किसान दिनेश कुमार

कई राज्यों में पहुंचा बीज - किसान दिनेश ने बताया कि फसल की पैदावार लेने के बाद हमने मंडी में नहीं बेचा, क्योंकि मंडी में बाजरे का सामान्य भाव ही मिल पाता. धीरे-धीरे हमारे पास किसानों की तरफ से बीज की डिमांड आने लगी. अब तक किसान दिनेश के बाजरे का बीज गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान के अधिकतर जिले के किसान खरीद चुके हैं. अब तक किसान करीब 8 लाख रुपए का बीज बेच चुका है. अभी भी किसानों की बीज की डिमांड आ रही हैं.

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अपनी बेटी के साथ प्रगतिशील किसान दिनेश कुमार

गुजरात में सर्दी में लगे बाल - किसान दिनेश ने अपने घर पर वर्तमान में भी बाजरा बो रखा है. बाजरे के पौधे पर बाल भी लगने लगी है. पूछने पर किसान ने बताया कि इस बीज की उर्वर क्षमता बहुत अच्छी है. इस बात का उदाहरण घर में लगा पौधा है, जो सर्दी के मौसम में बोए गए बीज से तैयार हुआ है. वहीं, गुजरात के कई किसान तो फरवरी, मार्च में बाजरे की पैदावार ले चुके हैं. यानी यह बीज बरसात के अलावा भी अन्य मौसम में बोया जा सकता है.

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