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बाड़मेर की बेटी बनी मिसाल...शादी में मिले दहेज के 75 लाख रुपए छात्रावास बनाने के लिए दिया...बोली सपना है कि बालिका शिक्षा के लिए कुछ करूं - bride ask girl hostel in Dowry

बाड़मेर की एक बेटी ने बालिका शिक्षा (girl child education) को बढ़ावा देने के लिए अनूठी पहल की है. बेटी अंजलि ने खुद की शादी में पिता से दहेज के रूप में 75 लाख रुपए लेकर उसे बालिका छात्रावास बनाने के लिए दान कर (Barmer daughter donated dowry money) दिया. अंजलि के पहल ने बाड़मेर और जैसलमेर की कई बेटियों की शिक्षा की राह आसान बना दी है.

Barmer news, Barmer daughter donated dowry money
बाड़मेर दुल्हन ने दान किए 75 लाख
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Published : Nov 26, 2021, 7:14 PM IST

Updated : Nov 26, 2021, 7:39 PM IST

बाड़मेर. राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक बेटी ने खुद की शादी में मिले दहेज के 75 लाख रुपयों को बालिकाओं की शिक्षा के लिए छात्रावास बनवाने के लिए देकर मिसाल कायम की है. अंजलि ने खुद पढ़ाई को लेकर काफी संघर्ष किया था. यहां तक कि जब अंजलि ने 12वीं पास कर ली तो लोगों के ताने सुनने को मिलते थे लेकिन अब अंजलि की ओर से पेश की ये मिसाल बालिकाओं की शिक्षा के लिए प्रेरणा बनती नजर आ रही (Barmer daughter intiative for education) है.

अंजलि की शादी 21 नवंबर को प्रवीण सिंह के साथ हुई थी. शादी के बाद अंजलि ने अपने पिता को एक खत लिखा था. इस खत में अंजलि ने लिखा कि बाड़मेर जिला मुख्यालय पर बालिकाओं के छात्रावास के लिए बनाए जा रहे छात्रावास में 75 लाख रुपए और जरूरत है.

बाड़मेर दुल्हन ने दान किए 75 लाख

अंजलि ने पिता से कहा कि ये रुपए मुझे दहेज के रूप में दे दीजिए. अंजलि ने इस रुपए को बालिका छात्रावास का काम पूरा करने के लिए दे दिए (bride ask girl hostel in Dowry). छात्रावास को अंजलि के पिता ही बनवा रहे थे. जिसमें 1 करोड़ रुपए लगे थे. लेकिन पूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 75 लाख रुपए कम पढ़ (Barmer girl donated 75 lakh) रहे थे. जिसे अंजलि ने देकर बालिकाओं की शिक्षा की राह को प्रशस्त किया है.

यह भी पढ़ें. Success Story: कोटा से निकला एक और गुदड़ी का लाल, बाड़मेर के दिहाड़ी मजदूर का बेटा दूधाराम बनेगा Doctor

बालिकाओं को आगे नहीं पढ़ने दिया जाता

अंजलि ने बताया कि वह जिस समाज से आती है वहां पर आज भी बालिकाओं को शिक्षा में आगे नहीं बढ़ने दिया जाता है. जब अंजलि ने 12वीं पास की तो परिजनों के साथ ही अन्य लोग पढ़ाई को लेकर ताने देते थे. लेकिन अंजलि का साथ उनके पिता ने दिया. पिता का साथ मिलने के बाद अंजलि ने दिल्ली से पढ़ाई की. आज वह एलएलबी कर रही है.

अंजलि ने बताया कि मेरा सपना है कि बाड़मेर जैसलमेर की बालिकाओं की शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए कुछ करूं. इसी सपने को पूरा करने के लिए एक छोटी सी पहल की है. अंजलि के पिता ने बताया कि बालिका छात्रावास के लिए मैंने पहले एक करोड़ पर दिए थे. लेकिन उस प्रोजेक्ट में 50 से 75 लाख रुपए और जरूरत थी. इस बार बेटी ने मुझसे कहा कि दहेज में आप मुझे ब्लैंक चेक दो, जिसके बाद मैंने बेटी की इच्छा को पूरा किया है.

बहू की पहल बनेगी मददगार

अंजली के दादा ससुर कैप्टन हीर सिंह ने बताया कि बहू ने यकीनन अनोखी पहल की है. इस पहल का हम सभी ने स्वागत किया है. क्योंकि आज भी हमारे समाज में बेटियों को पढ़ाने में लोग हिचकते हैं. ऐसे में बहू की पहल बेटियों को शिक्षा से जोड़ने में मददगार साबित होगी.

बाड़मेर. राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक बेटी ने खुद की शादी में मिले दहेज के 75 लाख रुपयों को बालिकाओं की शिक्षा के लिए छात्रावास बनवाने के लिए देकर मिसाल कायम की है. अंजलि ने खुद पढ़ाई को लेकर काफी संघर्ष किया था. यहां तक कि जब अंजलि ने 12वीं पास कर ली तो लोगों के ताने सुनने को मिलते थे लेकिन अब अंजलि की ओर से पेश की ये मिसाल बालिकाओं की शिक्षा के लिए प्रेरणा बनती नजर आ रही (Barmer daughter intiative for education) है.

अंजलि की शादी 21 नवंबर को प्रवीण सिंह के साथ हुई थी. शादी के बाद अंजलि ने अपने पिता को एक खत लिखा था. इस खत में अंजलि ने लिखा कि बाड़मेर जिला मुख्यालय पर बालिकाओं के छात्रावास के लिए बनाए जा रहे छात्रावास में 75 लाख रुपए और जरूरत है.

बाड़मेर दुल्हन ने दान किए 75 लाख

अंजलि ने पिता से कहा कि ये रुपए मुझे दहेज के रूप में दे दीजिए. अंजलि ने इस रुपए को बालिका छात्रावास का काम पूरा करने के लिए दे दिए (bride ask girl hostel in Dowry). छात्रावास को अंजलि के पिता ही बनवा रहे थे. जिसमें 1 करोड़ रुपए लगे थे. लेकिन पूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 75 लाख रुपए कम पढ़ (Barmer girl donated 75 lakh) रहे थे. जिसे अंजलि ने देकर बालिकाओं की शिक्षा की राह को प्रशस्त किया है.

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बालिकाओं को आगे नहीं पढ़ने दिया जाता

अंजलि ने बताया कि वह जिस समाज से आती है वहां पर आज भी बालिकाओं को शिक्षा में आगे नहीं बढ़ने दिया जाता है. जब अंजलि ने 12वीं पास की तो परिजनों के साथ ही अन्य लोग पढ़ाई को लेकर ताने देते थे. लेकिन अंजलि का साथ उनके पिता ने दिया. पिता का साथ मिलने के बाद अंजलि ने दिल्ली से पढ़ाई की. आज वह एलएलबी कर रही है.

अंजलि ने बताया कि मेरा सपना है कि बाड़मेर जैसलमेर की बालिकाओं की शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए कुछ करूं. इसी सपने को पूरा करने के लिए एक छोटी सी पहल की है. अंजलि के पिता ने बताया कि बालिका छात्रावास के लिए मैंने पहले एक करोड़ पर दिए थे. लेकिन उस प्रोजेक्ट में 50 से 75 लाख रुपए और जरूरत थी. इस बार बेटी ने मुझसे कहा कि दहेज में आप मुझे ब्लैंक चेक दो, जिसके बाद मैंने बेटी की इच्छा को पूरा किया है.

बहू की पहल बनेगी मददगार

अंजली के दादा ससुर कैप्टन हीर सिंह ने बताया कि बहू ने यकीनन अनोखी पहल की है. इस पहल का हम सभी ने स्वागत किया है. क्योंकि आज भी हमारे समाज में बेटियों को पढ़ाने में लोग हिचकते हैं. ऐसे में बहू की पहल बेटियों को शिक्षा से जोड़ने में मददगार साबित होगी.

Last Updated : Nov 26, 2021, 7:39 PM IST
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