भरतपुर. जिले के बयाना रूपवास में बंसी पहाड़पुर खनन क्षेत्र में अवैध खनन की रोकथाम के लिए अब इस इलाके को बंद बारैठा अभयारण्य क्षेत्र से डिनोटिफाई कराया जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेजेगी. इससे जहां क्षेत्र में अवैध खनन पर लगाम लग सकेगी, वहीं पर्यावरण सुधार के लिए वन क्षेत्र भी विकसित किया जा सकेगा. इतना ही नहीं क्षेत्र में नया खनन क्षेत्र नोटिफाई कर वैध तरीके से खनन शुरु कराया जा सकेगा.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने बताया कि बीते दिनों राज्य सरकार के निर्देश पर सभी विभागों ने अवैध खनन के खिलाफ एक संयुक्त कार्रवाई की थी. इसमें यह बात सामने आई थी कि बंसी पहाड़पुर खनन क्षेत्र में करीब 20 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र ऐसा है जहां पर कोई पेड़-पौधे नहीं हैं. ऐसे में जिला कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों ने मौका मुआयना कर यह निर्णय लिया कि बंसी पहाड़पुर के उस क्षेत्र को बंद बारैठा वन अभ्यारण्य से डिनोटिफाई कराया जाए और उसमें पेड़-पौधे लगाकर जंगल विकसित किया जाए.
यह भी पढ़ें: वन विभाग ने पेड़ों को किया ट्रांसप्लांट, निर्माणाधीन मकान में बन रहे थे बाधा
साथ ही आगे की तरफ जो फॉरेस्ट है, उसको भी नोटिफाई किया जाए और उसमें लीगल तरीके से माइनिंग का काम शुरू किया जाए. अससे वैध तरीके से माइनिंग भी हो सकेगी और हजारों लोगों और व्यापारियों को रोजगार एवं व्यवसाय मिल सकेगा. इससे सरकार को रॉयलटी के माध्यम से राजस्व आय होगी और लोगों का व्यवसाय भी नहीं रुकेगा.
मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने बताया कि इस पूरी योजना का एक प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र को भेजा जाएगा. इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय में भी इसको लेकर एक दरख्वास्त लगाई जाएगी. उसके बाद अनुमति मिलते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा.
भरतपुर जिले के रूपवास बयाना के बंसी पहाड़पुर क्षेत्र में प्रसिद्ध लाल पत्थर का खनन किया जाता है, लेकिन लंबे समय से यहां पर खदानों को एनवायरमेंट क्लीयरेंस नहीं मिल पाया है. इसके चलते खनन पर रोक लगी हुई है, लेकिन खान माफिया चोरी छुपे अवैध खनन में लगे रहते हैं. बंसी पहाड़पुर क्षेत्र को बंद बारैठा अभयारण्य से डिनोटिफाई कराने के बाद इस समस्या के समाधान की उम्मीद है.