कामां (भरतपुर). प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद हरकत में आई पुलिस ने पीड़ित परिवार को शीघ्र आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है. मिली जानकारी के अनुसार भरतपुर मुख्यालय विजिलेंस के एएसपी दिनेश मीणा दो महिला पुलिसकर्मियों को अपने साथ लेकर गुरुवार को पीड़िता के गांव पहुंचे और परिजनों से मुलाकात कर न्याय दिलाने और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया. जिसके बाद पीड़ित परिवार को अब न्याय मिलने की उम्मीद जगी है.
यह था पूरा मामला...
26 अप्रैल 2020 को पीड़िता अपने घर पर सो रही थी, जहां गांव के तीन युवक देर रात्रि को पीड़िता के घर पहुंचे और उसे जबरदस्ती अपहरण कर एक सुनसान खंडहर में ले गए. जहां उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया. जब परिजनों ने अपनी बालिका की तलाश की तो अचेत अवस्था में नाबालिग बालिका घर पर मिली. जिसके बाद पुलिस को सूचना देकर मामला दर्ज कराया गया. पीड़िता के मेडिकल मुआयना कराने के बाद 164 के बयान भी दर्ज किए गए, लेकिन कोई आरोपी गिरफ्तार नहीं हो सका.
10 माह से लगातार बदली जा रही है तफ्तीश...
पीड़िता द्वारा मामला दर्ज कराने के बाद से ही लगातार तफ्तीश बदली जा रही है. हर बार अधिकारी पीड़ित को यही आश्वासन देते हैं कि जांच चल रही है, जांच चल रही है. 10 माह में पुलिस ने जांच भी पूरी नहीं की, जबकि जुरहरा थानाधकारी, कामां डीएसपी सहित जिले के कुछ अधिकारियों ने मामले में कई बार अनुसंधान कर पीड़िता के बयान दर्ज किए, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई. जबकि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कामां एसडीएम कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन भी किया जा चुका है. वहीं, अब प्रियंका गांधी से मिलने के बाद पीड़ित परिवार ने उम्मीद लगाई है कि शायद उन्हें न्याय मिल जाए.
आरोपियों को पकड़ने के लिए दबिश...
दुष्कर्म के आरोपियों को पकड़ने के लिए डीएसपी प्रदीप यादव के नेतृत्व में पुलिस ने आरोपियों के घर पहुंच कर दबिश दी और आरोपियों की सरगर्मी से अब तलाश शुरू कर दी है. लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही आरोपी अपने-अपने घरों से फरार हो गए और उनके घरों पर ताला लटका मिला.