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महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय 50 नए रोजगारपरक पाठ्यक्रम करेगा शुरू

महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के नए सत्र में 50 रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे. दावा है कि ये पाठ्यक्रम राज्य के किसी विश्वविद्यालय में नहीं हैं.

50 new Employable courses in MSBU
महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय 50 नए रोजगारपरक पाठ्यक्रम करेगा शुरू
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Published : Jun 24, 2023, 9:10 PM IST

भरतपुर. महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय नए सत्र में 253 नए पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है. इनमें से 50 पाठ्यक्रम ऐसे हैं, जो राजस्थान के किसी अन्य विश्वविद्यालय में संचालित नहीं हैं. इतना ही नहीं नए सत्र में महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय दो और नए कैंपस में संचालित होगा. जिससे विद्यार्थियों को अध्ययन करने में आसानी होगी.

देश में नैनो मेडिकल साइंस सिर्फ बृज विवि मेंः विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रमेश चंद्र ने बताया कि स्नातक, स्नातकोत्तर, लॉ, पीएचडी आदि में 253 नए पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं. इनमें से अधिकतर पाठ्यक्रम रोजगार परक हैं. इतना ही नहीं इनमें से 50 पाठ्यक्रम ऐसे हैं जो सिर्फ बृज विश्वविद्यालय में ही हैं. ये राजस्थान के किसी विश्वविद्यालय में संचालित नहीं हैं. इन पाठ्यक्रमों में पढ़ाई कर जब युवा निकलेंगे, तो उन्हें रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे. कुलपति प्रोफेसर रमेश चंद्र ने बताया कि इनमें भी नैनो मेडिकल साइंस पाठ्यक्रम तो ऐसा है, जो देश के किसी इंस्टिट्यूट में नहीं है. यह पाठ्यक्रम सिर्फ महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय में पढ़ाया जाएगा.

पढ़ेंः बृज विश्वविद्यालय 253 नए पाठ्यक्रमों के माध्यम से देगा रोजगारपरक शिक्षा, विवि विस्तार के लिए मांगी 500 एकड़ जमीन...

दो नए कैंपस में पढ़ाईः प्रो रमेश चंद्र ने बताया नए सत्र से महाराजा सूरजमल दो और नए कैंपस में पढ़ाई शुरू करेगा. इनमें से एक कैंपस डीग में और दूसरा कैंपस धौलपुर जिले में स्थापित किया जाएगा. इससे दो अलग-अलग जिलों के विद्यार्थियों को उन्हीं के गृह जिले में विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में पढ़ाई करने का अवसर मिल सकेगा और उन्हें लंबी दूरी तय करके भरतपुर नहीं आना होगा.

पढ़ेंः PTET 2022: दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश शुल्क तिथि बढ़ाई आगे, अब 28 अक्टूबर तक जमा होगी फीस

सेल्फ फाइनेंस मोड पर पढ़ाईः प्रो रमेश चंद्र ने बताया कि विश्व विद्यालय सभी पाठ्यक्रम सेल्फ फाइनेंस मोड पर संचालित करेगा. क्योंकि अभी तक राजस्थान सरकार की ओर से विश्वविद्यालय संचालन के लिए किसी प्रकार की कोई आर्थिक मदद नहीं की जाती है. सिर्फ 1 हजार रुपए सालाना टोकन मनी दिया जाता है. प्रो रमेश चंद्र ने बताया कि जिन मेधावी विद्यार्थियों की परिवार की आय 4 लाख रुपए सालाना से कम है, ऐसे मेधावी विद्यार्थियों को निशुल्क शिक्षा दी जाएगी. साथ ही ऐसे विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय ने दो करोड रुपए की छात्रवृत्ति योजना भी शुरू की है.

भरतपुर. महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय नए सत्र में 253 नए पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है. इनमें से 50 पाठ्यक्रम ऐसे हैं, जो राजस्थान के किसी अन्य विश्वविद्यालय में संचालित नहीं हैं. इतना ही नहीं नए सत्र में महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय दो और नए कैंपस में संचालित होगा. जिससे विद्यार्थियों को अध्ययन करने में आसानी होगी.

देश में नैनो मेडिकल साइंस सिर्फ बृज विवि मेंः विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रमेश चंद्र ने बताया कि स्नातक, स्नातकोत्तर, लॉ, पीएचडी आदि में 253 नए पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं. इनमें से अधिकतर पाठ्यक्रम रोजगार परक हैं. इतना ही नहीं इनमें से 50 पाठ्यक्रम ऐसे हैं जो सिर्फ बृज विश्वविद्यालय में ही हैं. ये राजस्थान के किसी विश्वविद्यालय में संचालित नहीं हैं. इन पाठ्यक्रमों में पढ़ाई कर जब युवा निकलेंगे, तो उन्हें रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे. कुलपति प्रोफेसर रमेश चंद्र ने बताया कि इनमें भी नैनो मेडिकल साइंस पाठ्यक्रम तो ऐसा है, जो देश के किसी इंस्टिट्यूट में नहीं है. यह पाठ्यक्रम सिर्फ महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय में पढ़ाया जाएगा.

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दो नए कैंपस में पढ़ाईः प्रो रमेश चंद्र ने बताया नए सत्र से महाराजा सूरजमल दो और नए कैंपस में पढ़ाई शुरू करेगा. इनमें से एक कैंपस डीग में और दूसरा कैंपस धौलपुर जिले में स्थापित किया जाएगा. इससे दो अलग-अलग जिलों के विद्यार्थियों को उन्हीं के गृह जिले में विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में पढ़ाई करने का अवसर मिल सकेगा और उन्हें लंबी दूरी तय करके भरतपुर नहीं आना होगा.

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सेल्फ फाइनेंस मोड पर पढ़ाईः प्रो रमेश चंद्र ने बताया कि विश्व विद्यालय सभी पाठ्यक्रम सेल्फ फाइनेंस मोड पर संचालित करेगा. क्योंकि अभी तक राजस्थान सरकार की ओर से विश्वविद्यालय संचालन के लिए किसी प्रकार की कोई आर्थिक मदद नहीं की जाती है. सिर्फ 1 हजार रुपए सालाना टोकन मनी दिया जाता है. प्रो रमेश चंद्र ने बताया कि जिन मेधावी विद्यार्थियों की परिवार की आय 4 लाख रुपए सालाना से कम है, ऐसे मेधावी विद्यार्थियों को निशुल्क शिक्षा दी जाएगी. साथ ही ऐसे विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय ने दो करोड रुपए की छात्रवृत्ति योजना भी शुरू की है.

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