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RTH के विरोध में 23 निजी अस्पतालों ने किया चिरंजीवी और RGHS योजनाओं का बहिष्कार

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Published : Apr 3, 2023, 3:38 PM IST

Right to Health Bill का विरोध कर रहे भरतपुर के 23 निजी अस्पतालों ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया. इन अस्पतालों ने गहलोत सरकार की महत्वाकांक्षी चिरंजीवी व RGHS योजनाओं का बहिष्कार कर दिया. साथ ही इसको लेकर मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी को चिकित्सकों की ओर से ज्ञापन सौंपा गया.

private hospitals boycott Chiranjeevi
private hospitals boycott Chiranjeevi
भरतपुर आईएमए अध्यक्ष डॉ. कमलेश शर्मा

भरतपुर. राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में भरतपुर के 23 निजी अस्पतालों के चिकित्सकों ने सोमवार को सरकार की चिरंजीवी और RGHS योजनाओं का बहिष्कार कर दिया. इस बाबत चिकित्सकों की ओर से मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया. साथ ही कहा गया कि जब सरकार उनकी बातों को सुन ही नहीं रही है तो वो भी सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार व योजना के तहत उपचार भला क्यों करें?

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) भरतपुर के अध्यक्ष डॉ. कमलेश शर्मा ने बताया कि भरतपुर शहर के 23 निजी अस्पतालों के चिकित्सकों ने सीएमएचओ डॉ. लक्ष्मण सिंह को ज्ञापन सौंपकर सरकार की चिरंजीवी और आरजीएचएस योजना को सरेंडर कर दिया है. अब शहर के ये चिकित्सालय सरकार की इन योजनाओं के तहत मरीजों का उपचार नहीं करेंगे.

डॉ. कमलेश ने बताया कि सरकार जबरदस्ती राइट टू हेल्थ बिल को निजी चिकित्सालयों पर थोप रही है. यह बिल न तो मरीज के हित में है और न चिकित्सकों के निजी चिकित्सालय के चिकित्सक बीते कई दिनों से इस बिल का विरोध भी कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में जब सरकार निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों की मांगों को मानने को तैयार ही नहीं है तो वो भी भला सरकार की इन योजनाओं के तहत उपचार क्यों करें. यही वजह है कि भरतपुर के निजी चिकित्सालयों ने सरकार की इन दोनों योजनाओं को सरेंडर कर दिया है.

इसे भी पढ़ें - RTH Bill Protest: बच्चों ने दिया संदेश, हमारे माता-पिता डॉक्टर हैं कसाई या लुटेरे नहीं...डॉ. नीलम का अनशन तुड़वाया

वहीं, मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लक्ष्मण सिंह ने कहा कि चिकित्सकों का ज्ञापन उन्हें मिला है. इसके संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया जाएगा. सीएमएचओ ने आगे कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गोविंद सिंह डोटासरा को नियुक्त किया था. साथ ही एक कमेटी भी गठित की गई है. सरकार की ओर से जो भी दिशा-निर्देश प्राप्त होंगे, उसी के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी.

गौरतलब है कि बीते कई दिनों से प्रदेश के निजी चिकित्सालय के चिकित्सक सरकार के राइट टू हेल्थ विधेयक के खिलाफ जयपुर समेत पूरे प्रदेश में प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि, इस को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और चिकित्सकों के बीच वार्ता भी हुई थी, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है.

भरतपुर आईएमए अध्यक्ष डॉ. कमलेश शर्मा

भरतपुर. राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में भरतपुर के 23 निजी अस्पतालों के चिकित्सकों ने सोमवार को सरकार की चिरंजीवी और RGHS योजनाओं का बहिष्कार कर दिया. इस बाबत चिकित्सकों की ओर से मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया. साथ ही कहा गया कि जब सरकार उनकी बातों को सुन ही नहीं रही है तो वो भी सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार व योजना के तहत उपचार भला क्यों करें?

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) भरतपुर के अध्यक्ष डॉ. कमलेश शर्मा ने बताया कि भरतपुर शहर के 23 निजी अस्पतालों के चिकित्सकों ने सीएमएचओ डॉ. लक्ष्मण सिंह को ज्ञापन सौंपकर सरकार की चिरंजीवी और आरजीएचएस योजना को सरेंडर कर दिया है. अब शहर के ये चिकित्सालय सरकार की इन योजनाओं के तहत मरीजों का उपचार नहीं करेंगे.

डॉ. कमलेश ने बताया कि सरकार जबरदस्ती राइट टू हेल्थ बिल को निजी चिकित्सालयों पर थोप रही है. यह बिल न तो मरीज के हित में है और न चिकित्सकों के निजी चिकित्सालय के चिकित्सक बीते कई दिनों से इस बिल का विरोध भी कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में जब सरकार निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों की मांगों को मानने को तैयार ही नहीं है तो वो भी भला सरकार की इन योजनाओं के तहत उपचार क्यों करें. यही वजह है कि भरतपुर के निजी चिकित्सालयों ने सरकार की इन दोनों योजनाओं को सरेंडर कर दिया है.

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वहीं, मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लक्ष्मण सिंह ने कहा कि चिकित्सकों का ज्ञापन उन्हें मिला है. इसके संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया जाएगा. सीएमएचओ ने आगे कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गोविंद सिंह डोटासरा को नियुक्त किया था. साथ ही एक कमेटी भी गठित की गई है. सरकार की ओर से जो भी दिशा-निर्देश प्राप्त होंगे, उसी के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी.

गौरतलब है कि बीते कई दिनों से प्रदेश के निजी चिकित्सालय के चिकित्सक सरकार के राइट टू हेल्थ विधेयक के खिलाफ जयपुर समेत पूरे प्रदेश में प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि, इस को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और चिकित्सकों के बीच वार्ता भी हुई थी, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है.

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