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कजाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे 2 स्टूडेंट्स की हुई वतन वापसी

कजाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे कामां निवासी दो छात्र कोरोना वायरस के चलते अपने वतन लौट आए हैं. दिल्ली एयरपोर्ट पर हुई जांच में दोनों कोरोना पॉजिटिव नहीं मिले, फिर भी एहतियात के तौर पर दोनों को भरतपुर के जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड भिजवाया गया है.

students return to their homeland, भरतपुर में कोरोना
कजाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे 2 स्टूडेंट्स की हुई वतन वापसी
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Published : Mar 22, 2020, 4:59 PM IST

कामां (भरतपुर). मेडिकल की पढ़ाई करने कजाकिस्तान गए कामां कस्बे के 2 छात्रों को कोरोना वायरस के चलते वतन वापसी करनी पड़ी. उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर जांच करने के बाद घर के लिए रवाना कर दिया गया. गाड़ियां बंद होने की वजह से काफी परेशानियों का सामना करके दोनों रविवार दोपहर बाद कामां पहुंचे, जिसके बाद उन्हें भरतपुर राजकीय अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड भिजवाया गया.

कजाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे 2 स्टूडेंट्स की हुई वतन वापसी

दोनों छात्रों ने बताया कि उन्हें कजाकिस्तान में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, उनके सामने खाने-पीने तक के भी लाले पड़ गए थे. कजाकिस्तान के अस्ताना में लॉकडाउन होने के बाद उनके खाने-पीने की जरूरी वस्तुएं भी खत्म हो गई थी. जिसके बाद उन्होंने भारत वापसी का रिटर्न टिकट कराया. भारत आने के बाद भी लगातार वह 2 दिन से परेशानियों का सामना कर रहे हैं.

एयरपोर्ट पर सभी जांच करने के बाद उनके हाथ पर एक स्टंप लगाया गया, जिससे यह स्पष्ट किया गया कि वह कोरोना पॉजिटिव नहीं हैं और उनके इस तरीके से कोई लक्षण नहीं हैं. लेकिन फिर भी वह अपने परिवार जनों से नहीं मिल पा रहे हैं. दोनों छात्रों का कहना है कि वह अपने देश वापस आ तो गए, लेकिन परिवार वालों से उनकी अभी तक दूरी बनी हुई है. जिसके बाद उन्हें करीब 14 दिन तक भरतपुर आइसोलेशन वार्ड में रहना पड़ेगा.

पढ़ें- लॉक डाउन और जनता कर्फ्यू के बीच जोधपुर की सड़कों पर पसरा सन्नाटा

बता दें कि कस्बा निवासी ललित खण्डेलवाल पुत्र दीप चन्द खण्डेलवाल और अमन गर्ग पुत्र बृज मोहन गर्ग कजाकिस्तान के अस्थाना में एमबीबीएस करने के लिए गए थे. लेकिन कोरोना वायरस की वजह से दोनों छात्रों को वतन वापसी करनी पड़ी. उनके कामां पहुंचते ही स्थानीय प्रशासन ने दोनों बच्चों को कामां के राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया. जिसके बाद राजकीय एंबुलेंस दोनों को जिला अस्पताल भिजवा दिया गया, जहां उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा.

कामां (भरतपुर). मेडिकल की पढ़ाई करने कजाकिस्तान गए कामां कस्बे के 2 छात्रों को कोरोना वायरस के चलते वतन वापसी करनी पड़ी. उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर जांच करने के बाद घर के लिए रवाना कर दिया गया. गाड़ियां बंद होने की वजह से काफी परेशानियों का सामना करके दोनों रविवार दोपहर बाद कामां पहुंचे, जिसके बाद उन्हें भरतपुर राजकीय अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड भिजवाया गया.

कजाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे 2 स्टूडेंट्स की हुई वतन वापसी

दोनों छात्रों ने बताया कि उन्हें कजाकिस्तान में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, उनके सामने खाने-पीने तक के भी लाले पड़ गए थे. कजाकिस्तान के अस्ताना में लॉकडाउन होने के बाद उनके खाने-पीने की जरूरी वस्तुएं भी खत्म हो गई थी. जिसके बाद उन्होंने भारत वापसी का रिटर्न टिकट कराया. भारत आने के बाद भी लगातार वह 2 दिन से परेशानियों का सामना कर रहे हैं.

एयरपोर्ट पर सभी जांच करने के बाद उनके हाथ पर एक स्टंप लगाया गया, जिससे यह स्पष्ट किया गया कि वह कोरोना पॉजिटिव नहीं हैं और उनके इस तरीके से कोई लक्षण नहीं हैं. लेकिन फिर भी वह अपने परिवार जनों से नहीं मिल पा रहे हैं. दोनों छात्रों का कहना है कि वह अपने देश वापस आ तो गए, लेकिन परिवार वालों से उनकी अभी तक दूरी बनी हुई है. जिसके बाद उन्हें करीब 14 दिन तक भरतपुर आइसोलेशन वार्ड में रहना पड़ेगा.

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बता दें कि कस्बा निवासी ललित खण्डेलवाल पुत्र दीप चन्द खण्डेलवाल और अमन गर्ग पुत्र बृज मोहन गर्ग कजाकिस्तान के अस्थाना में एमबीबीएस करने के लिए गए थे. लेकिन कोरोना वायरस की वजह से दोनों छात्रों को वतन वापसी करनी पड़ी. उनके कामां पहुंचते ही स्थानीय प्रशासन ने दोनों बच्चों को कामां के राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया. जिसके बाद राजकीय एंबुलेंस दोनों को जिला अस्पताल भिजवा दिया गया, जहां उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा.

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