बाड़मेर. जिले के आकली गांव में आरएसएमएमएल कंपनी कार्यालय के आगे 3 गांवों के सैकड़ों ग्रामीण 10 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं. कंपनी और ग्रामीणों के मध्य वार्ता हुई, लेकिन अब तक कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आए हैं. जिसके चलते उनका धरना प्रदर्शन जारी है. वहीं कंपनी की ओर से गांव में आपातकालीन सेवाओं के लिए एक एंबुलेंस और एक अग्निशामक यंत्र वाहन उपलब्ध करवाए गए हैं, लेकिन गांव वालों की मानें तो वे दोनों वाहन किसी काम नहीं आ रहे हैं. महज कंपनी कार्यालय के आगे खानापूर्ति के लिए खड़े हैं.
ग्रामीणों ने कंपनी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए बताया कि कंपनी ने अलग-अलग फेस में गांव की जमीन अवाप्त कर ली. इस दौरान कंपनी की ओर से ग्रामीणों को स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ चिकित्सा, शिक्षा सहित बड़े-बड़े दावे किए गए थे, लेकिन वह दावे खोखले साबित हो रहे हैं. जिसके चलते ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि खदान से सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व मिल रहा है. इसके बावजूद भी प्रभावित गांवों में रोजगार और विकास कार्य नहीं हो रहे हैं. ग्रामीण बताते हैं कि यहां के धुएं के फैलाव के कारण इतना प्रदूषण फैल गया है कि सांस लेना मुश्किल हो गया है.
ग्रामीण बताते हैं कि कंपनी ने भूमि अवाप्ति के समय गांव वालों से स्वास्थ्य सेवाएं एंबुलेंस और अग्निशामक यंत्र और सीएसआर के तहत सारणिक विकास कार्य करवाने के बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन गांव के लोगों को कोई सुविधा आज तक नहीं मिल पाई है. ग्रामीणों की मानें तो कंपनी की ओर से एक एंबुलेंस है, जो खराब हालात में है और उसका ड्राइवर दूसरे गांव में रहता है. जिसके चलते समय पर वह एंबुलेंस गांव वालों के काम नहीं आ पा रही है.
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वहीं अग्निशामक यंत्र वाहन के बारे में ग्रामीण बताते हैं कि वह बिल्कुल खटारा हालात में है, जो कि आपातकालीन समय में धक्के देकर उसे शुरू करना पड़ता है. उसके बावजूद भी मौके पर पहुंचने पर भी फायर बिग्रेड का सिस्टम काम नहीं कर पाता है. जिसके चलते वह वाहन भी कोई काम नहीं आ रहा है. उनकी माने तो कंपनी कार्यालय में एंबुलेंस और अग्निशामक यंत्र वाहन दोनों खटारा हालात में पड़े है और महज खानापूर्ति कर रहे हैं.
कंपनी की बड़ी-बड़ी गाड़ियों की वजह से गांव की सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो गई है. जिसके चलते आए दिन हादसे होते जा रहे हैं. इसके बावजूद भी कंपनी की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिसके चलते ग्रामीण पिछले 10 दिनों से विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. ग्रामीणों का साफ तौर पर कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी, तब तक भी धरना समाप्त नहीं करेंगे.