सिवाना (बाड़मेर). कस्बे के वार्ड नंबर 1 में रहने वाली शायरी देवी के पति की अचानक मौत हो गई. जिसके बाद उसके दो बच्चों की जिम्मेदारी उसके कंधों पर आ गई. जिम्मेदारी को समझते हुए वो अपने बच्चों के पालन-पोषण के लिए दिहाड़ी मजदूरी का काम करती है.
विश्वभर में फैले कोरोना महामारी को लेकर देशभर में लॉकडाउन है. जसकी वजह से ये गरीब महिला अब मजदूरी पर भी नहीं जा सकती. जिसके चलते उसके बच्चों को खाने-पीने के लिए दो वक्त की रोटी के लाले पड़ रहे. सिवाना कस्बे के स्थानीय निवासी संपतराज चंदनमल ने इस विधवा और उसके दो नाबालिग बच्चों की सहायता के लिए आगे आए.
स्थानीय समाजसेवी, व्यापार संघ के अध्यक्ष महेश कुमार नाहटा, प्रतिनिधि शांतिलाल देवासी और मदनलाल मेघवाल की टीम ने नायब तहसीलदार बाबूसिंह राजपुरोहित के साथ महिला के घर पहुंचे. जहां उसे 3 हजार नगद के साथ करीब 6 हजार रुपये की किराना सामग्री, चार कट्टा (1 क्विंटल) गेहूं और मास्क देखकर सहयोग प्रदान किया.
इस मौके पर समाजसेवी महेश कुमार नाहटा ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी और नायब तहसीलदार से मदद के लिए अनुरोध किया. नहाटा ने बेसहारा परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना से आवास, खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ, विधवा पेंशन और समस्त सरकारी सहायता उपलब्ध करावे की अपील की.
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जिसके बाद तहसीलदार ने शायरो देवी को बुधवार को तहसील कार्यालय बुलाया. जहां उसे आधार कार्ड और राशन कार्ड सहित आवश्यक कागजात लेकर आने को कहा. साथ ही पेंशन सहित अन्य सरकारी सहायता योजना का लाभ देने का आश्वासन दिया. इसके अलावा भामाशाहों की सराहना करते हुए उनका आभार व्यक्त किया.