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शिक्षा बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार से की आर्थिक राहत पैकेज की मांग

झुंझुनू में सरकारी विभागों की मनमानी लगातार जारी है. शिक्षा बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के प्रवक्ता ने बताया कि निजी स्कूलों में स्थिति और ज्यादा खराब हो चुकी है. उन्होंने सरकार से आर्थिक राहत पैकेज की मांग की है.

rajasthan news, झुंझुनू न्यूज
स्कूलों की हालत खराब, सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग
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Published : Aug 8, 2020, 8:06 PM IST

बाड़मेर. जिला मुख्यालय पर शिक्षा बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति राजस्थान महासंघ के बैनर तले प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. समिति के प्रदेश मुख्य समन्वयक हेमलता शर्मा और प्रवक्ता सीमा शर्मा ने प्रेस वार्ता कर बताया कि राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासारा की ओर से जारी किए गए एक बयान और लिखित आदेश के बाद में निजी स्कूलों में स्थिति और ज्यादा खराब हो चुकी है. जिसके चलते इस सरकार से उन्होंने आर्थिक राहत पैकेज की मांग की है.

स्कूलों की हालत खराब, सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग

समिति के प्रदेश मुख्य समन्वयक हेमलता शर्मा ने बताया कि एक ओर ऑनलाइन क्लासेज अप्रैल महीने से यथावत जारी है. शिक्षक निरंतर क्लास ले रहे हैं. ऐसे में शिक्षा मंत्री के बयान के बाद जो फीस जमा कराने में सक्षम है वह अभिभावक भी फीस नहीं जमा करवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में 11 लाख कर्मचारी जिसमें शिक्षक, गैर शिक्षक सफाई कर्मी सहित शिक्षा से जुड़े लोग प्रभावित हो रहे हैं.

पढ़ें- बाड़मेर में विश्व स्तनपान दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन, महिलाओं को किया गया जागरूक

समिति के प्रदेश प्रवक्ता सीमा शर्मा ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण निजी स्कूल संचालक की ओर से आत्महत्या करने की घटनाएं भी घटित हो चुकी है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार निजी स्कूलों को भी राहत पैकेज दें, आरटीआई का भुगतान निश्चित समय पर किया जाए, 3 वर्षों से आरटीआई का भुगतान दो रुपए सैकड़ा के हिसाब से ब्याज दिया जाएगा, बिजली-पानी के बिलों में छूट दी जाए.

बाड़मेर. जिला मुख्यालय पर शिक्षा बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति राजस्थान महासंघ के बैनर तले प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. समिति के प्रदेश मुख्य समन्वयक हेमलता शर्मा और प्रवक्ता सीमा शर्मा ने प्रेस वार्ता कर बताया कि राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासारा की ओर से जारी किए गए एक बयान और लिखित आदेश के बाद में निजी स्कूलों में स्थिति और ज्यादा खराब हो चुकी है. जिसके चलते इस सरकार से उन्होंने आर्थिक राहत पैकेज की मांग की है.

स्कूलों की हालत खराब, सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग

समिति के प्रदेश मुख्य समन्वयक हेमलता शर्मा ने बताया कि एक ओर ऑनलाइन क्लासेज अप्रैल महीने से यथावत जारी है. शिक्षक निरंतर क्लास ले रहे हैं. ऐसे में शिक्षा मंत्री के बयान के बाद जो फीस जमा कराने में सक्षम है वह अभिभावक भी फीस नहीं जमा करवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में 11 लाख कर्मचारी जिसमें शिक्षक, गैर शिक्षक सफाई कर्मी सहित शिक्षा से जुड़े लोग प्रभावित हो रहे हैं.

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समिति के प्रदेश प्रवक्ता सीमा शर्मा ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण निजी स्कूल संचालक की ओर से आत्महत्या करने की घटनाएं भी घटित हो चुकी है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार निजी स्कूलों को भी राहत पैकेज दें, आरटीआई का भुगतान निश्चित समय पर किया जाए, 3 वर्षों से आरटीआई का भुगतान दो रुपए सैकड़ा के हिसाब से ब्याज दिया जाएगा, बिजली-पानी के बिलों में छूट दी जाए.

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