बाड़मेर. एक जमाना था जब राजस्थान में शादी-विवाह में बारात ऊंटों पर जाया करती थी. हांलांकि इसमें काफी समय लग जाया करता था लेकिन संसाधनों की कमी के कारण और कोई चारा भी नहीं रहता था. बारात भी जहां जाती थी तो दो-तीन दिन डेरा डाले रखती थी. लेकिन समय बदला और लोग शानदार गाड़ियोें में बारात जाती है. लोग बड़ी-बड़ी गाड़ियों में बारातियों को लेकर जाते हैं. बाड़मेर में एक बार फिर पुरानी परंपरा देखने को मिली है. शुक्रवार को शहर में एक बारात गाजे-बाजे के साथ शाही अंदाज में ऊंट पर निकली (Royal Barat on camels in Barmer) तो हर कोई देखता रह गया.
बाड़मेर शहर निवासी मलेश राजपुरोहित नाम के युवक की बारात राजस्थानी अंदाज में ऊंटों पर निकली. दरअसल मलेश के दादा की बारात बरसों पहले ऊंटों पर ही गई थी. दादा का सपना था कि उनका पोता आधुनिक युग में भी परंपरागत तरीके से ऊंटों पर ही बारात लेकर दुल्हन लेने जाए. ऐसे में दादा के सपने को पूरा करने के लिए मंगलेश के पिता दलपत सिंह ने जैसलमेर से 21 ऊंट मंगवाए हैं. गाजे-बाजे के साथ बारात को शाही अंदाज में महाबार गांव जा रही है.
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दलपत सिंह ने बताया कि लोग आजकल पुरानी परंपरा को भूलते जा रहे हैं. किसी जमाने में हमारे पुरखे ऊंटों पर बारात जाया करते थे. ऐसे में मैं भी बेटे की बारात ऊंटों पर ही ले जा रहा हूं. लोगों से अपील करना चाहूंगा कि पुरानी परंपराओं को भूलें नहीं.