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जिले में बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से निरंतर किए जा रहे प्रयास- जिला आशा समन्वयक - बाड़मेर पीएचसी हेल्थ सुपरवाइजर की समीक्षा बैठक

बाड़मेर में समस्त ब्लॉक हेल्थ सुपरवाइजर और पीएचसी हेल्थ सुपरवाइजर की समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ. इस आयोजन की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एल. बिश्नोई ने की.

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बाड़मेर समीक्षा बैठक आयोजित
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Published : Feb 20, 2021, 7:44 PM IST

बाड़मेर. जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत समस्त ब्लॉक हेल्थ सुपरवाइजर और पीएचसी हेल्थ सुपरवाइजर की समीक्षा बैठक का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बी.एल. बिश्नोई की अध्यक्षता में किया गया.

डॉ. बिश्नोई ने बीएचएस और पीएचएस को संबोधित करते हुए बताया कि समुदाय के साथ कार्य करने वाली आशा सहयोगिनी एवं एनएनएम की ओर से किए जाने वाले कार्य गर्भवती महिला का पंजीयन, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, परिवार कल्याण, प्रसव पश्च्यात मां एवं बच्चे की देखभाल करने, राष्ट्रीय कार्यक्रम पर जानकारी दी गई. अतिरिक्त सीएमएचओ डॉ. सताराम भाकर ने परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान आशाओं की ओर से महिलाओं को नसबंदी के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए.

जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी ने पीपीटी के माध्यम से आशा कार्यक्रम की समीक्षा की गई. बैठक में नव चयनित आशा सहयोगिनियों के चयन और प्रशिक्षण, मां कार्यक्रम की मासिक रिपोर्ट, एचबीएनसी, एचबीवाईसी कार्यक्रम की मासिक रिपोर्ट, बीएचएस एवं पीएचएस टूर प्लान, आशा ज्योति (एनआईओएस) 10 वीं और 12वीं कक्षा में प्रवेश की सूचना लंबे समय से कार्य नहीं करने वाली आशा सहयोगिनियों को हटाने आदि कार्यों पर समीक्षा की गई.

पढ़ें: Exclusive: दौसा घूसकांड प्रकरण में बड़ा खुलासा, SHO से गैरकानूनी काम करवाता था IPS मनीष अग्रवाल

भाटी ने बताया कि जिले में बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. साथ ही आशा सहयोगिनियों की ओर से 6 महिनो से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों की घर-घर जाकर जांच करेगी.

जांच के दौरान बच्चों की बाह का मोप मोंक टेप से की जाएगी. मोंक टेप की जांच में बच्चों की बाह 11.5 सेंटीमीटर से कम पाई जाती है तो इसे आशा के स्तर पर बच्चों को कुपोषित मानते हुए नजदीकी चिकित्सा संस्थान पर उपचार के लिए रेफर किया जाएगा. उसके उपरांत चिकित्सक की ओर से कुपोषित पाए जाने पर कुपोषण उपचार केंद्र पर रेफर किया जाएगा.

बाड़मेर. जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत समस्त ब्लॉक हेल्थ सुपरवाइजर और पीएचसी हेल्थ सुपरवाइजर की समीक्षा बैठक का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बी.एल. बिश्नोई की अध्यक्षता में किया गया.

डॉ. बिश्नोई ने बीएचएस और पीएचएस को संबोधित करते हुए बताया कि समुदाय के साथ कार्य करने वाली आशा सहयोगिनी एवं एनएनएम की ओर से किए जाने वाले कार्य गर्भवती महिला का पंजीयन, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, परिवार कल्याण, प्रसव पश्च्यात मां एवं बच्चे की देखभाल करने, राष्ट्रीय कार्यक्रम पर जानकारी दी गई. अतिरिक्त सीएमएचओ डॉ. सताराम भाकर ने परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान आशाओं की ओर से महिलाओं को नसबंदी के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए.

जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी ने पीपीटी के माध्यम से आशा कार्यक्रम की समीक्षा की गई. बैठक में नव चयनित आशा सहयोगिनियों के चयन और प्रशिक्षण, मां कार्यक्रम की मासिक रिपोर्ट, एचबीएनसी, एचबीवाईसी कार्यक्रम की मासिक रिपोर्ट, बीएचएस एवं पीएचएस टूर प्लान, आशा ज्योति (एनआईओएस) 10 वीं और 12वीं कक्षा में प्रवेश की सूचना लंबे समय से कार्य नहीं करने वाली आशा सहयोगिनियों को हटाने आदि कार्यों पर समीक्षा की गई.

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भाटी ने बताया कि जिले में बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. साथ ही आशा सहयोगिनियों की ओर से 6 महिनो से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों की घर-घर जाकर जांच करेगी.

जांच के दौरान बच्चों की बाह का मोप मोंक टेप से की जाएगी. मोंक टेप की जांच में बच्चों की बाह 11.5 सेंटीमीटर से कम पाई जाती है तो इसे आशा के स्तर पर बच्चों को कुपोषित मानते हुए नजदीकी चिकित्सा संस्थान पर उपचार के लिए रेफर किया जाएगा. उसके उपरांत चिकित्सक की ओर से कुपोषित पाए जाने पर कुपोषण उपचार केंद्र पर रेफर किया जाएगा.

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