बाड़मेर. राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ रेसला बाड़मेर के जिला अध्यक्ष डूंगर सिंह सारण ने बताया, प्रधानाचार्य पदोन्नति में व्याख्याताओं और प्रधानाध्यापक का अनुपात 67:33 है. लेकिन वर्तमान में राज्य में व्याख्याता 54 हजार, जबकि प्रधानाध्यापक 3 हजार 500 हैं. जो कि 92:8 की जायज मांग के साथ हमारे संगठन ने अपनी मांग रखी.
सरकार एवं हमारे प्रदेश कार्यकारिणी के बीच वार्ता से 80:20 के अनुपात के आधार पर सहमति बनी. लेकिन ऐन वक्त पर संख्यात्मक अनुपात के आधार पर पदोन्नति की फाइल डेफर कर दी गई, जो रेसला के साथ छलावा है. आज हम उस मांग को सरकार तक पहुंचाने के लिए विधायक को ज्ञापन सौंपकर रेसला संगठन की पैरवी करने की मांग की गई, जिस पर विधायक मेवाराम जैन ने आश्वासन दिया है कि इस मांग को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा.
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रेसला के संगठन मंत्री रूप सिंह जाखड़ ने कहा, रेसला की मांग वाजिब है. हम हक की लड़ाई में रेसला के साथ हैं. रेसला बाड़मेर प्रवक्ता तनवीर सिंह डऊकिया ने बताया, हमारा संगठन 5 मार्च से जयपुर में आमरण अनशन पर है और 25 हजार व्याख्याताओं की विशाल रैली के बावजूद भी सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. इसलिए रेसला आमरण अनशन के साथ गांधीवादी तरीके से सरकार से अपना हक मांग रहा है.