बाड़मेर. पूरे देश में राम जन्म भूमि पूजन को लेकर जबरदस्त तरीके से लोगों में उत्साह है. लोग अपने-अपने अंदाज में विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लेकर लोगों का हौसला और बढ़ा दिया है.
इसी कड़ी में राजस्थान के बाड़मेर जिला मुख्यालय पर राम भक्तों ने ढोल-नगाड़ों के साथ बीच चौराहे पर जय श्री राम के नारों के साथ अपनी खुशी का इजहार किया. इस दौरान बाड़मेर जिले के रहने वाले कार सेवक जगदीश खत्री ने उस वक्त के हालातों की पूरी कहानी को बताया और किस तरीके से मुलायम सरकार ने उन पर जुल्म ढाया था, उसकी पूरी दास्तान बताया.
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कार सेवक जगदीश खत्री ने बताया कि उस समय 1990 में बाड़मेर जिले से 130 से ज्यादा लोग अयोध्या के लिए निकले थे, लेकिन मथुरा के पास ही हम लोगों को रोक दिया गया और करीब 6 दिन तक जेल में डाल दिया गया.
इस तरीके के बाद तरह-तरह की यातनाएं दी गई, लेकिन हमने यह साफ कर दिया था कि हम किसी भी हाल में बाबरी ढांचे को गिराएंगे और उसके बाद जब 1992 में बाड़मेर जिले से 35 लोगों को कारसेवकों की सुरक्षा के लिए अयोध्या भेजा गया, उसमें से मैं भी एक था और हमने आखिर 12:00 से 5:00 के बीच में विवादित बाबरी ढांचे को गिरा ही दिया.
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आज इस बात की बेहद खुशी है कि आखिर वह दिन 500 साल बाद आ ही गया, जब अयोध्या में भगवान राम का मंदिर की भूमि पूजन का कार्यक्रम हो रहा है. इस दिन के इंतजार के लिए तो पिछले 30 सालों से लगातार सरकार पर सवाल खड़े कर रहे थे, लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिर राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर बनाने का फैसला ले लिया और आज भूमि पूजन होने की बेहद खुशी है.