सिवाना (बाड़मेर). आनंदपाल एनकाउंटर में कुछ दिनों पहले CBI ने चार्जशीट पेश कर रावणा राजपूत समाज के 24 शीर्ष नेताओं को दोषी बताया था. जिसे लेकर संघर्ष समिति ने 17 जुलाई को धोखा दिवस में रूप में मनाने का निर्णय लिया. साथ ही तत्कालीन सरकार के प्रतिनिधियों और संघर्ष समिति सदस्यों के बीच हुए समझौते पत्र की प्रतियां फाड़कर जलाने का भी निर्णय लिया गया. जिसके तहत शुक्रवार को पूरे प्रदेश में तहसील, उपखंड, जिला मुख्यालयों पर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया.
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राजपूत-रावणा राजपूत संघर्ष समिति सिवाना के बैनर तले तहसीलदार को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि आनंदपाल एनकाउंटर संदिग्ध परिस्थितियों के साथ हुआ था, तत्कालीन राज्य सरकार प्रतिनिधिमंडल और संघर्ष समिति के मध्य 18 जुलाई 2017 को हुए समझौते पत्र में FIR से सम्बंधित प्रकरणों की जांच CBI से करवाने पर सहमति बनी थी.
तत्कालीन सरकार ने किन्ही कारणों से उक्त समझौते के परे जाकर रावणा राजपूत समाज के शीर्ष 24 प्रतिष्ठित सामाजिक नेताओं पर दर्ज FIR की जांच CBI से करवाकर समाज के प्रतिष्ठित लोगों के खिलाफ झूठी और आधारहीन चार्जशीट पेश करवा दी. उक्त चार्जशीट में पेश किए गए मुकदमे में राज्य या केंद्र स्तर पर हर संभव कानूनी प्रक्रिया के तहत वापिस लेकर सभ्य और बेगुनाह लोगों के साथ न्याय की मांग की है.
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समझौता पत्र की प्रतियां जलाई...
सिवाना कस्बे में तहसील कार्यालय के आगे शुक्रवार को राजपूत-रावणा राजपूत संघर्ष समिति सिवाना के पदाधिकारियों और सदस्यों के साथ समाज के युवाओं ने समझौता पत्र की प्रतियां जलाकर विरोध जताया. साथ ही तत्कालीन राज्य सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष प्रकट किया.
काले मास्क पहनकर दिया ज्ञापन...
राजपूत-रावणा राजपूत संघर्ष समिति की ओर से शुक्रवार को धोखा और काला दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था, जिसे लेकर काले मास्क पहनकर विरोध दर्ज करवाया गया.