बाड़मेर. राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार (Rajasthan Cabinet Expansion) का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. तारीख का औपचारिक एलान होना बाकी है. कहा जा रहा है कि इस बार सिर्फ विस्तार ही नहीं बल्कि फेरबदल (Rajasthan Cabinet Reshuffle) भी होगा. पश्चिमी राजस्थान में कांग्रेस का सबसे बड़ा गढ़ बाड़मेर विधानसभा को माना जाता है. इस मंत्रिमंडल विस्तार में बाड़मेर विधानसभा से तीसरी बार विधायक चुने गए मेवाराम जैन का नाम भी शामिल हो सकता है.
क्योंकि खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया को मंत्रिमंडल से हटाया जा सकता है. ऐसा माना जा रहा है मंत्री प्रमोद जैन भाया के रिप्लेसमेंट के तौर पर मेवाराम जैन को राज्यमंत्री बनाया जा सकता है. बता दें, प्रमोद जैन भया के पास जो खान महकमा है वह अपने आप में दो मुंही तलवार है.
इस महकमे में अवैध खनन और भ्रष्टाचार के मुद्दे लगातार छाए रहते हैं. सीधे तौर पर प्रमोद जैन भया पर कोई आरोप तो नहीं है, लेकिन जिस तरीके से कांग्रेस के ही विधायक भरत सिंह लगातार भ्रष्टाचार को लेकर मंत्री प्रमोद जैन भाया पर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हैं और इस विभाग में जिस तरह से अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है, ऐसे में पिछली बार की तरह इस बार भी प्रमोद जैन भाया पर खनन विभाग भारी पड़ सकता है. वैसे भी प्रमोद जैन भाया को भी सचिन पायलट (Sachin Pilot) कोटे से विधायक बनाया गया था, लेकिन अब सचिन पायलट प्रमोद जैन भाया से भी किनारा कर चुके हैं.
वहीं, बाड़मेर विधानसभा से लगातार तीन बार विधायक चुने गए मेवाराम जैन महीने भर से लगातार जयपुर और दिल्ली के चक्कर लगा रहे हैं. राजस्थान के प्रभारी अजय माकन से भी विधायक मेवाराम जैन ने मुलाकात की है. जैन ने आलाकमान से भी मुलाकात की है. कहने को तो ये सब औपचारिक मुलाकात थी, लेकिन इसके बड़े राजनीतिक मायने देखे जा रहे हैं.
ऐसा माना जाता है कि खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की नाराजगी है. साथ ही कई अन्य विवाद भी उनके साथ जुड़े हुए हैं. ऐसे में जैन समुदाय से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक मेवाराम जैन आते हैं. साथ ही मेवाराम जैन अशोक गहलोत के करीबी भी माने जाते हैं. इसलिए जयपुर से लेकर बाड़मेर में इस बात की चर्चा जबरदस्त तरीके से चल रही है कि अगर प्रमोद जैन भाया को हटाया जाता है तो मेवाराम जैन को राज्यमंत्री बनाया जा सकता है.
लगातार तीन बार जीत कर आए हैं मेवाराम जैन
मेवाराम जैन सरपंच से लेकर विधायक तक चुनाव लड़ चुके हैं और उसमें हमेशा जीत हासिल की है. पिछली विधानसभा में जब कांग्रेस का मारवाड़ में सूपड़ा साफ हो गया था, तो सांचौर से सुखराम बिश्नोई और बाड़मेर विधानसभा से मेवाराम जैन ने मोदी की आंधी में भी अपनी सीट बचा ली थी. उसके बाद जब 2018 में विधानसभा चुनाव हुए तो राजस्थान के कद्दावर जाट किसान नेता व पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी को बड़े अंतराल से हराकर फिर विधानसभा पहुंच गए.
पिछली गहलोत सरकार में बाड़मेर जिले से दो मंत्री थे...
पिछली गहलोत सरकार में बाड़मेर जिले से हेमाराम चौधरी कैबिनेट मंत्री तो वहीं दूसरी तरफ अमीन खान को राज्यमंत्री का दर्जा था. लेकिन इस सरकार में बाड़मेर जिले से महज बायतु से विधायक हरीश चौधरी कैबिनेट मंत्री हैं. ऐसे में इस बार मंत्रिमंडल विस्तार में ऐसा माना जा रहा है कि बाड़मेर से एक और राज्यमंत्री हो सकता है.
पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक अमीन खान कर रहे हैं पैरवी
अमीन खान और मेवाराम जैन दोनों अच्छे दोस्त माने जाते हैं. हाल ही में अमीन खान ने साफ कर दिया था कि वे आलाकमान को साफ बोल कर आए हैं कि उन्हें मंत्री नहीं बनना है. उन्होंने अपनी राय रखते हुए कहा कि मेवाराम जैन को मंत्री बनाने की सिफारिश करने की खबर है.