बाड़मेर. इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडेंट के साथ शिक्षकों द्वारा तालिबानी तरीके से मारपीट का सनसनीखेज मामला सामने आया है. छात्र ने आरोप लगाया है कि उसके साथ दो अन्य छात्रों को कुछ दिन पहले प्रोफेसर, व्याख्याता और सब रजिस्ट्रार ने कॉलेज परिसर के साथ ही कॉलेज के हॉस्टल में बेल्ट और डंडों से इस कदर पिटाई किया कि शरीर पर पांच दिन बाद भी घाव भरे नहीं हैं. इस मामले में पेट्रोलिंग इंजीनियरिंग स्टूडेंट योगेंद्र सिंह ने बताया कि उसके साथ तीन प्रोफेसरों ने बारी-बारी से पिटाई की.
स्टूडेंट योगेंद्र सिंह के अनुसार 9 मार्च को चोरी के इल्जाम में प्रोफेशन ने उनके साथ तालिबानी तरीके से पिटाई की. इतना ही नहीं जब तक उन्होंने उनके कहे बयानों पर हस्ताक्षर और अंगूठा नहीं किया, तब तक लगातार पीटते रहे. आखिर जब उन्होंने हस्ताक्षर और अंगूठा किया, तब जाकर पिटाई बंद की और उसके बाद ग्रामीण पुलिस को सूचना कर दी. वहां से हमारा मेडिकल करवाया गया, जो कि अपनी आत्मकथा उसी वक्त मैंने पुलिस में यह शिकायत भी की कि मेरे साथ में इन प्रोफेसरों ने जबरदस्त तरीके से पिटाई की है. लेकिन किसी ने मेरी सुनी नहीं, मैं इतना डरा सहमा था कि तीन दिन बाद मैंने अपनी घटना की जानकारी यहां पर मिलने वाले को दी. उसके बाद मेरे पिता को उन्होंने बताया. मेरे पिता आए हैं, मैं चाहता हूं कि इस मामले में दोषी प्रोफेसरों के खिलाफ कार्रवाई हो.
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पीड़ित स्टूडेंट के पिता के अनुसार आज दिन तक उन्होंने इस कदर किसी भी शिक्षक द्वारा इस तरीके की पिटाई के बारे में नहीं सुना था. पुलिस भी इतना पीटते नहीं है, जितना मेरे बच्चों को इन शिक्षकों ने पीटा है. इस मामले में मैंने कॉलेज के प्रिंसिपल से बात की तो मुझे बोला कि सोमवार को आना. वहीं पुलिस भी कोई संतुष्ट जवाब नहीं दे रही है. अब मैं इस मामले में कोर्ट कार्रवाई करने जा रहा हूं.
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सबसे बड़ा सवाल है कि इस मामले में जब हमने इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने भी हमसे कोई बात नहीं की और यहां तक कि पुलिस ने भी मीडिया से बातचीत करने से भी इनकार कर दिया. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर इन प्रोफेसर को तालिबानी तरीके से पिटाई करने का अधिकार किसने दिया अगर छात्रों की गलती थी तो उसकी जानकारी पुलिस को देनी चाहिए थी. न कि इस तरीके से तालिबानी पिटाई करने की अब देखने वाली बात इस मामले में आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ कब पुलिस प्रशासन एक्शन लेता है.