बाड़मेर/जोधपुर. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने जसोल हादसे में मृतकों के परिजनों से मिलकर उनका ढांढस बंधाया है. उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए 20- 20 लाख रुपए सहायता राशि की मांग की है. वहीं उन्होंने कहा है कि मेहरानगढ़ हादसे के बाद सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी की पालन किया गया होता तो यह हादसा नहीं होता.
भारतीय जनता पार्टी के विधायक एवं विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ सोमवार को बालोतरा पहुंचे. जहां उन्होंने जसोल हादसे के घटना स्थल पर पहुंचकर हालात देखे और प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया. राठौड़ ने कहा कि अगर मेहरानगढ़ हादसे के बाद सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी की पालना होती तो यह हादसा नहीं होता. यह एडवाइजरी सभी प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालय में मौजूद है, लेकिन इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया.
राठौड़ ने यह भी कहा कि कथा वाचक एक प्रसिद्ध कथा वाचक है जिन की कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं. इसका प्रचार भी हुआ था, ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी थी कि आगे से चलकर आकर इंतजाम देखे. लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ. साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस की भी खामी रही है. मौके पर पर्याप्त पुलिस भी नहीं लगाई गई.
उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सभी मृतकों के परिजनों के लिए 20 लाख रुपए की मौजे की मांग करती है. मौका स्थल का मुआयना करते समय राठौड़ ने यह भी कहा कि अगर इतनी बड़ी कथा का आयोजन हो रहा था तो प्रशासन को निश्चित तौर पर यहां आकर जानकारी लेनी चाहिए थी. अब सरकार में सुनिश्चित करें कि प्रदेश में इस तरह के आयोजनों में ऐसी घटनाएं नहीं हो इसकी पालना की जाएगी. वहीं भाजपा नेता सतीश पूनिया ने कहा कि अगर तय नियमों की पालना होती तो शायद हादसे में इतनी जाने नहीं जाती. उन्होंने घटना के समय आगे आए पुलिस कर्मियों की सराहना भी की है.