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Online Fraud in Barmer: कंपनी की फर्जी आईडी बनाकर स्कीम के 1.83 करोड़ की ठगी, दो आरोपी UP से गिरफ्तार - ETV Bharat Rajasthan News

बाड़मेर की कंपनी को केंद्र सरकार की ओर से योजना के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि 1.83 करोड़ की ठगी करने वाले 2 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी को पुलिस ने यूपी के गाजियाबाद से दबोचा है.

Online Fraud in Barmer
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 13, 2023, 5:49 PM IST

बाड़मेर. ऑनलाइन ठगी करने वाली गैंग का बाड़मेर पुलिस ने खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. इस गैंग ने ऑनलाइन फ्रॉड करके बाड़मेर की कंपनी को केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि 1.83 करोड़ को फर्जी आईडी प्रूफ से आवेदन कर अपने खातों में ट्रांसफर करवा ली थी. बाड़मेर पुलिस ने यूपी के गाजियाबाद पहुंचकर दो ठगों को दबोचा और पूरे मामले का खुलासा किया है.

यह है पूरा मामला : बाड़मेर पुलिस अधीक्षक दिगंत आनंद ने बताया कि 28 जुलाई 2023 को बाड़मेर निवासी परिवादी विक्रम कुमार माहेश्वरी ने पुलिस थाना साइबर को रिपोर्ट देकर बताया था कि उनकी ग्वार गम की एक्सपोर्ट कंपनी है. केंद्र सरकार की ओर से निर्यात उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए एक स्कीम आई है. इसके लिए नई दिल्ली ऑफिस में 16 फरवरी 2023 को फर्म की ओर से योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया गया तो पता चला कि हमारे फर्म के नाम से किसी ने फर्जी आईडी पहले ही बना रखी है. इस आईडी से 1 फरवरी 2023 को रजिस्ट्रेशन हुआ है. इतना ही नहीं फर्जी आईडी से कंपनी के 50 स्क्रिप्ट, जिसकी कीमत 1 करोड़ 83 लाख 468 रुपए थी, वो हड़प लिए.

पढ़ें. Cyber Fraud in Jaipur: ताजमहल, बुर्ज खलीफा का रिव्यू कर मोटी कमाई का दिया झांसा, युवक को लगाया 75 लाख का चूना

आरोपियों ने अपराध स्वीकार किया : परिवादी की रिपोर्ट पर मामला दर्ज करके टीम गठित कर जांच शुरू की गई. मोबाइल नंबर और अन्य तकनीकी मदद से जानकारी जुटाकर पुलिस की टीम यूपी के गाजियाबाद पहुंची. 7 दिन तक वहीं रुककर पुलिस ने सिम धारक प्रदीप कुमार और दीपक कुमार निवासी जिला गाजियाबाद को गिरफ्तार किया. पूछताछ में दोनों ने ऑनलाइन ठगी करना स्वीकार किया है. यह गैंग ठगी के लिए संबंधित फर्म की फर्जी ई-मेल आईडी बनाते थे और फर्म को सरकार से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को किसी अन्य कंपनी में ट्रांसफर कर प्राप्त कर लेते थे.

ठगों के खातों में करोड़ों का ट्रांजेक्शन : पकड़े गए आरोपियों के बैंक खातों में 1 करोड़ 20 लाख रुपए का लेनदेन सामने आया है. दोनों के खातों को फ्रीज करवाया गया है. पुलिस के अनुसार इस गैंग में कपिल गुप्ता और सचिन गर्ग को भी नामजद किया है जो कि ऑनलाइन ठगी के मास्टर माइंड माने जाते हैं. पुलिस नामजद आरोपियों की तलाश कर रही है. पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के पास ने 1 लैपटॉप, अलग-अलग नाम के 9 पेन ड्राइव, 11 की-पैड और 2 मल्टीमीडिया मोबाइल. प्रत्येक मोबाइल में 2-2 सिम, 6 खुली सिम, 10 आधार कार्ड और 37 डिजिटल हस्ताक्षर की पेन ड्राइव बरामद की है.

बाड़मेर. ऑनलाइन ठगी करने वाली गैंग का बाड़मेर पुलिस ने खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. इस गैंग ने ऑनलाइन फ्रॉड करके बाड़मेर की कंपनी को केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि 1.83 करोड़ को फर्जी आईडी प्रूफ से आवेदन कर अपने खातों में ट्रांसफर करवा ली थी. बाड़मेर पुलिस ने यूपी के गाजियाबाद पहुंचकर दो ठगों को दबोचा और पूरे मामले का खुलासा किया है.

यह है पूरा मामला : बाड़मेर पुलिस अधीक्षक दिगंत आनंद ने बताया कि 28 जुलाई 2023 को बाड़मेर निवासी परिवादी विक्रम कुमार माहेश्वरी ने पुलिस थाना साइबर को रिपोर्ट देकर बताया था कि उनकी ग्वार गम की एक्सपोर्ट कंपनी है. केंद्र सरकार की ओर से निर्यात उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए एक स्कीम आई है. इसके लिए नई दिल्ली ऑफिस में 16 फरवरी 2023 को फर्म की ओर से योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया गया तो पता चला कि हमारे फर्म के नाम से किसी ने फर्जी आईडी पहले ही बना रखी है. इस आईडी से 1 फरवरी 2023 को रजिस्ट्रेशन हुआ है. इतना ही नहीं फर्जी आईडी से कंपनी के 50 स्क्रिप्ट, जिसकी कीमत 1 करोड़ 83 लाख 468 रुपए थी, वो हड़प लिए.

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आरोपियों ने अपराध स्वीकार किया : परिवादी की रिपोर्ट पर मामला दर्ज करके टीम गठित कर जांच शुरू की गई. मोबाइल नंबर और अन्य तकनीकी मदद से जानकारी जुटाकर पुलिस की टीम यूपी के गाजियाबाद पहुंची. 7 दिन तक वहीं रुककर पुलिस ने सिम धारक प्रदीप कुमार और दीपक कुमार निवासी जिला गाजियाबाद को गिरफ्तार किया. पूछताछ में दोनों ने ऑनलाइन ठगी करना स्वीकार किया है. यह गैंग ठगी के लिए संबंधित फर्म की फर्जी ई-मेल आईडी बनाते थे और फर्म को सरकार से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को किसी अन्य कंपनी में ट्रांसफर कर प्राप्त कर लेते थे.

ठगों के खातों में करोड़ों का ट्रांजेक्शन : पकड़े गए आरोपियों के बैंक खातों में 1 करोड़ 20 लाख रुपए का लेनदेन सामने आया है. दोनों के खातों को फ्रीज करवाया गया है. पुलिस के अनुसार इस गैंग में कपिल गुप्ता और सचिन गर्ग को भी नामजद किया है जो कि ऑनलाइन ठगी के मास्टर माइंड माने जाते हैं. पुलिस नामजद आरोपियों की तलाश कर रही है. पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के पास ने 1 लैपटॉप, अलग-अलग नाम के 9 पेन ड्राइव, 11 की-पैड और 2 मल्टीमीडिया मोबाइल. प्रत्येक मोबाइल में 2-2 सिम, 6 खुली सिम, 10 आधार कार्ड और 37 डिजिटल हस्ताक्षर की पेन ड्राइव बरामद की है.

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