बाड़मेर. जिले में लगातार बढ़ती साइबर क्राइम की वारदातों और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को ठगी का शिकार होने के मामलों से निपटने के लिए रविवार को पुलिस कंट्रोल रूम में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम जिला पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी के सानिध्य में किया गया. इस कार्यक्रम के तहत जयपुर से साइबर विशेषज्ञ मुकेश चौधरी ने पुलिस अधिकारियों को साइबर क्राइम और सोशल मीडिया के जरिए ठगी के शिकार होने के मामलों का खुलासा के साथ उन मामलों को सुलझाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया.
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प्रशिक्षक मुकेश चौधरी ने बताया कि जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी तरक्की कर रही है, वैसे ही अपराध का ग्राफ भी बढ़ रहा है. इसमें साइबर क्राइम सबसे जटील होता जा रहा है. इसके चलते एक व्यक्ति घर बैठे लैपटॉप की मदद से कुछ नंबर हासिल करके पैसा, डाटा समेत अन्य महत्वपूर्ण चीजों को हासिल कर लेता है, जिसका नाम, पता समेत सारी चीजें पता नहीं होता है. साथ ही बताया कि इस अपराध को ट्रेस कर अनुसंधान करना बहुत की कठिन कार्य है, लेकिन हम मेहनत और लगन के साथ कार्य करें तो हमारे पास भी तकनीक बेहतर है और हम अपराधी को पकड़ सकते हैं. साथ ही बताया कि इसमें साइबर फोरेंसिक जांच किस प्रकार की जाए, इसमें कई प्रकार की टेक्निकल चीजें शामिल होती है, इस पर ध्यान देना जरुरी है. ताकि कोर्ट में ऐसे मामलों के पुख्ता सबूत देकर साइबर अधराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सकें.
पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी का कहना है कि पिछले महीने ही बाड़मेर जिले में कई लोगों की फेसबुक आईडी हैक कर लोगों से ठगी करने के कई मामले सामने आए थे, जिनका अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है. जिसके बाद इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए सभी थाना अधिकारियों को साइबर क्राइम से निपटने में सक्षम बनाने के लिए एक प्रशिक्षण का आयोजन करवाया गया. यह प्रशिक्षण पुलिस को साइबर क्राइम के खिलाफ मजबूत करने अहम साबित होता है.
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इसमें बाड़मेर जिले के अतिरक्त पुलिस, वृताधिकारी समेत सभी थानाधिकारियों शामिल किया गया है. अपराधी जिले लगातार बेखौफ होकर साइबर क्राइम जैसी वारदातों को अंजाम देकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे है, जिसमें इन ठगी के मामलों में कई बाड़मेर के पुलिसकर्मी भी शिकार हुए थे. ऐसे में ये बाड़मेर पुलिस को साइबर प्रशिक्षण पुलिस मील का पत्थर साबित होगा.