बाड़मेर. भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के बैनर तले बाड़मेर जिला मुख्यालय पर मंगलवार को किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष आदुराम मेघवाल और किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष गिरधर सिंह कोटडिया के नेतृत्व में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया. साथ ही नेताओं और किसानों ने जिला कलेक्टर को राज्यपाल के नाम 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा. इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वरूप सिंह खारा, रमेश सिंह इंदा, अक्षय दान बाहरठ, मांगीलाल महाजन नरपत सिंह धारा सहित कई बीजेपी नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहे.
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भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष आदुराम मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों को लेकर बड़े-बड़े वादे किए. लेकिन, सरकार बनने के बाद किसानों को किसी तरह की राहत नहीं मिली, जिसके चलते किसानों की 11 सूत्रीय मांगों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया. वहीं, राज्यपाल के नाम मांग-पत्र सौंपकर किसानों को राहत दिलाने की मांग की गई है.
आदुराम मेघवाल ने कहा कि जिले में प्रमुख तौर पर बाजरे की खेती होती है और गहलोत सरकार ने बाजरा क्लेम राशि को कम करने का काम किया है. ऐसे में सरकार बाजरा क्लेम राशि बढ़ाने और इसके साथ ही उन्होंने कोविड-19 के चलते आर्थिक हालातों को देखते हुए किसानों के बिजली के बिल माफ करने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने विद्युत बिलों में स्थाई शुल्क कम करने की मांग की.
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वहीं, भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष गिरधर सिंह कोटडीया ने बताया कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय साल 2018 में बाजरा क्लेम राशि 19 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर थी, जो वर्तमान में गहलोत सरकार ने कम करते हुए साल 2019 में 14 हजार प्रति हेक्टेयर कर दी थी. वहीं, साल 2020 में उसे और घटाकर 6,856 रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया गया. इस प्रदेश के किसानों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है.
गिरधर सिंह कोटडीया ने कहा कि बाजरा क्लेम की राशि बढ़ाई जाए. इसे पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय की तरह 19 हजार प्रति हेक्टेयर की जाए. उन्होंने कहा कि बाड़मेर के किसानों को केवल 3-4 घंटे विद्युत सप्लाई दी जा रही है, जिससे किसानों की फसलों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है. फसल खराब होने से किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है. इसलिए किसानों के लिए विद्युत सप्लाई 10-12 घंटे तक की जाए. उन्होंने कहा कि इसके अलावा कोविड-19 की वजह से उत्पन्न आर्थिक हालातों को ध्यान में रखते हुए सरकार से 3 महीनों के किसानों के बिल माफ करने सहित 11 मांगें की गई है.