बाड़मेर. नये कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों से चल रही वार्ताओं के बीच केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि पीएम मोदी कभी किसान विरोधी नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि वे खुद एक किसान के बेटे हैं और खेती को जिया है. हल चलाने से लेकर फसल बोने तक, हर काम बारीकी से जानते हैं. उन्होंने कहा कि हमने कानूनों का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले, दोनों ही तरह के किसानों से मुलाकात की है. यकीन है कि आंदोलन कर रहे किसान यूनियन किसानों के हितों का खयाल रख रहे हैं और तत्परता के साथ इसके समाधान में लगे हुए हैं.
कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने आगे कहा कि एमएसपी लागू रहेगा. सरकार इसे लिखित में भी देने को तैयार हैं, तो इसमें किसी प्रकार की भ्रांति नहीं होनी चाहिए. निजी मंडियां या सरकारी मंडियां चाहे दूसरे खरीदने वाले हैं या सरकार खरीदती है, ये सारा काम चलेगा.
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आगामी बजट में कृषि क्षेत्र का रखा जाएगा विशेष ध्यान
कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कृषि सुधार कानून किसान हित में है, लेकिन सरकार विरोध कर रहे किसान संगठनों से भी आगामी वार्ता के माध्यम से संशोधन के लिए तैयार है. कैलाश चौधरी ने कहा कि कोरोना काल के भयंकर संकट के बावजूद कृषि क्षेत्र की विकास दर बहुत प्रोत्साहित करने वाली रही है. इसीलिए मोदी सरकार भारतीय कृषि को वैश्विक बाजार से जोड़ने की दिशा में काम करने के साथ ही संकट से घिरे कृषि क्षेत्र को सुधारों के जरिये नई ऊंचाई पर पहुंचाने की कोशिश लगातार हो रही है. केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए व्यापक योजना लागू की है, जिसका लक्ष्य 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करना है.
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गिड़ा तहसील हुई ऑनलाइन
गिड़ा (बाड़मेर). अपने खेत की भूमि की जमाबंदी और नक्शों के लिए अब तहसील कार्यालय पर चक्कर नहीं काटने होंगे. गुरुवार को गिड़ा तहसील ऑनलाइन होने से अब काश्तकार घर बैठे ही आसानी से अपनी खातेदारी के हिस्से को देख सकेंगे. स्थानीय विधायक व राजस्व मंत्री के प्रयासों से यह सब अब गिड़ा तहसील क्षेत्र के किसानों के लिए संभव हो सकेगा. गौरतलब है कि बायतु विधानसभा क्षेत्र की दोनो तहसीले अब ऑनलाइन हो गई है. गिड़ा तहसील के 171 गांवो के कुल 14 हजार 171 खाते हैं. लगभग 28 हजार 881 खसरे हैं. लगभग 27 हजार काश्तकार हैं, जिन्हें फायदा मिलेगा. राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने बताया कि गिड़ा तहसील के ऑनलाइन होने के साथ ही गांवों के नक्शे भी डिजिलाइजेशन किए गए हैं. इसका बड़ा फायदा किसान को यह मिलेगा कि वह जिस खसरे की नकल की जरुरत होगी, वह उसे प्राप्त कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि नकल की लिखावट के साथ ही नक्शा का भी प्रिंट होकर मिल सकेगा.