बाड़मेर. गहलोत सरकार की ओर से राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा है कि अकाल के लिए सरकार की ओर से बेहतर प्रबंधन किया जाएगा. सबसे बड़ी व्यवस्था चारे और पानी के लिए की जाएगी. आम लोगों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी.
सरकार जल्द ही गिरदावरी रिपोर्ट करवाने की तैयारी में है, साथ ही सर्वे की तैयारी चल रही है. किसानों को क्लेम और इंश्योरेंस के माध्यम से राहत दी जाएगी. गौरतलब है कि राजस्थान के बाड़मेर जिले में इस बार भीषण अकाल 10 साल बाद देखा गया है. ऐसा बताया जा रहा है कि करीब चार लाख किसानों का 20 अरब का नुकसान इस बार हो गया है.
अब लोगों के लिए सबसे बड़ी चिंता है कि अपने पशुधन को बताने के लिए किस तरीके से चारे-पानी की व्यवस्था करेंगे. अब देखने वाली बात होगी कि सरकार कब अकाल के हालातों को देखते हुए बाड़मेर के किसानों को राहत देती है.
क्या थी वुसंधरा की मांग ?
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने प्रदेश सरकार से पश्चिमी राजस्थान में सूखे के कारण किसानों को हो रहे नुकसान पर चिंता जाहिर की थी. साथ ही प्रदेश सरकार से इस क्षेत्र में जल्द ही गिरदावरी करवाकर प्रभावित किसानों को जल्द उचित मुआवजा दिलवाने की मांग की थी. राजे ने अपने ट्वीट कर लिखा था कि पश्चिमी राजस्थान सूखे की चपेट में है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भी कुल बुवाई की केवल 10 से 15 फीसदी फसलें ही बची है और खेती को करीब 2000 करोड़ के नुकसान का अनुमान है.
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उन्होंने लिखा था कि प्रशासन की ओर से बिजली कटौती और कम वोल्टेज की सप्लाई और बढ़ते तापमान ने भी किसानों की कमर तोड़ दी है. जिससे किसानों की भी चिंता बढ़ गई है. वसुंधरा राजे के अनुसार अन्नदाता को अब प्रशासन से सहायता की उम्मीद है. ऐसे में राज्य सरकार को फसल खराबे की जल्द गिरदावरी करवाकर किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करना चाहिए.