बाड़मेर. गौ संरक्षण एवं संवर्धन अधिनियम 2016 में गहलोत सरकार द्वारा किए गए संशोधन का विरोध होना शुरू हो गया है, जिसको लेकर गौ सेवकों समेत विभिन्न संगठन सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने लगे हैं. बुधवार को गोवंश संरक्षण संघर्ष समिति राजस्थान के बैनर तले समिति के पदाधिकारियों समेत भाजपाइयों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपा. इसके जरिए गौ संरक्षण एवं संवर्धन अधिनियम 2016 में किए गए संशोधन को निरस्त करने की मांग की.
समिति के महेंद्र पुरोहित ने बताया कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा वर्ष 2016 में राज्य के निराश्रित अपंग एवं वृद्ध गोवंश के संरक्षण एवं संरक्षण के लिए संदभिर्त आदेश द्वारा गौ संरक्षण एवं संवर्धन अधिनियम 2016 बनाया था, जिसमें राज्य की पंजीकृत गौशालाओं एवं कार्य हाउस में आवासीय गोवंश के पालन पोषण के लिए सहायता राशि देने का प्रावधान रखा गया था.
वहीं स्टांप ड्यूटी पर अधिभार से प्राप्त राशि सिर्फ और सिर्फ गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए वह किए जाने की व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन वर्तमान राज्य की गहलोत सरकार ने इसमें संशोधन करते हुए इस राशि का उपयोग सूखा बाढ़ महामारी लोक स्वास्थ्य आवश्यकताओं समेत प्राकृतिक आपदाओं से निपटने किया है, जिससे गोवंश का संरक्षण एवं संवर्धन होना संभव नहीं होगा. साथ ही गहलोत सरकार द्वारा गौ संरक्षण एवं संवर्धन में किए गए संशोधन को निरस्त करने की मांग की है, ताकि स्टांप ड्यूटी अधिभार से प्राप्त राशि गो संरक्षण एवं संवर्धन में लगाई जा सके.