बाड़मेर: बहुचर्चित कमलेश प्रजापति एनकाउंटर मामले को लेकर सीबीआई की 5 सदस्य टीम सर्किट हाउस पहुंची हैं. इसी के मद्देनजर कमलेश प्रजापत के परिजन और संघर्ष समिति 11 पन्नों का ज्ञापन सौंपने पहुंचे. ज्ञापन सौंपने गई टीम ने सीबीआई की टीम से मुलाकात करने की कोशिश की लेकिन सीबीआई ने ज्ञापन लेने से साफ तौर पर इनकार कर दिया. उसके बाद समिति की ओर से अपना ज्ञापन दिल्ली सीबीआई कार्यालय में भेजा गया है. यह भी बताया जा रहा है कि कमलेश प्रजापति के भाई ने सीबीआई की टीम से मुलाकात की है.
कमलेश की पत्नी की ओर से भेजे गए ज्ञापन में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसमें बताया गया है कि किस तरीके से षड्यंत्र के तहत उसके पति की हत्या की गई है. एनकाउंटर के बाद भी परिवार के लोगों ने कार्रवाई पर कई सवाल उठाए हैं.
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प्रजापत समाज के वकील बलराम प्रजापत का कहना है कि पीड़ित परिवार ने सीबीआई के जांच अधिकारी को प्रतिवेदन दिया है. परिजनों ने कमलेश प्रजापति एनकाउंटर केस से जुड़े तथ्य दिए हैं. परिजनों ने अपनी पीड़ा भी बताई है. परिजनों ने अबतक कोर्ट-कचहरी से लेकर FIR दर्ज कराने के लिए ज्ञापन दिए हैं, लेकिन इनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. परिजनों ने सभी कागजात इकट्ठा कर प्रतिवेदन दिया है. मृतक की पत्नी यशोदा और मृतक के भाई ने प्रतिवेदन दिया है.
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बलराम प्रजापत के मुताबिक अब तक सीबीआई के अधिकारी संघर्ष समिति और पीड़ित परिवार के लोगों से नहीं मिले हैं. हम यह जरूर देख रहे हैं पीड़ित परिवार द्वारा जो आरोपित हैं, बाड़मेर के पुलिस अधिकारी, वह अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर गए और उनकी आवभगत में भी खड़े हैं. इससे आमजन को संदेह हो रहा है कि पद के प्रभाव से जांच प्रभावित कर सकते हैं. यह सरकार के सोचना का विषय था कि जिनके खिलाफ जांच आई है, वही अधिकारी यहां हैं तो एक गरीब परिवार उनके सामने कैसे टिकेगा? यह हमारी चिंता है. हम निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे.
बलराम प्रजापत ने यह भी कहा कि संदेह तो कई प्रकार के हो सकते हैं. परिवार को संदेह हो सकता है. किसी और को भी कोई संदेह हो सकता है. चर्चा में भी कई तरह के संदेह हैं, लेकिन जांच में सभी बिंदु सामने आएंगे. जो सच है, वह सामने आएगा. सीबीआई भारत की बड़ी जांच एजेंसी है, इसलिए हमें उम्मीद है कि सीबीआई जांच करेगी और आरोपी अधिकारियों के प्रभाव में नहीं आएंगे.
23 अप्रैल को कमलेश प्रजापति का बाड़मेर शहर के सदर थाने के पीछे एनकाउंटर हुआ था. इसके बाद से ही इस एनकाउंटर पर सवाल उठ रहे हैं. समाज के लोगों के साथ ही बीजेपी-कांग्रेस नेता लगातार इस एनकाउंटर को लेकर सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे. राजस्थान सरकार ने 31 मई को नोटिफिकेशन जारी किया था. 2 जुलाई को इस नोटिफिकेशन पर केंद्र सरकार ने सहमति दी थी. जिसके बाद सीबीआई की टीम जांच करने के लिए बाड़मेर पहुंची है.