बाड़मेर. दुर्लभ बीमारी से ग्रसित ललित सोनी के इलाज के लिए उसे करोड़ों रुपयों की दरकार है. केंद्रीय राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने केंद्र सरकार से ललित की बीमारी का इलाज कराने की मांग की है.
करोड़ों लोगों में एक या दो व्यक्तियों को पोम्पे नामक दुर्लभ बीमारी होती है. इस बीमारी से बाड़मेर का ललित सोनी पिछले कई साल से जूझ रहा है. इलाज के लिए सालाना तकरीबन 3 करोड रुपय की दरकार है. इस मामले में बुधवार को केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात की है.
कैलाश चौधरी ने ललित के इलाज के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की है. इस दौरान कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी से जूझ रहे मरीजों के उपचार के लिए उनके मंत्रालय से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की. कैलाश चौधरी ने अपने संसदीय क्षेत्र के ललित सोनी का उदाहरण देते हुए कहा कि इस तरह के दुर्लभ एवं गंभीर आनुवंशिक तथा अन्य बीमारियों के मरीजों के लिए उपचार की प्राथमिकता की तत्काल आवश्यकता है.
पोम्पे रोग और इलाज का खर्च
बाड़मेर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर महेंद्र चौधरी के अनुसार ग्लाइकोजन स्टोरेज डिसऑर्डर-2 यानि पोम्पे रोग है. पोम्पे रोग में शरीर की कोशिकाओं में ग्लाइकोजन नामक कॉम्पलैक्स शुगर एकत्रित होती है. शरीर इस प्रोटीन का निर्माण नहीं कर पाता. इसका एकमात्र विकल्प एंजाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी है.
इसमें एक साल में 26 इंजेक्शन लगते हैं. जिनकी कीमत करोड़ों में है. जिसका खर्च सामान्य परिवार के लिए उठाना बेहद मुश्किल है. इलाज के लिए सालाना लगने वाले 2 करोड़ 75 लाख का खर्च उठा पाने की स्थिति में घरवाले नहीं हैं. ऐसे में उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.