बाड़मेर. राज्य में बालिका उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार कई नवाचार कर रही है. सोमवार को बाड़मेर के कन्या महाविद्यालय में राज्य के 200 कॉलेजों में से राजस्थान सरकार ने 10 महाविद्यालयों को इंदिरा प्रियदर्शनी स्वर्णिम उड़ान योजना से जोड़ा है. साथ ही जोधपुर संभाग में बाड़मेर के एमबीसी पीजी कन्या महाविद्यालय को इसके लिए चुना है.
सोमवार को कॉलेज में इंदिरा प्रियदर्शनी स्वर्णिम उड़ान केंद्र की स्थापना की गई. केंद्र का शुभारंभ मनोचिकित्सक डॉक्टर ओम प्रकाश डूडी, डॉ स्नेहा चौधरी ने किया. उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए डूडी ने कहा कि नकारात्मकता को त्यागकर सकारात्मकता जीवन में अपनाएं और अपनों से बात करें.
साथ ही डूडी ने कहा कि अवसाद से निवारण एवं आत्महत्या रोकने संबंधित विषयों पर व्याख्यान देते हुए अवसाद को एक गंभीर मनोविकार बताया. साथ ही विभिन्न उदाहरणों द्वारा आमजन को इस संदर्भ में जागरूक करने की बात कही. बताया कि अवसाद से ग्रस्त व्यक्ति अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाता आत्महत्या करने वाला व्यक्ति यही चाहता है कि उसकी समस्याएं खत्म हो जाए.
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कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ कुमाराम सुथार ने राजस्थान के 10 महाविद्यालयों में से एक केंद्र एमबीसी महाविद्यालय खोलने पर आभार व्यक्त किया. साथ ही कहा कि इस केंद्र के द्वारा छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए भयमुक्त स्वास्थ्य एवं सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया जाएगा. इसके लिए महिला सुरक्षा एवं अधिकारों से संबंधित विभिन्न विषयों पर संवाद कार्यक्रम, मार्गदर्शन, रोजगारोन्मुख कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाए जाएंगे.
विशिष्ट अतिथि डॉ स्नेहा चौधरी ने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी आवश्यक बताया. डॉ चौधरी ने शारीरिक स्वास्थ्य के लिए किशोरावस्था से ही छात्रों को अपने आहार पर ध्यान देने की बात कही. साथ ही महिलाओं से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की. इसके लिए नियमित आहार, योग्य प्राणायाम बहुत लाभदायक है और यह पूरी तरह से ठीक करने में सहायक है.
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उन्होंने छात्राओं से अवसाद रोकने एवं आत्महत्या रोकने संबंधी जनचेतना जाग्रत करने की बात कही. इस दौरान छात्राओं ने उनसे स्वास्थ्य संबंधित प्रश्न पूछ कर जानकारी प्राप्त की. इस अवसर पर प्रोफेसर मांगीलाल जैन, प्रोफेसर डाया लाल सांखला, घनश्याम बीटू, पूराराम, सूरज प्रकाश, सरिता लीलर, गणपत सिंह आदि उपस्थित रहे.