बाड़मेर. जिले के गडरा तहसील के लाबड़ा गांव में पिछले कुछ साल से रह रहे भील समाज के लोगों के 11 घरों को प्रशासन ने तोड़ दिया है. इससे भील समाज के कई लोग बेघर हो गए हैं. प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ अनुसूचित जाति-जनजाति एकता मंच के बैनर तले जिला मुख्यालय पर बड़ी संख्या में लोग अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं. पीड़ित परिवारों का पुनर्वास और द्वेषपूर्ण कार्रवाई करने वाले अधिकारियों को सस्पेंड करने सहित 9 सूत्री मांग रखी गई है.
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अनुसूचित जाति जनजाति एकता मंच के संयोजक लक्ष्मण वडेरा ने कहा कि कुछ लोगों के इशारे पर प्रशासनिक अधिकारियों ने द्वेष पूर्ण भाव से कार्रवाई की है. इस कार्रवाई के तहत गडरा तहसील के राजस्व गांव लाबड़ा में बसे भील समाज के 11 परिवारों के घरों को तोड़कर लोगों को बेघर कर दिया गया है. इस पूरे मामले को लेकर अनुसूचित जाति-जनजाति एकता मंच ने जिला प्रशासन और राजस्व मंत्री को ज्ञापन सौंपकर पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग की है.
लेकिन, इन परिवारों की किसी ने सुध नहीं ली. ये लोग दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं, जिसके चलते पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है. जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी, तब तक यह धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. लक्ष्मण वडेरा ने कहा कि इस दौरान कोविड-19 के नियमों की पालना के करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा है.
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गौरतलब है कि बाड़मेर जिले के गड़रा तहसील के राजस्व गांव लांबड़ा में 15 जुलाई को क्षेत्र के तहसीलदार और पटवारी ने गोचर भूमि पर पिछले कुछ साल से बसे भील समाज के 11 परिवारों के घरों पर जेसीबी चलाकर लोगों को बेघर कर दिया है. इस कार्रवाई को पीड़ित परिवारों ने गलत बताते हुए प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है. लेकिन, कोई सुनवाई नहीं होने के चलते अनुसूचित जाति-जनजाति एकता मंच के बैनर तले जिला मुख्यालय पर सोमवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है और मांग की जा रही है कि द्वेष पूर्ण कार्रवाई करने वाले अधिकारियों को सस्पेंड किया जाए. साथ ही पीड़ित परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था की जाए.