बालोतरा (बाड़मेर). राजस्थान में रिफाइनरी का काम पचपदरा-साल्ट साजियाली सरहद में युद्धस्तर पर चल रहा है. रिफाइनरी फाउंडेशन का काम करीब 80 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है. इनमें रिफाइनरी बिल्डिंग, मेन कंट्रोल रूम, सब स्टेशन के फाउंडेशन का काम तो कंपनी ने पूरा कर लिया है, जबकि पाइप रैक की पाइलिंग का काम चल रहा है.
हिंदुस्तान की सबसे बड़ी रिफाइनरी के ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर जब ईटीवी भारत ने लोगों से बातचीत की तो कुछ लोग खुश नजर आए, क्योंकि रिफाइनरी से यहां के आसपास की जमीनों के भाव बढ़ने लगे हैं. वहीं कुछ लोगों की नाराजगी देखने को मिली. उन्होंने विधायक और मंत्री पर बड़ी कम्पनियों को संरक्षण देने के साथ ही स्थानीय लोगों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया.
'लोगों की सुविधा का रखें ध्यान'
रिफाइनरी में बड़ी संख्या में लोग काम करेंगे. लोगों की राय है, कि सुविधाजनक टाउनशिप विकसित करने के साथ ही सभी सुविधाओं से लैस अस्पताल और स्कूल की स्थापना भी की जाए, साथ ही रिफाइनरी के काम के दौरान स्थानीय निवासियों की सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा जाए. उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हो. यहां एक ITI भी स्थापित की जाए, जहां युवाओं को पेट्रो-केमिकल और उससे जुड़े उत्पादों के निर्माण से संबंधित गाइडेंस और प्रशिक्षण मिल सके.
अक्टूबर 2022 तक काम पूरा करने की कोशिश
रिफाइनरी की परियोजना को अक्टूबर 2022 तक पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके निर्माण से करीब 40 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रूप से और करीब 60 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिल सकेंगे. निर्माण कार्यों के लिए अबतक करीब 10 हजार करोड़ रुपए के नए टेंडर जारी हो चुके हैं और 1 हजार 348 करोड़ रुपए खर्च भी किए जा चुके हैं.
तेजी से चल रहा रिफाइनरी का काम
रिफाइनरी की आंतरिक सड़कों और बिटुमिन कॉरपेट का काम पूरा हो चुका है. करीब 27 किलोमीटर की चारदीवारी में से 20 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है. सभी 12 लाइसेंस यूनिट के लैटर ऑफ एक्सपटेंस जारी होने के साथ ही 9 लाइसेंस यूनिट के बेसिक डिजाइन इंजीनियरिेंग पैकेज का काम भी पूरा हो गया है. 5 लाइसेंस यूनिट के इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट कन्स्ट्रक्शन एंड कमिशनिंग कॉन्ट्रेक्ट की एनआईटी भी जारी कर दी गई है. रिफाइनरी का काम तेजी से चल रहा है और इसे समयसीमा में पूरा किया जाएगा.