ETV Bharat / state

ग्रामीणों की कोरोना से जंग: वैश्विक महामारी के बीच इस बड़ी समस्या से भी लड़ रहे हैं कुंडला ग्राम पंचायत के लोग

बाड़मेर जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर कुंडला ग्राम पंचायत में ईटीवी भारत पहुंचा. कोरोना वायरस को लेकर अनलॉक-1 के दौरान यहां ग्रामीण खुद को कैसे सुरक्षित रख रहे हैं, क्या सरकारी गाइडलाइंस की पालना की जा रही है? लॉकडाउन की वजह से ग्रामीण किन हालातों में फिलहाल रह रहे हैं और इनकी क्या समस्याएं हैं, इसकी हमने पड़ताल की. देखिए पूरी रिपोर्ट...

corona virus, कोरोना वायरस
बाड़मेर जिले के कुंडला ग्राम पंचायत से ग्राउंड रिपोर्ट
author img

By

Published : Jun 28, 2020, 7:48 PM IST

बाड़मेर. ईटीवी भारत जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर कुंडला ग्राम पंचायत पहुंचा है. गांव में पहुंचते ही हमारी मुलाकात 8वीं क्लास में पढ़ने वाले छात्र सुरेंद्र से हुई. सुरेंद्र कहता है कि हाल ही में उसने 8वीं के एग्जाम दिए हैं. इस ग्राम पंचायत की आबादी करीबन 2 हजार 800 से ज्यादा है. ग्राम पंचायत में सात स्कूल हैं. अभी तक 31 से ज्यादा प्रवासी गांव में आ चुके हैं और सभी का क्वॉरेंटाइन समय फिलहाल पूरा हो चुका है.

बाड़मेर जिले के कुंडला ग्राम पंचायत से ग्राउंड रिपोर्ट

छात्र सुरेंद्र कहता है कि हमारे गांव के लोग कोरोना वायरस को लेकर जागरूक हैं...मैंने लॉकडाउन के दौरान अपनी आगे की कक्षा की पूरी तैयारी घर पर बैठकर कर ली है. मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि हमारा गांव पूरी तरह से कोविड-19 से मुक्त है और हमारे यहां के लोग इस महामारी से निपटने के लिए पूरी तरीके से सतर्क हैं.

ईटीवी भारत की टीम अब गांव में पहुंच चुकी थी, जहां बुजुर्ग सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए नजर आए. ग्रामीण मदन सिंह बताते हैं कि जैसे ही लॉकडाउन हुआ तो गांव के बड़े बुजुर्गों ने यह फैसला किया कि इस बीमारी से लड़ने के लिए हम सबको एक होना चाहिए. गांव से कोई भी शहर नहीं जाएगा और अगर कोई सरकारी कर्मचारी है वह शहर जाएगा तो वापस आते समय कोविड-19 के नियमों की पालना करेगा.

corona virus, कोरोना वायरस
पंचायत के आस-पास भरा हुआ गंदा पानी

मदन सिंह कहते हैं कि हमने पूरी तरह से बाहर से आने वाले लोगों के लिए अलग से गांव में व्यवस्था की थी, उन्हें 14 दिन के लिए हमने अलग रखा. गांव के अंदर 31 से ज्यादा लोग घर वापसी कर चुके हैं, जिनका क्वॉरेंटाइन पूरा हो गया है. मदन सिंह के अनुसार गांव में सबसे बड़ी दिक्कत कोविड-19 में हमें इस बात से लड़ रहे हैं कि पूरे शहर के प्लांट का गंदा पानी गांव के चारों तरफ फैला है.

वहीं, बुजुर्ग देवी सिंह से हमारी मुलाकात हुई, जिन्होंने अपनी जेब में रखे सैनिटाइजर से हमारे हाथ भी सैनिटाइज किए. उन्होंने कहा कि जब से यह महामारी शुरू हुई है उसके बाद से ही कोविड-19 के नियमों की पालना कर रहे हैं. बुजुर्ग कहते हैं कि मैं दो महीने तक अपने घर से बाहर नहीं निकला, लेकिन अब जब निकलता हूं तो मुंह पर मास्क और बार-बार हाथों को सैनिटाइज करता रहता हूं.

corona virus, कोरोना वायरस
कुंडला ग्राम पंचायत का बाहरी इलाका

उन्होंने कहा कि मैंने अपनी 70 साल की उम्र में इस तरह की महामारी नहीं देखी है. हम ग्रामीणों से बात कर रहे थे इसी दौरान हमने पता किया तो पता चला कि मुंबई से भी कुछ प्रवासी हाल ही में कुंडला ग्राम पंचायत अपने घर लौटे हैं.

ग्रामीणों में रोजगार की पीड़ा...

मुंबई से आए इन सभी लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया गया था. फिलहाल, सभी का क्वॉरेंटाइन समय पूरा हो चुका है. ग्रामीण महेंद्र सिंह कहते हैं कि 29 मार्च को वह अपने गांव वापस लौटे थे और पूरी तरह से 15 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन थे. उन्होंने कहा कि गांव वालों ने बहुत अच्छा अरेंजमेंट किया था. इसके लिए गांव वालों का आभारी हूं, लेकिन अब सबसे बड़ी समस्या हमारी रोजगार को लेकर है. मैं मुंबई में काम करता था, अब वहां जा नहीं सकता हूं. इसलिए रोजगार की चिंता बहुत सता रही है.

corona virus, कोरोना वायरस
कोरोना से अपडेट रहने के लिए ईटीवी भारत के ऐप का उपयोग करते ग्रामीण

नियमों की पालना...

महेंद्र कहते हैं कि गांव में खेत में काम करना चाहता हूं, लेकिन गांव के आसपास चारों तरफ गंदा पानी है. खेत के अंदर भी नहीं जा सकते हैं. स्थानीय प्रशासन और सरकार से कई बार गुहार लगा चुके हैं ग्रामीण, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई.

बीएलओ नरेंद्र सिंह कड़वासरा कहते हैं कि गांव वालों के सहयोग से पूरी तरीके से कोविड-19 से हम सभी मुक्त हैं. ग्रामीणों ने खुद आगे बढ़कर कोविड-19 के नियमों की पालना की है. 31 लोग बाहर से आए थे, जिनका क्वारंटाइन पूरा हो चुका है. मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि सभी लोग स्वस्थ हैं.

corona virus, कोरोना वायरस
मास्क लगाकर बैंक पहुंचे ग्रामीण

स्वास्थ्य केंद्र में लाइट और पानी नहीं...
ANM रूप कंवर कहती हैं कि कोविड-19 से पहले की ओपीडी में और अब की ओपीडी में बहुत फर्क आ गया है. पहले 15 से 20 मरीज आते थे अब महज चार या पांच मरीज ही आते हैं. स्वास्थ्य केंद्र में न तो लाइट है और ना पानी है. कई बार नेताओं को बताया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. रूप कंवर कहती हैं कि इस महामारी से लड़ने के लिए सरकार की गाइडलाइंन का ग्रामीणों से पूरी तरीके से पालना करवाई है.

ये भी पढ़ें:ग्रामीणों की कोरोना से जंग: 4 संक्रमित मरीज मिलने के बाद तिलोरा ग्राम पंचायत के लोग अब ऐसे लड़ रहे लड़ाई

ग्रामीण और बाकी लोगों से मुलाकात के बाद हमने गांव के सरपंच देवाराम से बात की. देवाराम कहते हैं कि कोरोना वायरस को लेकर हम पूरी तरह से सतर्क और सजग हैं. फिलहाल अनलॉक-01 में मिली छूट के बाद ग्रामीण अपने काम पर लौट रहे हैं, लेकिन अभी भी हम सरकार की सभी गाइडलाइंस की पालना कर रहे हैं. जरूरतमंद लोगों की मदद की जा रही है.

ये भी पढ़ें: SPECIAL: जानिए कैसे अब तक कोरोना से महफूज है डूंगरपुर का वस्सी खास गांव! ईटीवी भारत ने लिया जायजा

कुंडला ग्राम पंचायत में अभी तक एक भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज नहीं मिला है. लॉकडाउन में मिली छूट के बाद फिलहाल यहां जनजीवन सामान्य हो गया है. ग्रामीण खेतों में काम करने के लिए लौट रह रहे हैं. कोरोना वायरस को लेकर सभी सरकारी गाइडलाइंस फॉलो कर रहे हैं. ग्रामीणों के लिए यहां सबसे बड़ी समस्या है कि शहर का गंदा पानी जो गांव के चारों तरफ भरा हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि हमने स्थानीय प्रशासन और सरकार से इससे मुक्ति के लिए कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई नहीं सुनता है.

बाड़मेर. ईटीवी भारत जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर कुंडला ग्राम पंचायत पहुंचा है. गांव में पहुंचते ही हमारी मुलाकात 8वीं क्लास में पढ़ने वाले छात्र सुरेंद्र से हुई. सुरेंद्र कहता है कि हाल ही में उसने 8वीं के एग्जाम दिए हैं. इस ग्राम पंचायत की आबादी करीबन 2 हजार 800 से ज्यादा है. ग्राम पंचायत में सात स्कूल हैं. अभी तक 31 से ज्यादा प्रवासी गांव में आ चुके हैं और सभी का क्वॉरेंटाइन समय फिलहाल पूरा हो चुका है.

बाड़मेर जिले के कुंडला ग्राम पंचायत से ग्राउंड रिपोर्ट

छात्र सुरेंद्र कहता है कि हमारे गांव के लोग कोरोना वायरस को लेकर जागरूक हैं...मैंने लॉकडाउन के दौरान अपनी आगे की कक्षा की पूरी तैयारी घर पर बैठकर कर ली है. मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि हमारा गांव पूरी तरह से कोविड-19 से मुक्त है और हमारे यहां के लोग इस महामारी से निपटने के लिए पूरी तरीके से सतर्क हैं.

ईटीवी भारत की टीम अब गांव में पहुंच चुकी थी, जहां बुजुर्ग सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए नजर आए. ग्रामीण मदन सिंह बताते हैं कि जैसे ही लॉकडाउन हुआ तो गांव के बड़े बुजुर्गों ने यह फैसला किया कि इस बीमारी से लड़ने के लिए हम सबको एक होना चाहिए. गांव से कोई भी शहर नहीं जाएगा और अगर कोई सरकारी कर्मचारी है वह शहर जाएगा तो वापस आते समय कोविड-19 के नियमों की पालना करेगा.

corona virus, कोरोना वायरस
पंचायत के आस-पास भरा हुआ गंदा पानी

मदन सिंह कहते हैं कि हमने पूरी तरह से बाहर से आने वाले लोगों के लिए अलग से गांव में व्यवस्था की थी, उन्हें 14 दिन के लिए हमने अलग रखा. गांव के अंदर 31 से ज्यादा लोग घर वापसी कर चुके हैं, जिनका क्वॉरेंटाइन पूरा हो गया है. मदन सिंह के अनुसार गांव में सबसे बड़ी दिक्कत कोविड-19 में हमें इस बात से लड़ रहे हैं कि पूरे शहर के प्लांट का गंदा पानी गांव के चारों तरफ फैला है.

वहीं, बुजुर्ग देवी सिंह से हमारी मुलाकात हुई, जिन्होंने अपनी जेब में रखे सैनिटाइजर से हमारे हाथ भी सैनिटाइज किए. उन्होंने कहा कि जब से यह महामारी शुरू हुई है उसके बाद से ही कोविड-19 के नियमों की पालना कर रहे हैं. बुजुर्ग कहते हैं कि मैं दो महीने तक अपने घर से बाहर नहीं निकला, लेकिन अब जब निकलता हूं तो मुंह पर मास्क और बार-बार हाथों को सैनिटाइज करता रहता हूं.

corona virus, कोरोना वायरस
कुंडला ग्राम पंचायत का बाहरी इलाका

उन्होंने कहा कि मैंने अपनी 70 साल की उम्र में इस तरह की महामारी नहीं देखी है. हम ग्रामीणों से बात कर रहे थे इसी दौरान हमने पता किया तो पता चला कि मुंबई से भी कुछ प्रवासी हाल ही में कुंडला ग्राम पंचायत अपने घर लौटे हैं.

ग्रामीणों में रोजगार की पीड़ा...

मुंबई से आए इन सभी लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया गया था. फिलहाल, सभी का क्वॉरेंटाइन समय पूरा हो चुका है. ग्रामीण महेंद्र सिंह कहते हैं कि 29 मार्च को वह अपने गांव वापस लौटे थे और पूरी तरह से 15 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन थे. उन्होंने कहा कि गांव वालों ने बहुत अच्छा अरेंजमेंट किया था. इसके लिए गांव वालों का आभारी हूं, लेकिन अब सबसे बड़ी समस्या हमारी रोजगार को लेकर है. मैं मुंबई में काम करता था, अब वहां जा नहीं सकता हूं. इसलिए रोजगार की चिंता बहुत सता रही है.

corona virus, कोरोना वायरस
कोरोना से अपडेट रहने के लिए ईटीवी भारत के ऐप का उपयोग करते ग्रामीण

नियमों की पालना...

महेंद्र कहते हैं कि गांव में खेत में काम करना चाहता हूं, लेकिन गांव के आसपास चारों तरफ गंदा पानी है. खेत के अंदर भी नहीं जा सकते हैं. स्थानीय प्रशासन और सरकार से कई बार गुहार लगा चुके हैं ग्रामीण, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई.

बीएलओ नरेंद्र सिंह कड़वासरा कहते हैं कि गांव वालों के सहयोग से पूरी तरीके से कोविड-19 से हम सभी मुक्त हैं. ग्रामीणों ने खुद आगे बढ़कर कोविड-19 के नियमों की पालना की है. 31 लोग बाहर से आए थे, जिनका क्वारंटाइन पूरा हो चुका है. मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि सभी लोग स्वस्थ हैं.

corona virus, कोरोना वायरस
मास्क लगाकर बैंक पहुंचे ग्रामीण

स्वास्थ्य केंद्र में लाइट और पानी नहीं...
ANM रूप कंवर कहती हैं कि कोविड-19 से पहले की ओपीडी में और अब की ओपीडी में बहुत फर्क आ गया है. पहले 15 से 20 मरीज आते थे अब महज चार या पांच मरीज ही आते हैं. स्वास्थ्य केंद्र में न तो लाइट है और ना पानी है. कई बार नेताओं को बताया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. रूप कंवर कहती हैं कि इस महामारी से लड़ने के लिए सरकार की गाइडलाइंन का ग्रामीणों से पूरी तरीके से पालना करवाई है.

ये भी पढ़ें:ग्रामीणों की कोरोना से जंग: 4 संक्रमित मरीज मिलने के बाद तिलोरा ग्राम पंचायत के लोग अब ऐसे लड़ रहे लड़ाई

ग्रामीण और बाकी लोगों से मुलाकात के बाद हमने गांव के सरपंच देवाराम से बात की. देवाराम कहते हैं कि कोरोना वायरस को लेकर हम पूरी तरह से सतर्क और सजग हैं. फिलहाल अनलॉक-01 में मिली छूट के बाद ग्रामीण अपने काम पर लौट रहे हैं, लेकिन अभी भी हम सरकार की सभी गाइडलाइंस की पालना कर रहे हैं. जरूरतमंद लोगों की मदद की जा रही है.

ये भी पढ़ें: SPECIAL: जानिए कैसे अब तक कोरोना से महफूज है डूंगरपुर का वस्सी खास गांव! ईटीवी भारत ने लिया जायजा

कुंडला ग्राम पंचायत में अभी तक एक भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज नहीं मिला है. लॉकडाउन में मिली छूट के बाद फिलहाल यहां जनजीवन सामान्य हो गया है. ग्रामीण खेतों में काम करने के लिए लौट रह रहे हैं. कोरोना वायरस को लेकर सभी सरकारी गाइडलाइंस फॉलो कर रहे हैं. ग्रामीणों के लिए यहां सबसे बड़ी समस्या है कि शहर का गंदा पानी जो गांव के चारों तरफ भरा हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि हमने स्थानीय प्रशासन और सरकार से इससे मुक्ति के लिए कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई नहीं सुनता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.