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गहलोत सरकार द्वारा एक आदेश को निरस्त करने का बाड़मेर में विरोध, जिला मुख्यालय रहा बंद

बाड़मेर में 30 साल पहले बसे कुछ कॉलोनियों के लोग नगर परिषद में शामिल होने की मांग बीते कई सालों से कर रहे हैं. इसको लेकर कॉलोनीवासियों ने आदेश भी जारी करवा लिए थे. गहलोत सरकार के बनते ही उन आदेशों को खारिज कर दिया गया. इसके चलते शनिवार को लोगों ने शनिवार को शहर बंद रखा.

आदेश निरस्त करने के विरोध में बाड़मेर जिला मुख्यालय रहा बंद
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Published : Jun 15, 2019, 4:51 PM IST

बाड़मेर. शहर से गुजर रहे नेशनल हाइवे के दक्षिण पूर्व की तरफ 30 साल पहले बसी आबादी को नगर परिषद में शामिल किए जाने की मांग बीते कई सालों से की जा रही थी. वहीं साल 2018 में सरकार ने इन कॉलोनियों को नगर परिषद में शामिल करने के आदेश भी जारी कर दिए थे. लेकिन प्रदेश में गहलोत सरकार बनते ही इन आदेशों को निरस्त कर दी. इसको लेकर कॉलोनी वासियों में भारी रोष व्याप्त हैं.

सरकार के एक आदेश निरस्त करने के विरोध में बाड़मेर जिला मुख्यालय रहा बंद

आबादी सीमा विस्तार समिति बाड़मेर पिछले कई दिनों से अपनी मांग को लेकर सरकार को ज्ञापन दे रही थी. लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई, जिसके चलते शनिवार को समिति की ओर से बाड़मेर बंद का आह्वान किया गया. इस बंद के दौरान शहर के अधिकांश हिस्सों में बंद सफल रहा. समिति के लोगों ने दोपहर 12 बजे अतिरिक्त जिला कलेक्टर को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया. साथ ही बताया कि सरकार ने पहले ही आदेश निरस्त कर दिया है.

वहीं लोगों ने बताया कि यदि सरकार ने निरस्त किया गया आदेश वापस नहीं लिया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. बलदेव नगर, तिलक नगर और विष्णु नगर सहित अन्य कॉलोनी के लोगों का आरोप है कि साल 1990 के करीब यह कॉलोनियां बसी थीं. यहां के लोग लगातार नगर परिषद से यह मांग कर रहे थे की उनको नगर परिषद सीमा में शामिल किया जाए.
जबकि गेहूं रोड, गडरा रोड जोगियों की देवी मां और बारोट सहित कई कॉलोनियां पिछले 12 साल में विकसित हुई हैं. उनको नगर परिषद सीमा में शामिल कर दिया गया है. लोगों का आरोप है कि राजनीतिक कारणों से इन कॉलोनियों को वंचित रखा गया है. अगर सरकार इस मामले में कार्रवाई नहीं करेगी तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे.

बाड़मेर. शहर से गुजर रहे नेशनल हाइवे के दक्षिण पूर्व की तरफ 30 साल पहले बसी आबादी को नगर परिषद में शामिल किए जाने की मांग बीते कई सालों से की जा रही थी. वहीं साल 2018 में सरकार ने इन कॉलोनियों को नगर परिषद में शामिल करने के आदेश भी जारी कर दिए थे. लेकिन प्रदेश में गहलोत सरकार बनते ही इन आदेशों को निरस्त कर दी. इसको लेकर कॉलोनी वासियों में भारी रोष व्याप्त हैं.

सरकार के एक आदेश निरस्त करने के विरोध में बाड़मेर जिला मुख्यालय रहा बंद

आबादी सीमा विस्तार समिति बाड़मेर पिछले कई दिनों से अपनी मांग को लेकर सरकार को ज्ञापन दे रही थी. लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई, जिसके चलते शनिवार को समिति की ओर से बाड़मेर बंद का आह्वान किया गया. इस बंद के दौरान शहर के अधिकांश हिस्सों में बंद सफल रहा. समिति के लोगों ने दोपहर 12 बजे अतिरिक्त जिला कलेक्टर को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया. साथ ही बताया कि सरकार ने पहले ही आदेश निरस्त कर दिया है.

वहीं लोगों ने बताया कि यदि सरकार ने निरस्त किया गया आदेश वापस नहीं लिया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. बलदेव नगर, तिलक नगर और विष्णु नगर सहित अन्य कॉलोनी के लोगों का आरोप है कि साल 1990 के करीब यह कॉलोनियां बसी थीं. यहां के लोग लगातार नगर परिषद से यह मांग कर रहे थे की उनको नगर परिषद सीमा में शामिल किया जाए.
जबकि गेहूं रोड, गडरा रोड जोगियों की देवी मां और बारोट सहित कई कॉलोनियां पिछले 12 साल में विकसित हुई हैं. उनको नगर परिषद सीमा में शामिल कर दिया गया है. लोगों का आरोप है कि राजनीतिक कारणों से इन कॉलोनियों को वंचित रखा गया है. अगर सरकार इस मामले में कार्रवाई नहीं करेगी तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे.

Intro:बाड़मेर
गहलोत सरकार के एक आदेश निरस्त करने के विरोध में बाड़मेर जिला मुख्यालय रहा आज बंद
राजस्थान के बाड़मेर शहर से गुजर रहे नेशनल हाईवे के दक्षिण पूर्व की तरफ से 30 साल पुरानी आबादी को नगर परिषद सीमा में शामिल किए जाने की मांग को लेकर कई सालों से लोग नगर परिषद से यह मांग कर रहे थे 2018 में सरकार ने इन कॉलोनियों को नगर परिषद में शामिल करने के आदेश जारी कर दिए थे लेकिन हाल ही में गहलोत सरकार ने एक आदेश देकर उन आदेशों को निरस्त कर दिया है जिसके बाद इन कॉलोनियों के लोगों में भारी आक्रोश है


Body:आबादी सीमा विस्तार समिति बाड़मेर पिछले कई दिनों से अपनी मांग को लेकर सरकार को ज्ञापन दे रही थी लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई जिसके चलते आज समिति की ओर से बाड़मेर बंद का आह्वान किया गया बाड़मेर में बंद के दौरान शहर के अधिकांश हिस्सों में बंद सफल नजर आया समिति के लोगों ने 12:00 बजे अतिरिक्त जिला कलेक्टर को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया सरकार ने जो आदेश निरस्त किया है


Conclusion:उसको वापस नहीं लिया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा बलदेव नगर तिलकनगर विष्णु नगर सहित अन्य कॉलोनी कि लोगों का आरोप है कि 1990 के करीब यह कॉलोनियां बसी थी यहां के लोग लगातार नगर परिषद से यह मांग कर रहे थे कि उनको नगर परिषद सीमा में शामिल किया जाए जबकि गेहूं रोड गडरा रोड जोगियों की देवी मां बारोट सहित कई कॉलोनियां पिछले 12 साल में विकसित हुई है उसको नगर परिषद सीमा में शामिल कर दिया गया है लोगों का आरोप है कि राजनीतिक कारणों से इन कॉलोनियों को वंचित रखा गया है सीमा विस्तार का आदेश जारी होने के बाद उसे अरेस्ट करवा दिया गया है लोगों का कहना है कि अगर सरकार इस मामले में कार्रवाई नहीं करेगी तो हम आंदोलन को और तेज करेंगे
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