बाड़मेर. जिले में बुधवार देर रात को कोरोना पॉजिटिव का एक मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि जिले के धोरीमना क्षेत्र के कितनोरिया गांव के स्कूल प्रधानाचार्य की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिसके बाद से ही प्रशासन ने गांव में कर्फ्यू लगा दिया है.
वहीं बाड़मेर जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने कोरोना की रोकथाम के लिए जिले में मरकज से लौटे और अन्य संक्रमित राज्यों से लौटे व्यक्तियों से अपने बारे में संबंधित उपखंड मजिस्ट्रेट, पुलिस अथवा राजकीय चिकित्सालय संस्था को सूचना देने के निर्देश दिए हैं, इस बारे में जानकारी छिपाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज करवाया जाएगा.
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जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया गया है. इसके मद्देनजर गृह मंत्रालय भारत सरकार की ओर से 24 मार्च को पूरे देश को 14 अप्रैल तक लॉकडाउन किया गया है. जिले में कोरोना की रोकथाम के लिए धारा 144 लागू की गई है.
साथ ही जिला कलेक्टर ने बताया कि बाड़मेर जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से घर-घर करवाए गए सर्वे के बावजूद काफी संख्या में ऐसे व्यक्तियों के सर्वे से वंचित रहने की आशंका है, जो मरकज, कोरोना संक्रमित देशों, संक्रमित राज्यों अथवा अन्य जिलों से 1 जनवरी 2020 के बाद लौटे हैं. इससे बाड़मेर जिले में कोरोना वायरस से व्यक्तियों के संक्रमित होने की आशंका है.
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जिला कलेक्टर ने बताया कि ऐसे व्यक्ति जो मरकज, कोरोना संक्रमित देशों, भारत के अन्य संक्रमित राज्य अथवा संक्रमित जिलों से आए हैं. वे 10 अप्रैल तक अपनी संपूर्ण जानकारी संबंधित उपखंड मजिस्ट्रेट, पुलिस अथवा राजकीय चिकित्सालय संस्था को उपलब्ध करवाएं. इस अवधि के बाद भी अगर ये जानकारी में आया कि किसी व्यक्ति की ओर से जानबूझकर जानकारी नहीं दी गई है. ऐसे में उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, राजस्थान एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1957 और भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.