बाड़मेर. जिले की एक महिला सरपंच ने अपने संवैधानिक अधिकारों के हनन एवं अपमानित करने के मामले को लेकर जिला कलेक्टर विश्राम मीणा को पत्र सौंपकर उक्त मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए न्याय नहीं मिलने पर आत्महत्या करने की चेतावनी दी है. वही पत्र में महिला सरपंच ने स्थानीय विधायक पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
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ग्राम पंचायत कुबड़िया की सरपंच सुशीला ने अपने संवैधानिक अधिकारों के हो रहे हनन और अपमानित करने के मामले को लेकर महिला सरपंच ने जिला मुख्यालय पहुंचकर जिला कलेक्टर को पत्र सौंपकर आत्मदाह करने की धमकी दी है. दरसअल महिला सरपंच ने बाड़मेर जिला कलेक्टर को दिए अपने पत्र में साफ किया है कि ग्राम पंचायत कुबड़िया के विकास के बीच में स्थानीय विधायक तथा स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी और कुछ प्रभावशाली लोग आड़े आ रहे हैं.
सरपंच ने आरोप लगाया है कि जिसकी वजह से गांव में विकास कार्य रुके हुए हैं और ग्राम पंचायत के चुने हुए जनप्रतिनिधि के अधिकारों के साथ कुठाराघात किया जा रहा है. साथ ही विकास कार्यो के नहीं होने के चलते उसने यह कड़ा कदम उठाने का सोचा है.
सरपंच सुशीला का आरोप है कि ग्राम पंचायत में प्रभावशाली लोगों द्वारा उप सरपंच की उपस्थिति में ही एक दिन में 4 प्रस्ताव फर्जी तरीके से पास करवा दिए. ग्राम पंचायत की मीटिंग में न तो उसको कोई सूचना दी जाती है और न ही उसकी ग्राम पंचायत में विकास कार्य करवाए जाते हैं. सरपंच सुशीला ने जिला मुख्यालय पहुंचकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर संवैधानिक अधिकारों के हो रहे हनन को रोकने की मांग की. साथ ही महिला सरपंच ने पत्र में लिखा है कि अगर समय रहते सुनवाई नहीं हुई तो मजबूरन उसे आत्महत्या करनी पड़ेगी.