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Shardiya Navratri 2023 : अखंड व्रत रख सिर पर उगाई ज्वार, देवी आराधना में लीन इस किसान ने सुनाई चमत्कार की अनोखी कहानी

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 21, 2023, 7:40 AM IST

Navratri 2023, राजस्थान के बालोतरा में एक किसान माता रानी को प्रसन्न करने के लिए निर्जला व्रत रखने के साथ ही अपने सिर पर ज्वार उगाए आराधना में लीन है. देवी भक्त दलाराम मेघवाल बताते हैं कि उनके बुरे वक्त में मां ही उनकी सहारा बनीं थीं. यही वजह है कि वो पिछले 8 सालों से इसी तरह से माता रानी की उपासना कर रहे हैं.

Shardiya Navratri 2023
Shardiya Navratri 2023
अखंड व्रत रख सिर पर उगाई ज्वार

बालोतरा. शारदीय नवरात्रि को लेकर इन दोनों मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है. श्रद्धालु माता रानी की आराधना में डूबे हैं. वहीं, पाठ व तपस्या के जरिए मां को प्रसन्न करने की कोशिश कर रहे हैं. इन सब के बीच राजस्थान के नवगठित बालोतरा जिले में एक भक्त मां को प्रसन्न करने के लिए अपने सिर पर ज्वार उगाकर आराधना में लीन है. माता धुंबड़ा के प्रति इस तरह की आस्था को देखकर हर कोई अचंभित है. साथ ही आलम यह है कि अब माता रानी के प्रति दलाराम की ऐसी आस्था को देख आसपास के लोग उनसे आशीर्वाद लेने के लिए पहुंच रहे हैं.

माता रानी के प्रति अटूट आस्था : शारदीय नवरात्रि के दिनों में मां की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है. ऐसे में माता रानी को प्रसन्न करने के लिए भक्त अलग-अलग तरीकों से उनकी पूजा कर रहे हैं. बालोतरा के समदड़ी कस्बा निवासी दलाराम मेघवाल अनूठे अंदाज में माता रानी की तपस्या कर रहे हैं. नवरात्रि में दलाराम ने अखंड का व्रत रखा है. साथ ही सिर पर ज्वार उगाकर मां धुंबड़ा की भक्ति में लीन हैं. उनकी मां के प्रति इस आस्था को देख सभी दंग हैं.

Shardiya Navratri 2023
चमत्कार की अनोखी कहानी

इसे भी पढ़ें - Shardiya Navratri 2023 : श्रद्धा के साथ 'शक्ति' की भक्ति का मिला फल, किसी का जीवन सुधरा तो किसी को मिली नई जिंदगी

सिर पर लगाया ज्वार : दलाराम मेघवाल बताते हैं कि वो सामान्य किसान परिवार से हैं और कुछ सालों पहले उन्हें कुछ विकट परिस्थितियों का सामान करना पड़ रहा था. इस मुश्किल दौर में उन्होंने मां धुंबड़ा की आराधना शुरू की और नवरात्रि में अखंड नवरात्रि करते हुए परिवार के भरण-पोषण के लिए मजदूरी में लग गए. माता रानी की कृपा से उनकी मनोकामनाएं पूरी हुईं. इससे दिन-ब-दिन उनकी मां के प्रति आस्था बढ़ती चली गई. पिछले 8 सालों से वो प्रत्येक नवरात्रि पर अपने शरीर पर मां के ज्वार उगाने के साथ ही नौ दिनों तक निर्जला व्रत रखकर देवी की आराधना करते हैं.

इसे भी पढ़ें - Shardiya Navratri 2023 : दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर, जहां माता रानी करती हैं अग्नि स्नान, दर्शन मात्र से पूरी होती है भक्तों की मुराद

आशीर्वाद लेने पहुंचे रहे आसपास के लोग : दलाराम ने बताया कि समदड़ी कस्बे के बाईपास रोड पर मां चामुंडा का मंदिर है, जिसमें वो पूजा-अर्चना करते हैं. यहां मंदिर में मां का आशिर्वाद लेने के लिए रोजाना भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. दलाराम कहते हैं कि जो भी भक्त सच्चे मन से माता की आराधना करता है, मां उसकी सभी मुरादे पूरी कर होती हैं. उन्होंने कहा कि ये मंदिर चमत्कारी है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मां रक्षा करती हैं.

नवरात्रि में ज्वार बोने का है विशेष महत्व : सनातन धर्म में ज्वार को देवी अन्नपूर्णा का प्रतीक माना जाता है. नवरात्रि के पहले दिन यानी कलश स्थापना के साथ ही ज्वार बोया जाता है. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में ज्वार बोने से देवी प्रसन्न होती हैं. वहीं, नवरात्रि के समापन के उपरांत इसे तालाब, नदी या फिर मंदिर में अर्पित कर दिया जाता है.

अखंड व्रत रख सिर पर उगाई ज्वार

बालोतरा. शारदीय नवरात्रि को लेकर इन दोनों मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है. श्रद्धालु माता रानी की आराधना में डूबे हैं. वहीं, पाठ व तपस्या के जरिए मां को प्रसन्न करने की कोशिश कर रहे हैं. इन सब के बीच राजस्थान के नवगठित बालोतरा जिले में एक भक्त मां को प्रसन्न करने के लिए अपने सिर पर ज्वार उगाकर आराधना में लीन है. माता धुंबड़ा के प्रति इस तरह की आस्था को देखकर हर कोई अचंभित है. साथ ही आलम यह है कि अब माता रानी के प्रति दलाराम की ऐसी आस्था को देख आसपास के लोग उनसे आशीर्वाद लेने के लिए पहुंच रहे हैं.

माता रानी के प्रति अटूट आस्था : शारदीय नवरात्रि के दिनों में मां की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है. ऐसे में माता रानी को प्रसन्न करने के लिए भक्त अलग-अलग तरीकों से उनकी पूजा कर रहे हैं. बालोतरा के समदड़ी कस्बा निवासी दलाराम मेघवाल अनूठे अंदाज में माता रानी की तपस्या कर रहे हैं. नवरात्रि में दलाराम ने अखंड का व्रत रखा है. साथ ही सिर पर ज्वार उगाकर मां धुंबड़ा की भक्ति में लीन हैं. उनकी मां के प्रति इस आस्था को देख सभी दंग हैं.

Shardiya Navratri 2023
चमत्कार की अनोखी कहानी

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सिर पर लगाया ज्वार : दलाराम मेघवाल बताते हैं कि वो सामान्य किसान परिवार से हैं और कुछ सालों पहले उन्हें कुछ विकट परिस्थितियों का सामान करना पड़ रहा था. इस मुश्किल दौर में उन्होंने मां धुंबड़ा की आराधना शुरू की और नवरात्रि में अखंड नवरात्रि करते हुए परिवार के भरण-पोषण के लिए मजदूरी में लग गए. माता रानी की कृपा से उनकी मनोकामनाएं पूरी हुईं. इससे दिन-ब-दिन उनकी मां के प्रति आस्था बढ़ती चली गई. पिछले 8 सालों से वो प्रत्येक नवरात्रि पर अपने शरीर पर मां के ज्वार उगाने के साथ ही नौ दिनों तक निर्जला व्रत रखकर देवी की आराधना करते हैं.

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आशीर्वाद लेने पहुंचे रहे आसपास के लोग : दलाराम ने बताया कि समदड़ी कस्बे के बाईपास रोड पर मां चामुंडा का मंदिर है, जिसमें वो पूजा-अर्चना करते हैं. यहां मंदिर में मां का आशिर्वाद लेने के लिए रोजाना भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. दलाराम कहते हैं कि जो भी भक्त सच्चे मन से माता की आराधना करता है, मां उसकी सभी मुरादे पूरी कर होती हैं. उन्होंने कहा कि ये मंदिर चमत्कारी है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मां रक्षा करती हैं.

नवरात्रि में ज्वार बोने का है विशेष महत्व : सनातन धर्म में ज्वार को देवी अन्नपूर्णा का प्रतीक माना जाता है. नवरात्रि के पहले दिन यानी कलश स्थापना के साथ ही ज्वार बोया जाता है. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में ज्वार बोने से देवी प्रसन्न होती हैं. वहीं, नवरात्रि के समापन के उपरांत इसे तालाब, नदी या फिर मंदिर में अर्पित कर दिया जाता है.

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