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बाड़मेर: पूर्व सैनिक की पत्नी ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन... जमीनी हक दिलाने की मांग

बाड़मेर के कवास गांव के पुरोहितों की बस्ती निवासी पूर्व सैनिक की पत्नी ने जिला मुख्यालय पहुंच कर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. इसमें उन्होंने बालोतरा के भिंडाकुआं गांव में अपनी पैतृक जमीन का हक दिलाने की मांग की है.

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Published : Sep 3, 2020, 12:59 PM IST

Barmer news, Ex- soldier's wife,  memorandum to collector
पूर्व सैनिक की पत्नी ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर जमीनी हक दिलाने की मांग की

बाड़मेर. जिले कवास गांव के पुरोहितों की बस्ती निवासी पूर्व सैनिक की पत्नी पुनमी देवी गांव के मौजिज लोगों के साथ जिला मुख्यालय पहुंच कर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बालोतरा के भिंडाकुआं गांव में उनकी पैतृक जमीनी हक दिलाने की मांग की है. पूर्व सैनिक की पत्नी पुनमी देवी ने बताया कि 60 वर्ष पूर्व उनके मामा सास, ससुर का देहांत होने पर उनके एक पुत्र हिर सिंह, जिसकी उम्र महज 1 वर्ष होने के कारण उनकी सास-ससुर ने उनका पालन पोषण करने के लिए भिंडाकुआं को छोड़कर पुरोहितों की बस्ती बान्दरा आ गए थे.

पूर्व सैनिक की पत्नी ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर जमीनी हक दिलाने की मांग की

उन्होंने बताया कि पूरे भिंडाकुआं गांव की तरमीन नहीं हैं. पूरे गांव की सयुंक्त खातेदारी 177 बीघा 30 खसरों में भूमि हैं, उसमें 150 वगैरा में खातेदार हैं, उसमें से 18वां हिस्सा मेरे दादा ससुर के पक्ष में आता हैं. उसके बाद 1/3 मेरे ससुर तीन भाई हैं. पुनमी देवी ने बताया कि मेरे ससुर और पति नाहर सिंह ने हमारे हिस्से की जमीन नामजद देवर के बेटे को हासिल पर दी थी, जो हमें अनाज के रूप में हासिल पहुंचाते थे. वो पूरे गांव को पता हैं, जो भी लाइट बिल और जो खर्चा आता था वो हम वहन करते थे, लेकिन कुछ वर्षों से उसने हमें हासिल देना बंद कर दिया.

पुनमी देवी ने कहा कि इस वर्ष तो हम लोगों भिंडाकुआं गांव गए. हमने अपनी जमीन पर खुद खेती करने की बात की, तो विवाद कर दिया. जिसके बाद हमनें मार्च में खेत साफ कर ज्वार की फसल बुआई कर हम वापिस पुरोहितों की बस्ती चले गए. बाद में लॉकडाउन लग गया. वहीं जिसके बाद 26 जुलाई को अपने खेत में घुस गए अपनी ज्वार (फसल) की कटाई करने लगे. तब उन्होनें उनपर हमला कर दिया, जिसमें उनके पक्ष के लोगों को चोटे आई है. जिसके बाद उन्होंने बालोतरा नाहटा अस्पताल में भर्ती करवाया गया. इसके बाड़मेर बालोतरा थाने में मामला दर्ज करवाया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के चलते आरोपी धमकियां दे रहे हैं.

यह भी पढ़ें- विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी के निजी सचिव कोरोना पॉजिटिव, 7 दिनों तक रहेंगे होम क्वॉरेंटाइन

पुनमी देवी ने कहा कि उनके पति ने परिवार की नहीं पुरे भारत देश को परिवार मानकर देश की सेवा की, लेकिन आज वो इस संसार में नहीं हैं. तब उसे उनका जमीन में उसका हक होते हुए ये सब देखने को मिल रहा है. उसके बेटे पर लाठियां बरसाई, उसके देवर और उसके पुत्रों को परेशान किया जा रहा है. वह बहुत परेशान है, जिसके चलते वह आज बाड़मेर है. जिला कलेक्टर, एसपी और सैनिक बोर्ड से न्याय की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि गांव मौका देखकर मुझे उसका वास्तविक हक दिलाकर उसे न्याय दिलाएं.

बाड़मेर. जिले कवास गांव के पुरोहितों की बस्ती निवासी पूर्व सैनिक की पत्नी पुनमी देवी गांव के मौजिज लोगों के साथ जिला मुख्यालय पहुंच कर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बालोतरा के भिंडाकुआं गांव में उनकी पैतृक जमीनी हक दिलाने की मांग की है. पूर्व सैनिक की पत्नी पुनमी देवी ने बताया कि 60 वर्ष पूर्व उनके मामा सास, ससुर का देहांत होने पर उनके एक पुत्र हिर सिंह, जिसकी उम्र महज 1 वर्ष होने के कारण उनकी सास-ससुर ने उनका पालन पोषण करने के लिए भिंडाकुआं को छोड़कर पुरोहितों की बस्ती बान्दरा आ गए थे.

पूर्व सैनिक की पत्नी ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर जमीनी हक दिलाने की मांग की

उन्होंने बताया कि पूरे भिंडाकुआं गांव की तरमीन नहीं हैं. पूरे गांव की सयुंक्त खातेदारी 177 बीघा 30 खसरों में भूमि हैं, उसमें 150 वगैरा में खातेदार हैं, उसमें से 18वां हिस्सा मेरे दादा ससुर के पक्ष में आता हैं. उसके बाद 1/3 मेरे ससुर तीन भाई हैं. पुनमी देवी ने बताया कि मेरे ससुर और पति नाहर सिंह ने हमारे हिस्से की जमीन नामजद देवर के बेटे को हासिल पर दी थी, जो हमें अनाज के रूप में हासिल पहुंचाते थे. वो पूरे गांव को पता हैं, जो भी लाइट बिल और जो खर्चा आता था वो हम वहन करते थे, लेकिन कुछ वर्षों से उसने हमें हासिल देना बंद कर दिया.

पुनमी देवी ने कहा कि इस वर्ष तो हम लोगों भिंडाकुआं गांव गए. हमने अपनी जमीन पर खुद खेती करने की बात की, तो विवाद कर दिया. जिसके बाद हमनें मार्च में खेत साफ कर ज्वार की फसल बुआई कर हम वापिस पुरोहितों की बस्ती चले गए. बाद में लॉकडाउन लग गया. वहीं जिसके बाद 26 जुलाई को अपने खेत में घुस गए अपनी ज्वार (फसल) की कटाई करने लगे. तब उन्होनें उनपर हमला कर दिया, जिसमें उनके पक्ष के लोगों को चोटे आई है. जिसके बाद उन्होंने बालोतरा नाहटा अस्पताल में भर्ती करवाया गया. इसके बाड़मेर बालोतरा थाने में मामला दर्ज करवाया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के चलते आरोपी धमकियां दे रहे हैं.

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पुनमी देवी ने कहा कि उनके पति ने परिवार की नहीं पुरे भारत देश को परिवार मानकर देश की सेवा की, लेकिन आज वो इस संसार में नहीं हैं. तब उसे उनका जमीन में उसका हक होते हुए ये सब देखने को मिल रहा है. उसके बेटे पर लाठियां बरसाई, उसके देवर और उसके पुत्रों को परेशान किया जा रहा है. वह बहुत परेशान है, जिसके चलते वह आज बाड़मेर है. जिला कलेक्टर, एसपी और सैनिक बोर्ड से न्याय की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि गांव मौका देखकर मुझे उसका वास्तविक हक दिलाकर उसे न्याय दिलाएं.

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