बालोतरा (बाड़मेर). कोरोना महामारी के साथ एक और नई बीमारी ब्लैक फंगस ने लोगों में इतना डर पैदा कर दिया है कि लोग इसका इलाज करवाने के नाम से डरने लगे हैं. राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक मरीज का जोधपुर एम्स अस्पताल में उपचार चल रहा था, लेकिन जब उसे ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई उसके बाद जब उसका ऑपरेशन होना था तो ऐसे में परिजन उसे अस्पताल से अपने घर ले आए और अब अंधविश्वास में भोपा से झाड़-फूंक से मरीज को ठीक करवाने के चक्कर में उसकी जान खतरे में डाल रहे हैं.
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ऐसे में इस बात की भनक स्थानीय प्रशासन को लगने पर प्रशासन के आला अधिकारी मरीज के घर पहुंचे और उसके परिजनों से समझाइश कर रहे हैं की भोपो के झाड़-फूंक करवाने की वजह है उसका जोधपुर के एम्स अस्पताल में उपचार करवाएं ताकि मरीज की जान को बचाया जा सके.
जिले के कल्याणपुर के कांकराला ग्राम पंचायत के राजस्व गांव खारवा में ब्लैक फंगस के एक मरीज को जोधपुर के एम्स से परिजन ऑपरेशन के डर से घर लेकर आ गए ओर अब भोपों से झाड़ा लगवाकर उपचार करने लगे.
दरसअल खारवा निवासी 55 साल के सांवलराम देवासी के ब्लैक फंगस के मरीज होने की सूचना मिलने पर स्थानीय प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मरीज के घर पहुंचे और पूरी जानकारी ली. सर्वे में जानकारी मिलने पर प्रभारी मंगलाराम ने मरीज के घर के बाहर सूचना चस्पा कर अधिकारियों को सूचना दी. टीम ने मरीज के परिजन को वापस जोधपुर के एम्स में ले जाकर उपचार कराने की समझाइश की.
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बता दे कि जोधपुर के एम्स अस्पताल में सांवलराम का उपचार चल रहा था. सीटी स्केन सहित जांच करवाने पर ब्लैक फंगस होना पाए जाने पर परिजन ऑपरेशन और आंख-जबड़ा निकालने के डर से मरीज को दो दिन पूर्व घर लेकर आ गए. अब परिजन मरीज का उपचार देवी देवताओं की दुआ व भोपों से झाड़ फूंक कर करने लगे. ऐसे में अब प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को जानकारी मिलने के बाद मरीज के घर पहुंचे और उसके परिजनों से समझाइए कर रहे हैं ताकि मरीज की जान को बचाया जा सके