बाड़मेर. राज्य सरकार की ओर से कृषि उपज पर 2 फीसदी कृषक कल्याण शुल्क लगाया गया है. जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा ने इस शुल्क को वापस लेने और किसानों के विद्युत बिल माफ कर राहत पैकेज की घोषणा करने की मांग की है. इसे लेकर किसान मोर्चा ने राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.
बीजेपी किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष गिरधर सिंह कोटडिया ने बताया कि वर्तमान में किसान वर्ग वर्षा और ओलावृष्टि के कारण पीड़ित है. साथ ही कोरोना महामारी के कारण किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल रहा है. राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने किसान कल्याण के नाम से 2 फीसदी का मंडी शुल्क लागू किया है. जिसका जमकर विरोध हो रहा है. इस शुल्क का भार भी किसानों पर ही है.
पढ़ें- स्पेशल: पाली के कपड़ा उद्योग पर मंडरा रहा 'संकट', श्रमिकों के पलायन सहित कई समस्याएं
उन्होंने कहा कि व्यापारी वर्ग की ओर से भी मंडी शुल्क का विरोध किया जा रहा है. किसानों की कृषि उपयोग की बिक्री प्रभावित हो रही है. गिरधर सिंह ने कहा कि वैसे भी लंबे समय से लागू लॉकडाउन के कारण धरती पुत्रों को अपनी फसलों के सही मूल्य नहीं मिल रहे हैं.
इस साल अधिक वर्षा और ओलावृष्टि के कारण बहुत से किसानों की संपूर्ण फसलें नष्ट हो गई हैं. साथ ही बड़ी संख्या में अन्नदाता प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हुए हैं. किसानों की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर हो चुकी है. इन परिस्थितियों में किसान विद्युत बिलों का भुगतान करने में पूरी तरह से असमर्थ है.
पढ़ें- अब कोटा मेडिकल कॉलेज करेगा कोरोना मरीजों पर रिसर्च, 4 टॉपिक तय
उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले किसानों के लिए टिड्डी दल ने 10 महीने से लगातार हमले कर किसानों की फसलों को चौपट कर दिया है. जिसके लिए कई बार प्रशासन को सरकार के नाम ज्ञापन दिए गए. लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से उक्त टिड्डी दलों की ओर से किसानों की फसलों को नष्ट कर दिया गया है.
उन्होंने मांग की है कि प्रदेश में किसानों के कृषि और घरेलू विद्युत बिल माफ करने के साथ ही कृषि मंडियों में लागू किए गए 2 फीसदी कृषक कल्याण कोष के नाम पर मंडी शुल्क के फैसले को वापस लिया जाए. साथ ही गिरधर सिंह ने कहा कि अगर सरकार ने समय रहते इस आदेश को वापस नहीं लिया तो भाजपा किसान मोर्चा इसका विरोध करेगी और हमें प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ेगा.