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बाड़मेर: 10 वर्षों से बंद थार महोत्सव के आयोजन को फिर शुरू करवाने की मांग हुई तेज - थार महोत्सव

बाड़मेर में थार महोत्सव स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते पिछले एक दशक से बंद है. ऐसे में अब जिले में थार महोत्सव को फिर से शुरू करवाने की मांग अब मुखर हो चुकी है. इसी को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इसे शुरू करने की मांग की गई है.

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थार महोत्सव के आयोजन को फिर शुरू करवाने की मांग हुई तेज
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Published : Mar 6, 2021, 8:41 PM IST

बाड़मेर. कला एवं संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से होने वाला थार महोत्सव स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते पिछले एक दशक से बंद है. ऐसे में अब जिले में थार महोत्सव को फिर से शुरू करवाने की मांग अब मुखर हो चुकी है. इसी कड़ी में शनिवार को भी लोककला, संगीत से जुड़े कलाकारों और बाड़मेर के युवाओं ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर थार महोत्सव को फिर से शुरू करवाने की मांग की.

थार महोत्सव के आयोजन को फिर शुरू करवाने की मांग हुई तेज

युवा कांग्रेस जिला महासचिव स्वरुप सियोल ने बताया कि बाड़मेर जिले के पुरातात्विक इतिहास, धार्मिक और दर्शनीय स्थलों के प्रचार, बाड़मेर की लोककला एवं संस्कृति को अक्षुण बनाने के साथ जिले के लोक कलाकारों को अंतरराष्ट्रीय मंच दिलाने वाले थार महोत्सव के बंद होने से स्थानीय कलाकार अपनी प्रतिभा से पिछड़ते जा रहे हैं. साथ ही बाड़मेर संस्कृति, लोककला और पर्यटन क्षेत्र में विलुप्ति की ओर अग्रसर हो रहा है.

वहीं, स्थानीय लोक कलाकारों और युवाओं के अनुसार जब जैसलमेर जिले में मरू महोत्सव और जालोर में वार्षिक उत्सव का आयोजन हो सकता है तो बाड़मेर में थार महोत्सव का आयोजन क्यों नहीं. उनके अनुसार बाड़मेर में थार महोत्सव का आयोजन ना होना स्थानीय कलाकारों और आमजन के साथ कुठाराघात करने जैसा है. युवा कांग्रेस जिला महासचिव के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में स्थानीय लोक कलाकारों और थारवासियों ने मांग की.

पढ़ें: श्रीगंगानगर में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ की कोशिश, BSF ने युवक को किया ढेर

बात दें कि पिछले 10 सालों से बंद पड़े थार महोत्सव को लेकर ना पर्यटन विभाग अपनी रूचि दिखा रहा है और ना ही स्थानीय प्रशासन. ऐसे में थारवासी बेहद नाराज हैं और लगातार ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन को अवगत करवाकर थार महोत्सव को फिर से शुरू करवाने की मांग लगातार की जा रही है. ऐसे में स्थानीय लोगों की भावनाओं के अनुरूप प्रशासन सक्रीय भूमिका निभाकर थार महोत्सव को फिर से शुरू करवाने की दिशा में पहल करनी चाहिए. ताकि बाड़मेर की लोक संस्कृति, कला, पर्यटन को विलुप्त होने से बचाया जा सके.

बाड़मेर. कला एवं संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से होने वाला थार महोत्सव स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते पिछले एक दशक से बंद है. ऐसे में अब जिले में थार महोत्सव को फिर से शुरू करवाने की मांग अब मुखर हो चुकी है. इसी कड़ी में शनिवार को भी लोककला, संगीत से जुड़े कलाकारों और बाड़मेर के युवाओं ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर थार महोत्सव को फिर से शुरू करवाने की मांग की.

थार महोत्सव के आयोजन को फिर शुरू करवाने की मांग हुई तेज

युवा कांग्रेस जिला महासचिव स्वरुप सियोल ने बताया कि बाड़मेर जिले के पुरातात्विक इतिहास, धार्मिक और दर्शनीय स्थलों के प्रचार, बाड़मेर की लोककला एवं संस्कृति को अक्षुण बनाने के साथ जिले के लोक कलाकारों को अंतरराष्ट्रीय मंच दिलाने वाले थार महोत्सव के बंद होने से स्थानीय कलाकार अपनी प्रतिभा से पिछड़ते जा रहे हैं. साथ ही बाड़मेर संस्कृति, लोककला और पर्यटन क्षेत्र में विलुप्ति की ओर अग्रसर हो रहा है.

वहीं, स्थानीय लोक कलाकारों और युवाओं के अनुसार जब जैसलमेर जिले में मरू महोत्सव और जालोर में वार्षिक उत्सव का आयोजन हो सकता है तो बाड़मेर में थार महोत्सव का आयोजन क्यों नहीं. उनके अनुसार बाड़मेर में थार महोत्सव का आयोजन ना होना स्थानीय कलाकारों और आमजन के साथ कुठाराघात करने जैसा है. युवा कांग्रेस जिला महासचिव के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में स्थानीय लोक कलाकारों और थारवासियों ने मांग की.

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बात दें कि पिछले 10 सालों से बंद पड़े थार महोत्सव को लेकर ना पर्यटन विभाग अपनी रूचि दिखा रहा है और ना ही स्थानीय प्रशासन. ऐसे में थारवासी बेहद नाराज हैं और लगातार ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन को अवगत करवाकर थार महोत्सव को फिर से शुरू करवाने की मांग लगातार की जा रही है. ऐसे में स्थानीय लोगों की भावनाओं के अनुरूप प्रशासन सक्रीय भूमिका निभाकर थार महोत्सव को फिर से शुरू करवाने की दिशा में पहल करनी चाहिए. ताकि बाड़मेर की लोक संस्कृति, कला, पर्यटन को विलुप्त होने से बचाया जा सके.

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