बाड़मेर. सरकारी नौकरियों में भील आदिवासियों को 6 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर भील समुदाय के लोगों ने सोमवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. राजस्थान आदिवासी भील आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले भील समुदाय के लोगों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अनुसूचित जनजाति को दिए गए 12 प्रतिशत आरक्षण कोटे में से 6 प्रतिशत आरक्षण भील समुदाय को दिलाने की मांग की.
भील आरक्षण संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष भूराराम ने बताया कि भील समुदाय हर क्षेत्र में पिछड़ा हुआ समाज है और शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े होने के कारण युवाओं को किसी प्रकार का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. उनके अनुसार राज्य सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग में से गुज्जर समुदाय को 5% कोटा अलग से दिए जाने का निर्णय लिया है. हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जनजातियों को ए, बी श्रेणी में रखकर अलग-अलग आरक्षण कोटा दिया है.
उन्होंने मांग की है कि राज्य की गहलोत सरकार भी आरक्षण की श्रेणी तय कर अथवा देय 12 प्रतिशत आरक्षण कोटे में से 6% का आरक्षण भील समुदाय के लिए लागू करे. अन्यथा आदिवासी समुदाय को अपने हक के लिए सड़कों पर उतरना पड़ेगा. धरना प्रदर्शन के बाद आदिवासी भील समाज के लोगों ने जिला कलेक्टर के मार्फत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपकर आदिवासी भील समुदाय को आरक्षण दिलाने की मांग की.
गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाने की मांग
बाड़मेर जिले के धोरीमना की ग्राम पंचायत भीमथल में ओरण गैर मुमकिन गोचर भूमि पर हुए अतिक्रमण को मुक्त करवाने की मांग को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने सोमवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पहुंचकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
जिले की ग्राम पंचायत भीमथल में ओरण गैर मुमकिन गोचर भूमि गांव के ही कुछ लोगों द्वारा लगातार अतिक्रमण किया जा रहा है. इसी की शिकायत लेकर गांव के ग्रामीणों ने सोमवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पहुंचकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर गैर मुमकिन गोचर भूमि पर हुए अतिक्रमण को मुक्त करवाने की मांग की. ज्ञापन देने आए ग्रामीणों के अनुसार ग्राम पंचायत भीमथल की ओरण गैर मुमकिन गोचर भूमि खसरा नंबर 452, 275,276 मे गांव के ही कई लोगों ने अतिक्रमण कर कच्चे पक्के मकान बना रखे हैं. जैसे ही मकान बनने शुरू हुए उसकी शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा प्रशासन को की गई. लेकिन प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है.