बाड़मेर. कहते हैं संकट कितना भी बड़ा हो, लेकिन अगर आप हिम्मत नहीं हारते तो आपको कोई नहीं हरा सकता. ऐसे ही बुलंद हौसलों की मिसाल हैं, बाड़मेर की मधु. जब मधु ने बच्चे को जन्म दिया और कोरोना की आशंका से उनका कोरोना टेस्ट (Corona Test) हुआ, तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई. साथ ही उनके फेफड़ों में इन्फेक्शन इतनी तेजी के साथ बढ़ा कि उनका एचआरटीसी स्कोर (HRTC Score) 24 पर पहुंच गया. पर समय रहते उचित उपचार मिलने की वजह से मधु कोरोना को मात देकर गुरुवार को 35 दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज हुईं.
दरअसल, जिले के बगतपुरा निवासी मधु जो गर्भवती थीं और उन्हें गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया. डिलीवरी होने के बाद उनका सीटी स्कैन करवाया गया, तो फेफड़ों में इन्फेक्शन (एचआरटीसी स्कोर 24) बहुत ज्यादा था. अस्पताल के डॉक्टर अनिल सेठिया ने दिन-रात मेहनत करके उपचार किया.
डॉक्टर सेठिया और उनकी टीम की मेहनत रंग लाई और मधु ने कोरोना को हरा दिया. डॉ अनिल सेठिया बताते हैं कि 20 मई को मधु इमरजेंसी वार्ड में भर्ती हुई थी. उस समय स्थिति बेहद गंभीर थी और सबसे बड़ी बात यह थी कि वो गर्भवती थी. ऐसे में डिलीवरी होने के बाद सीटी स्कैन जांच में फेफड़ों में इन्फेक्शन बेहद खतरनाक स्तर पर मिला. लेकिन मधु की हिम्मत को देखते हुए मेडिकल स्टाफ ने इस स्थिति को चुनौती की तरह लिया.
सात दिन बेस सर्किट (वेंटिलेटर से पहले) में रखा गया और फिर मरीज को हाई-फ्लो ऑक्सीजन पर रखा गया था. इस दौरान मधु ने भी हिम्मत नहीं हारी और धीरे-धीरे अच्छी रिकवरी होती गई. गुरुवार को पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद मधु को डिस्चार्ज किया गया. जच्चा और बच्चा दोनों के स्वस्थ होने पर डॉक्टर सेठिया खुशी जताते हुए कहते हैं कि यह हम सबके लिए सुखद अनुभव है.
आज दो पॉजिटिव, तीन हुए रिकवर
बाड़मेर में कोविड-19 की रफ्तार अब कम होने लगी है. गुरुवार को आई कोविड-19 की रिपोर्ट के अनुसार जिले में कोरोना के 2 नए पॉजिटिव मरीज सामने आए. इसके साथ ही जिले में एक्टिव केस 46 रह गए हैं.