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बाड़मेर: राजकीय विद्यालयों के कुक कम हेल्परों ने राजस्व मंत्री को सौंपा ज्ञापन, मानदेय बढ़ाने की मांग

बाड़मेर जिला मुख्यालय पर रविवार को जनसुनवाई आयोजन किया गया. यह जनसुनवाई राजस्व मंत्री हरीश चौधरी की ओर से आयोजित की गई थी. इस दौरान राजकीय विद्यालयों की कुक कम हेल्परों ने हरीश चौधरी को ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने अपनी मानदेय बढ़ाने की मांग की है.

Barmer news, बाड़मेर की खबर
कुक कम हेल्परों ने राजस्व मंत्री को सौंपा ज्ञापन
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Published : Feb 16, 2020, 11:09 PM IST

बाड़मेर. जिला मुख्यालय पर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी की ओर से रविवार को जनसुनवाई का आयोजन किया गया. इस दौरान राजकीय विद्यालयों में लगी ग्रामीण इलाकों की कुक कम हेल्पर महिलाओं ने राजस्व मंत्री को ज्ञापन सौंपा. ये ज्ञापन उन्होंने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर दी. साथ ही चेतावनी भी दी, कि अगर मानदेय नहीं बढ़ाया गया तो वे स्कूलों में पोषाहार बनाना बंद कर देंगी.

कुक कम हेल्परों ने राजस्व मंत्री को सौंपा ज्ञापन

कुक कम हेल्परों ने बताया, कि वे सभी राजकीय विद्यालयों में लगभग 22 सालों में खाना पकाने का काम कर रही है. इस काम में उनका करीबन आधा दिन विद्यालय में ही जाता है और उस काम के बदले उन्हें बेहद कम मजदूरी मिलती है. उनके हिसाब से दिन के 40 रुपए के हिसाब से मानदेय के नाम पर उन्हें सिर्फ 1320 रुपए प्रति महीने ही मिलते है, जो कि बेहद कम है.

पढ़ें- बाड़मेर: 29 फरवरी को आयोजित होगा 'थार के वीर' कार्यक्रम, तैयारियां शुरू

उन्होंने बताया, कि सरकार उनका काम तो बढ़ा रही है, लेकिन मानदेय के नाम पर उन्हें ठगा जा रहा है, कमठा मजदूर से भी कम उन्हें मजदूरी मिल रही है. उन्होंने मांग की है कि उनका मानदेय कम से कम 10 हजार रुपए प्रति महीना किया जाए. इस दौरान बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन से भी मुलाकात कर उन्होंने मानदेय बढ़ाने की मांग भी की है.

बाड़मेर. जिला मुख्यालय पर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी की ओर से रविवार को जनसुनवाई का आयोजन किया गया. इस दौरान राजकीय विद्यालयों में लगी ग्रामीण इलाकों की कुक कम हेल्पर महिलाओं ने राजस्व मंत्री को ज्ञापन सौंपा. ये ज्ञापन उन्होंने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर दी. साथ ही चेतावनी भी दी, कि अगर मानदेय नहीं बढ़ाया गया तो वे स्कूलों में पोषाहार बनाना बंद कर देंगी.

कुक कम हेल्परों ने राजस्व मंत्री को सौंपा ज्ञापन

कुक कम हेल्परों ने बताया, कि वे सभी राजकीय विद्यालयों में लगभग 22 सालों में खाना पकाने का काम कर रही है. इस काम में उनका करीबन आधा दिन विद्यालय में ही जाता है और उस काम के बदले उन्हें बेहद कम मजदूरी मिलती है. उनके हिसाब से दिन के 40 रुपए के हिसाब से मानदेय के नाम पर उन्हें सिर्फ 1320 रुपए प्रति महीने ही मिलते है, जो कि बेहद कम है.

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उन्होंने बताया, कि सरकार उनका काम तो बढ़ा रही है, लेकिन मानदेय के नाम पर उन्हें ठगा जा रहा है, कमठा मजदूर से भी कम उन्हें मजदूरी मिल रही है. उन्होंने मांग की है कि उनका मानदेय कम से कम 10 हजार रुपए प्रति महीना किया जाए. इस दौरान बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन से भी मुलाकात कर उन्होंने मानदेय बढ़ाने की मांग भी की है.

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