बाड़मेर. कोरोना महामारी के दौरान फ्रंट लाइन में खड़े होकर नर्सिंग कर्मी सेवाएं दे रहे हैं. वहीं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संविदा पर कार्यरत नर्सिंग कर्मी नर्सेज एसोसिएशन राजस्थान के आह्वान पर सोमवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने जिला कलेक्टर विश्राम मीणा और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कमलेश चौधरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपकर मानदेय बढ़ाने की मांग की.
इस दौरान उन्होंने मांग की है कि वेतन को 6 हजार 952 से बढ़ाकर ₹26 हजार 500 प्रतिमाह किया जाए. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार और सड़कों पर सार्वजनिक भीख मांग कर विरोध प्रदर्शन करेंगे. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संविदा पर कार्यरत नर्सिंग कर्मियों ने सोमवार को जिला कलेक्टर विश्राम मीणा और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कमलेश चौधरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपकर उनका मानदेय बढ़ाने की मांग की है.
एनएचएम संविदा कर्मचारी 2016 ने बताया कि राजस्थान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत हैं. हमें अल्प मानदेय 6 हजार 952 रुपए प्रतिमाह दिया जा रहा है. इस अल्प मानदेय से परिवार चलाना तो दूर की बात है कि खुद का भी पेट नहीं पाल पा रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के इस मुश्किल दौर में फ्रंट लाइन में खड़े होकर दिन रात कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं. आइसोलेशन वार्ड में मरीजों की देखभाल कर रहे हैं, लेकिन हमें नाममात्र का वेतन मिल रहा है. उन्होंने बताया कि पूरे भारत में संविदा कर्मिकों की शैक्षणिक योग्यता समान है. ऐसे में समान योग्यता समान वेतन की तर्ज पर उनका वेतन भी ₹26 हजार 500 प्रतिमाह किया जाए. अगर 10 दिन में उनके मानदेय को नहीं बढ़ाया गया तो प्रदेश भर के 32 सौ नर्सिंग कर्मचारी सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेंगे.