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Rajasthan Election 2023 : सिवाना सीट पर एक से अधिक टिकट के दावेदारों ने बढ़ाई कांग्रेस-भाजपा की मुश्किलें, जानें समीकरण

Rajasthan Assembly Election 2023, बाड़मेर के सिवाना विधानसभा सीट पर एक से अधिक टिकट के दावेदार होने से भाजपा और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई है. फिलहाल इस सीट पर भले ही भाजपा का कब्जा हो, लेकिन कांग्रेस भी इसे जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं.

Rajasthan Election 2023
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 20, 2023, 9:48 AM IST

बाड़मेर (बालोतरा). विधानसभा चुनाव सिर पर है, जिसको लेकर दलगत चुनावी तैयारियों का सिलसिला भी तेज हो गया है. साथ ही टिकट के दावेदारों की धड़कनें भी तेज हो गई है. वहीं, जिले के सिवाना विधानसभा में भी राज्य की प्रमुख दोनों ही सियासी पार्टियों कांग्रेस और भाजपा में भी सियासी घमासान चरम पर है. इधर, उम्मीदवारों की सूची आने से पहले जनता में भी संभावित प्रत्याशियों को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है.

भाजपा से विधायक पद के उम्मीदवारों की बात करें तो वर्तमान विधायक हमीरसिंह भायल जो दो बार लगातार विधायक पद पर रहने से उनकी दावेदारी को मजबूत माना जा रहा हैं. वहीं, युवा नेता सोहन सिंह भायल भी अपनी दावेदारी पेश किए है. सोहन सिंह की युवाओं में अच्छी पकड़ है. समाजसेवी और पार्टी से जुड़े नेता गंगा सिंह काठाड़ी भी लंबे समय से क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने से लेकर पोस्टर प्रचार कर रहे हैं. साथ ही दिल्ली में अपने कारोबार के चलते पार्टी के उच्च नेताओं तक अपनी साख रखते हैं, जिसकी बदौलत अपनी दावेदारी पेश किए हैं.

इसे भी पढ़ें - Rajasthan Assembly Election 2023 : शेरगढ़ के सियासी मंच से टिकट के दावेदार पति-पत्नी ने की सीएम की तारीफ, गहलोत बोले- सर्वे में नाम, तभी मिलेगा टिकट

भाजपा में इस बार सिवाना विधानसभा से दावेदारों की सूची लंबी है. इस दौड़ में संघ से जुड़े युवा नेता डॉ. जोगेंद्र सिंह सिलोर, पूर्व विधायक कानसिंह कोटड़ी, खेतसिंह भाटी, पृथ्वीसिंह रामदेरिया के साथ ही बाबूलाल परिहार भी अपना दमखम दिखा रहे हैं. वहीं, कांग्रेस में भी इस बार कुछ ऐसे ही हाल है. पार्टी पिछले लंबे समय इस सीट को हार रही है. ऐसे में इसे जीतने के लिए लगातार जिताऊ प्रत्याशी की तलाश की जा रही है. दूसरी ओर टिकट को लेकर भी यहां खींचतान और गुटबाजी अब सामने आने लगी है.

कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने इस बार दावेदारी जताने का रिकॉर्ड बना दिया है, जो पहली बार हुआ है. कांग्रेस के खाते में सिवाना की सीट को पिछले लंबे समय से हारा हुआ माना जाता रहा है. मगर इस बार पार्टी इस सीट को किसी भी सूरत में जीतना चाहती है. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के आला नेताओं की हरी झंडी पर ही पिछले लंबे समय से सुनील परिहार लोगों में अपनी पैठ बना रहे हैं. साथ ही दावेदारी को लेकर गणित बैठाने की कोशिश कर रहे हैं.

इधर, कांग्रेस के दूसरे खेमे के सभी नेता अपनी अलग ही जाजम बिछाए बैठे हैं, जिसमें वालाराम चौधरी पूर्व जिला प्रमुख, पूर्व विधायक गोपाराम मेघवाल, बगदाराम चौधरी, भंवरलाल देवासी पंचायत समिति सदस्य, पूर्व प्रधान ओमाराम मेघवाल, वर्तमान प्रधान मुकनसिंह राजपुरोहित, रामनिवास आचार्य, पूर्व प्रधान गरिमा राजपुरोहित सहित अन्य नेताओं ने अपनी दावेदारी पेश की है. फिलहाल नेताओं में टिकट को लेकर बने घमासान पर मंथन का दौरा जारी है.

बाड़मेर (बालोतरा). विधानसभा चुनाव सिर पर है, जिसको लेकर दलगत चुनावी तैयारियों का सिलसिला भी तेज हो गया है. साथ ही टिकट के दावेदारों की धड़कनें भी तेज हो गई है. वहीं, जिले के सिवाना विधानसभा में भी राज्य की प्रमुख दोनों ही सियासी पार्टियों कांग्रेस और भाजपा में भी सियासी घमासान चरम पर है. इधर, उम्मीदवारों की सूची आने से पहले जनता में भी संभावित प्रत्याशियों को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है.

भाजपा से विधायक पद के उम्मीदवारों की बात करें तो वर्तमान विधायक हमीरसिंह भायल जो दो बार लगातार विधायक पद पर रहने से उनकी दावेदारी को मजबूत माना जा रहा हैं. वहीं, युवा नेता सोहन सिंह भायल भी अपनी दावेदारी पेश किए है. सोहन सिंह की युवाओं में अच्छी पकड़ है. समाजसेवी और पार्टी से जुड़े नेता गंगा सिंह काठाड़ी भी लंबे समय से क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने से लेकर पोस्टर प्रचार कर रहे हैं. साथ ही दिल्ली में अपने कारोबार के चलते पार्टी के उच्च नेताओं तक अपनी साख रखते हैं, जिसकी बदौलत अपनी दावेदारी पेश किए हैं.

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भाजपा में इस बार सिवाना विधानसभा से दावेदारों की सूची लंबी है. इस दौड़ में संघ से जुड़े युवा नेता डॉ. जोगेंद्र सिंह सिलोर, पूर्व विधायक कानसिंह कोटड़ी, खेतसिंह भाटी, पृथ्वीसिंह रामदेरिया के साथ ही बाबूलाल परिहार भी अपना दमखम दिखा रहे हैं. वहीं, कांग्रेस में भी इस बार कुछ ऐसे ही हाल है. पार्टी पिछले लंबे समय इस सीट को हार रही है. ऐसे में इसे जीतने के लिए लगातार जिताऊ प्रत्याशी की तलाश की जा रही है. दूसरी ओर टिकट को लेकर भी यहां खींचतान और गुटबाजी अब सामने आने लगी है.

कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने इस बार दावेदारी जताने का रिकॉर्ड बना दिया है, जो पहली बार हुआ है. कांग्रेस के खाते में सिवाना की सीट को पिछले लंबे समय से हारा हुआ माना जाता रहा है. मगर इस बार पार्टी इस सीट को किसी भी सूरत में जीतना चाहती है. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के आला नेताओं की हरी झंडी पर ही पिछले लंबे समय से सुनील परिहार लोगों में अपनी पैठ बना रहे हैं. साथ ही दावेदारी को लेकर गणित बैठाने की कोशिश कर रहे हैं.

इधर, कांग्रेस के दूसरे खेमे के सभी नेता अपनी अलग ही जाजम बिछाए बैठे हैं, जिसमें वालाराम चौधरी पूर्व जिला प्रमुख, पूर्व विधायक गोपाराम मेघवाल, बगदाराम चौधरी, भंवरलाल देवासी पंचायत समिति सदस्य, पूर्व प्रधान ओमाराम मेघवाल, वर्तमान प्रधान मुकनसिंह राजपुरोहित, रामनिवास आचार्य, पूर्व प्रधान गरिमा राजपुरोहित सहित अन्य नेताओं ने अपनी दावेदारी पेश की है. फिलहाल नेताओं में टिकट को लेकर बने घमासान पर मंथन का दौरा जारी है.

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